यह कहानी आंध्र प्रदेश की है. आंध्रप्रदेश के मध्य में आता है पल्नाडु जिला. तेलुगु इतिहास में सतवाहन राजाओं के साम्राज्य के पतन के समय पल्लव वंश के राजा ने यहां कृष्णा नदी की घाटी में स्वतंत्र राज्य की स्थापना की थी, इसलिए इस क्षेत्र को पल्लवनाडु के रूप में जाना जाता है, जो आज बिगड़तेबिगड़ते पल्नाडु हो गया है. इस जिले का मुख्यालय नरसारावपेट है.

नरसारावपेट शहर की एसआरकेटी कालोनी में मध्यमवर्गीय लोग रहते हैं. 40 वर्षीया जान बी पठान भी इसी कालोनी में रहती थी. मेहनत मजदूरी करने वाली जान बी का गठा शरीर होने की वजह से वह 30 साल की ही लगती थी. जान बी के पति का नाम शब्बीर था. करीब 15 साल पहले एक दुर्घटना में उस की मौत हो गई थी.

पति की मौत के बाद हिम्मत हारने के बजाय जान बी ने मेहनत कर के अपने 2 बेटों को अच्छी तरह पालापोसा. 17 साल के बड़े बेटे का नाम सुभान तो 16 साल के छोटे बेटे का नाम इलियास था. ये दोनों भी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए मां के काम में मदद करने लगे थे.

अधेड़ उम्र का प्यार

साल 2020 में इसी कालोनी में 36 साल का शेख बाजी रहने आया. दिखने में फिल्मी हीरो जैसा सुंदर शेख बाजी टपोरी था और इस इलाके में उस ने एक दबंग के रूप में अपनी छवि बना रखी थी. अकसर छोटेमोटे झगड़ों में उस का नाम आता रहता था.

शेख बाजी शादीशुदा था. उस के परिवार में पत्नी मोबीना के अलावा एक बेटी और 2 बेटे थे. रंगीनमिजाज इस दबंग की नजर जान बी पर पड़ी तो जम कर रह गई. मदद करने के बहाने उस ने जान बी के घर में प्रवेश किया तो जान बी को प्रभावित करने के लिए छोटीमोटी आर्थिक मदद भी करने लगा. विधवा जान बी ने शुरूशुरू में तो उसे कोई खास तवज्जो नहीं दी, पर शेख बाजी ने धैर्यपूर्वक दाना डालना चालू रखा.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
₹ 399₹ 299
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 12 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
₹ 1239₹ 799
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...