मंगलवार का दिन था. द्वारका के एक घर में दोपहर बाद दरबार लग चुका था. दोमंजिला मकान के एक बड़े कमरे में लाल रंग के सिंगल भव्य सोफे पर आध्यात्मिक गुरु आ कर बैठ चुका था. उसे लोग मसानी बाबा या फिर दुल्हनिया बाबा के नाम से जानते थे.

उस का दरबार शनिवार और मंगलवार को 5 से 6 घंटे के लिए आयोजित किया जाता था. बीते शनिवार को लगे दरबार की तुलना में उस रोज कुछ ज्यादा ही अनुयाई जमीन पर बैठे थे. उन में अधिकतर औरतें थीं. वे फुसफुसाती हुईं आपस में बातें कर रही थीं.

कमरे में उन की बातचीत का मिलाजुला और मद्धिम शोर गूंज रहा था. कोने में एक कैमरामैन बाबा के अलावा अनुयायियों की ओर भी कैमरे को घुमा कर वीडियो शूट कर रहा था. वैसे दरबार में मोबाइल से किसी भी तरह की फोटो या वीडियो बनाने की सख्त मनाही थी.

दरबार में अंदर जाने के लिए प्रवेश द्वार पर एक व्यक्ति मुस्तैदी से तैनात था. उस की अनुमति के बगैर कोई भी कमरे में नहीं जा सकता था. जबकि एक अन्य व्यक्ति दरबार में प्रसाद बांट रहा था. थोड़ी देर पहले ही वहीं बने छोटे से मंदिर में आरती खत्म हुई थी. शोरगुल प्रसाद को ले कर भी था.

बाबा ठीक अपने आगे बैठी एक महिला को कुछ समझा रहा था. महिला का एक हाथ बाबा के सजेसंवरे चरण पर था, जबकि दूसरे हाथ से वह अपने साथ लाई मिठाई का डिब्बा खोल रही थी. बाबा बोले, “कोई बात नहीं, दोनों हाथों से डिब्बा खोल लो. चुन्नी सिर पर रख लो. अगली बार लाल चुन्नी में आना, तभी पूरा आशीर्वाद मिल पाएगा.”

सिर झुकाए महिला ने कुछ बोले बगैर मिठाई का डिब्बा खोल लिया. मिठाई के अलावा महिला ने साथ लाए सेब और केले रख दिए. दोनों हाथों से डिब्बे को बाबा के सामने कर दिया. बाबा उस पर अपना हाथ फिराते हुए बोला, “इसे मंदिर में रख दो.”

“गुरुजी, मेरी समस्या का समाधान हो जाएगा न?” जिज्ञासा के साथ महिला ने पूछा.

“यह भी पूछने की बात है. मुझ पर प्रभु की कृपा है, मैं तुम्हारे सारे दुखदर्द दूर कर दूंगा, लेकिन!”

“लेकिन क्या गुरुजी?” महिला ने आश्चर्य से पूछा.

“तुम्हें मैं ने जो उपाय बताए हैं, वह कल ही करने होंगे.” बाबा बोला.

“कल तो बुधवार है?” महिला बोली.

“तो क्या हुआ तुम्हें गुरुधारण करनी होगी. यह गुरु सेवा का पहला चरण होगा. उस पर आने वाला खर्च आज ही जमा करवाना होगा,” बाबा बोला.

“गुरुजी, मैं तो पहले ही आप को बहुत रुपया दे चुकी हूं.” महिला बोली.

“यह मसानी चौकी का दरबार है, यहां मोलतोल नहीं होता. माता रानी रूठ जाएंगी. शुद्ध घी के दिए कैसे जलेंगे? 7 दिनों के दुग्ध स्नान पर भी खर्च आएगा. कई पकवानों का भंडारा कैसे होगा? 2-ढाई सौ लोग तो आएंगे ही…” बाबा ने खर्च गिनवाने शुरू कर दिए थे.

इस बीच शोरगुल कुछ अधिक होने लगा था. बाबा ने अचानक भक्त महिलाओं की ओर नजर उठाई. डपटते हुए बोला, “क्या तुम लोगों ने इसे मछली बाजार बना रखा है. चलो, शांत हो जाओ…आगे आओ, अब किस की बारी है?”

दरबार में महिलाओं की लगती थी भीड़

कुछ देर में बाबा के चरणों के पास दूसरी महिला आ कर बैठ गई थी. वह लाल चुन्नी ओढ़े थी. बाबा ने उस की चुन्नी ले कर खुद ओढ़ ली. बोला, “मैं दुल्हन से कम सुंदर नहीं हूं…मसानी बाबा हुआ तो क्या हुआ…मेरी जीभ पर सत्य का वास है. मैं जो बोलता हूं वही होता है. मेरे आशीर्वाद से भक्तों की इच्छाएं पूरी होती हैं…”

कैमरापरसन बाबा और भक्त के बीच चल रही गतिविधियों को काफी अच्छी तरह से कैमरे में कैद कर रहा था. कैमरे का फोकस कभी बाबा के चमकते क्रीम कलर के कुरते और चूड़ीदार पाजामे पर होता था तो कभी चौड़ी पट्टियों के मोतियों की माला और उस के साथ चमकते लौकेट को जूम कर दिया जाता था.

