Agra News : पति की मौत के बाद लक्ष्मी देवी ने ही अपने एकलौते बेटे शिवम की परवरिश की थी. इस के बाद शिवम को पड़ोस में रहने वाली रानी से प्यार ही नहीं हुआ, बल्कि दोनों ने आर्यसमाज मंदिर में शादी भी कर ली. फिर ऐसा क्या हुआ कि शिवम को रानी के सामने ही अपनी मां की हत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा...
जब किसी को किसी से प्यार हो जाए, तो उस की हालत अजीब हो जाती है. सोतेजागते उस का ही खयाल, उस के ही सपने आते हैं. सीने में अजीब सी आग भरी होने का अहसास होता है. इतना ही नहीं, आंखों और नींद में रार मच जाती है. प्रेम दीवानी रानी का यही हाल था. जब तक वह अपने प्रेमी शिवम शर्मा को देख न लेती तब तक बेचैनी उसे सताती रहती थी. शिवम कहीं दूर नहीं रानी के घर के पास ही रहता था. बचपन से रानी उसे देखती आ रही थी. उस के प्रति मन में कभी किसी प्रकार की भावना नहीं आई थी. मोहल्ले में जैसे सब रहते थे, वैसे ही शिवम रहता था.
शिवम का थोड़ा महत्त्व इसलिए था कि दूसरे लोगों के मकान कुछ फासले पर थे, जबकि शिवम रानी के घर के पास ही रहता था. प्यार के लिए मुद्दत के इंतजार की जरूरत नहीं होती. यह तो कुदरत की वह नेमत है, जो किसी भी पल इंसान को मिल जाती है. गर्मियों की एक सुबह की बात है. कहीं जाने के लिए शिवम रानी के घर के सामने से गुजर रहा था. उस वक्त उस के जेहन में कल्पना तक नहीं थी कि कुछ क्षणों बाद उस के जीवन में एक नया मोड़ आने वाला है. गरमी के मौसम में लू चलने के कारण धूल बहुत उड़ती है. इसीलिए लोग घरों के सामने पानी की छिड़काव कर देते हैं, ताकि धूल न उड़े.