ऐसा करते हुए उस ने कुछ सेकेंड के लिए बाबा के पैरों को भी फोकस कर दिया था. पैरों में नवविवाहिता की तरह आलता लगाया था और पायल भी. नीचे से कैमरा जब सीधा चेहरे पर फोकस हुआ, तब उन की आंखों में लगा काजल भी कुछ सेकेंड के लिए रिकौर्ड हो गया.

वीडियो बनाते वक्त कैमरापरसन इस बात का खास ध्यान रखे हुए था कि साथ वाली महिला का चेहरा स्पष्ट नहीं दिखने पाए. दरअसल, वह बाबा के यूट्यूब चैनल के लिए वीडियो बना रहा था. बाबा एक यूट्यूबर भी था, जिस पर 900 के करीब वीडियो थे. उन के फालोअर्स की संख्या भी हजारों में थी. वीडियो देख कर ही हजारों की संख्या में उस के भक्त बन गए थे.

यह सब इसी साल के अगस्त माह के अंतिम सप्ताह की बात है. बाबा के मसानी ‘दरबार’ में मंगलवार और शनिवार को छोड़ कर दूसरे दिन भी भक्त आते थे. उन दिनों में खासखास भक्तों की समस्याओं के समाधान के लिए अनुष्ठान आदि के कार्य होते थे. भक्त महिलाएं परिवार समेत या फिर अकेले अनुष्ठान में भाग लेती थीं. यह सिलसिला बीते कई सालों से चल रहा था.

बाबा के दरबार में अधिकतर भक्त अपने मन की पीड़ा को दूर करने के लिए आते थे. कुछ अपने स्वास्थ्य की समस्याएं भी बताते थे, जिन का इलाज अस्पतालों में चल रहा होता था. बाबा उन्हें स्वस्थ रहने के कुछ घरेलू उपाय बता देता था, फिर समस्या को समूल नष्ट करने के लिए उन से अनुष्ठान करवाने को कहता था. वे उपाय खर्चीले होते थे. खर्च भक्त को वहन करना हाता था. बाबा का कहना था कि संकटग्रस्त काफी लोगों को उस के आशीर्वाद से लाभ मिला है.

पुलिस ने दबोचा ढोंगी बाबा को

अक्तूबर की 10 तारीख को भी मंगलवार ही था. बाबा के दरबार की तैयारी सफाई के साथ शुरू हो चुकी थी. सुबहसुबह एक सफाईकर्मी आ गया था. वह मकान के बाहरी हिस्से में झाड़ू लगा रहा था. इसी बीच द्वारका (नार्थ) थाने की एसआई रश्मि धारीवाल और एसआई धर्मेश एसएचओ संजीव पाहवा के साथ ककरोला गांव में बाबा के मकान पर आ धमके थे. इतनी सुबह 3-3 पुलिस अधिकारियों को देख कर वह हड़बड़ा गया.

घबराहट के साथ बोला, “जी…जी…किस से मिलना है? अभी दरबार नहीं लगा है.”

एसआई रश्मि तीखेपन के साथ सामने सीढिय़ों की तरफ इशारा करते हुए बोली, “ऊपर कौन है? दरवाजा खोलो.”

“जी…जी…मैडम!”

इसी बीच 2 पुलिसकर्मी दरवाजा खोल कर धड़धड़ाते हुए ऊपरी मंजिल पर जा पहुंचे. देखते ही देखते एक कमरे से बाबा को घरेलू कपड़े में ही थाने चलने को कहा. जब बाबा और वहां मौजूद उन के सहयोगी ने ऐसा करने का कारण पूछा, तब एसआई रश्मि गुस्से में बोली, “इस के खिलाफ रेप की शिकायत है.”

“यह क्या कह रही हो तुम? जानती नहीं मैं कौन हूं?” बाबा बोला.

“तू कुछ भी ना है, तेरे खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट है, तुझे जो कुछ कहना है कोर्ट में कहियो…” एसआई डपटते हुए बोले.

दिल्ली में द्वारका (नार्थ) के एक थाने में चर्चित स्वयंभू बाबा बने विनोद कश्यप के खिलाफ 2 महिलाओं ने सितंबर में ही यौन शोषण और ठगी का आरोप लगाया था. उन के द्वारा दर्ज एफआईआर में दोनों महिलाओं में से एक की शिकायत थी, “मैं अपने पति और 2 बच्चों के साथ रहती हूं. अपने परिवार के लिए शांति और अच्छा स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए बाबा विनोद कश्यप के दरबार में गई थी, जहां मुझे बताया गया कि अगर मैं बाबा द्वारा बताए गए कुछ समाधानों का पालन नहीं करूंगी तो मेरे घर में कई समस्याएं होंगी.”

बाबा पर रेप का लगा आरोप

एक अन्य महिला ने आरोप लगाया था, “मैं ने और मेरे पति ने सब कुछ किया, तब कश्यप ने हमें बताया कि हमें ‘गुरुधारणा’ करनी है, जिस के लिए उन्होंने मुझ से 5 लाख रुपए की मांग करनी शुरू कर दी. मैं ने मना कर दिया. फिर उस ने मुझे 2 सितंबर को सेवा करने के लिए बुलाया. कश्यप अपने कमरे में बैठा था और उस ने मुझे अंदर बुलाया. वह मुझे गलत तरीके से छूने लगा, जिस का मैं ने विरोध किया. फिर उस ने मुझे प्रसाद दिया जिस से मैं बेहोश हो गई, उस के बाद उस ने मेरे साथ बलात्कार किया.”

पुलिस उस तथाकथित मसानी बाबा को थाने ले आई

थाने में हुई पूछताछ से पता चला कि बाबा का असली नाम विनोद कश्यप है. वह एक समय में दिल्ली के एक हौस्पिटल में नर्स की नौकरी करता था. वेतन 25 हजार रुपए था. अचानक उस ने यूट्यूबर बनने की सोची.

मन में नए तरह का वीडियो बनाने का विचार आया. इस के लिए उस ने पहले सैंकड़ों तरह के यूट्यूब देखे. उस ने यह मालूम किया कि लोगों को किस तरह के वीडियो देखने में अधिक दिलचस्पी है और किस में अधिक सब्सक्राइबर बन जाते हैं. इस तरह यूट्यूब की छानबीन करने के सिलसिले में पता चला कि लोग आध्यात्मिक वीडियो खूब देखते हैं और उस से अच्छी कमाई भी होती है. फिर या था उस ने भी आध्यात्मिक गुरु का नकली चोला पहन कर वीडियो बनाने शुरू कर दिए.

कुछ नया करने के लिए बाबा का एक चमत्कारी रूप धारण किया. अद्र्धनारीश्वर बन कर महिलाओं की निजी समस्याएं खत्म करने के दावे के वीडियो बना कर अपलोड करने लगा. वीडियो को अपने अजीबोगरीब हरकतों से नाटकीय रूप दिया. कभी भक्तिभाव का प्रवचन तो कभी विभिन्न तरह की समस्याओं में लाइलाज रोगों का बखान कर उन के शर्तिया समाधान की भी बात कही.

मसानी बाबा के नाम से हो गया मशहूर

जल्द ही 33 वर्षीय विनोद कश्यप मसानी बाबा के नाम से एक चर्चित यूट्यूबर बन गया. जल्द ही उस के 34.5 हजार फालोअर्स हो गए. उन में हजारों की संख्या में सब्सक्राइबर थे. वे बाबा के नए वीडियो का इंतजार करते रहते थे. अपनी इस सफलता से उस ने अस्पताल की नौकरी छोड़ दी. स्वयंभू बाबा की आध्यात्मिकता अपनाने के बाद द्वारका क्षेत्र के ककरोला गांव में अपने दोमंजिला घर में ‘दरबार’ लगाना शुरू कर दिया.

उस ने दावा किया कि लोगों की व्यक्तिगत और स्वास्थ्य समस्याओं को हल करने के लिए उसे ‘प्रभु का आशीर्वाद’ प्राप्त है. जल्द ही वह लोकप्रिय हो गया. उस के अनुयाई लगातार बढऩे लगे. सप्ताह भर में लगभग 400 ‘संकटग्रस्त’ लोग आशीर्वाद लेने के लिए उस के घर आने लगे. उसी बाबा पर यौन शोषण और ठगी का आरोप लगा था.

डीसीपी (द्वारका) हर्षवर्धन के अनुसार, विनोद कश्यप को उस के दरबार में 2 महिला भक्तों की शिकायतों के आधार पर यौन उत्पीडऩ के 2 मामलों में गिरफ्तार किया गया. दोनों आरोपियों के मामलों में विनोद कश्यप पर यह आरोप लगाया गया कि उस ने महिला भक्तों को समस्याओं में मदद करने के बहाने बुलाया और उन से कहा कि उन्हें ‘गुरु सेवा’ की जानी चाहिए. फिर उस ने महिलाओं का यौन उत्पीडऩ किया और उन्हें घटना का खुलासा न करने की धमकी दी.

महिलाएं जब इस के पास अपनी समस्याएं ले कर आती थीं, तब वह और धीरेधीरे उन का हमदर्द बन कर दोस्ती कर लेता था और फिर इस की आड़ में गंदा खेल खेलता था. उन्हें शिकार बनाने के लिए मिठाई आदि में नशीली दवा मिला कर खिला देता था. फिर रेप करता और ब्लैकमेल करता था. महिलाएं डर जाती थीं.

पुलिस ने भादंवि की धाराओं 326 और 506 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर पाखंडी बाबा विनोद कश्यप को कोर्ट में पेश कर 3 दिन की कस्टडी रिमांड पर ले लिया. उस पर आरोप लगाने वाली महिलाओं में से एक ने मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दिया. जिस में विनोद के खिलाफ आरोप दोहराए गए. पुलिस की जांच में पाया गया कि वह शादीशुदा है और शादी 2015 में हुई थी. उस के 3 बच्चे भी हैं.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...