रामाकृष्णनन का दुबई में अच्छा कारोबार था. पत्नी विशाला गनिगा और बेटी के साथ घरगृहस्थी हंसीखुशी से चल रही थी. इसी दौरान ऐसा क्या हुआ कि विशाला के भारत आने पर रामाकृष्णनन को दुबई में बैठ कर ही पत्नी की मौत की साजिश रचनी पड़ी?

एनआरआई विशाला दुबई में रह रहे अपने पति से विदा ले कर 2 जुलाई, 2021 को अपनी बेटी के साथ कनार्टक आई थी. उस का कर्नाटक के उडुपी

शहर में अपना अपार्टमेंट है, लेकिन उस समय वह वहां से कुछ दूरी पर स्थित एक सोसाइटी में अपने मातापिता के साथ रह रही थी.

अपने मातापिता से बैंक का काम बता कर 12 जुलाई को वह घर से बाहर निकली थी. उस ने यह भी कहा था कि कुछ समय के लिए अपने अपार्टमेंट में भी जाएगी.

जब वह कई घंटे तक भी वापस नहीं लौटी तो घर वालों को चिंता होने लगी. उस के मोबाइल नंबर पर फोन किया गया तो वह स्विच्ड औफ मिला. घर वाले चिंतित हो गए. वह उस की तलाश में उस के अपार्टमेंट पर पहुंचे तो वहां का दरवाजा भिड़ा हुआ था. उन्होंने उसे हलका सा पुश किया तो खुल गया.

अंदर का दृश्य देख कर परिजनों की चीख निकल गई. विशाला वहां मरी हुई पड़ी थी. घर का सारा सामान इधरउधर बिखरा हुआ था. विशाला के गहने भी गायब थे.

विशाला के पिता ने उसी समय ब्रह्मावर थाने को सूचना दी. सूचना मिलने के बाद थानाप्रभारी घटनास्थल पर पहुंच गए. उन्होंने गहन जांचपड़ताल की. वहां मोबाइल चार्जर का तार पड़ा मिला, लग रहा था कि उसी से गला घोंट कर विशाला की हत्या की गई थी. क्योंकि उस के गले पर निशान भी था.

घर का सारा सामान बिखरा हुआ था. उस के गहने उतार लिए गए थे. पहली नजर में मामला लूट का विरोध करने पर हत्या करने का लग रहा था.

घटनास्थल की पूरी जांच की सूचना थानाप्रभारी ने अपने बड़े अधिकारियों को भी दी. मामला एनआरआई महिला की हत्या का था, जिस से पुलिस में खलबली मच गई.

विशाला की हत्या गला घोंट कर की गई थी. इस की पुष्टि पुलिस के बड़े अधिकारियों ने भी घटनास्थल का दौरा कर की. फिर भी कई पहलुओं से जांच की गई.

हत्यारे ने वैसा कोई सुराग नहीं छोड़ा था, जिस से पुलिस हत्यारे तक पहुंच सके. उस ने जिस मोबाइल चार्जर के तार से उस का गला घोंटा गया था, वह चार्जर भी विशाला का ही था.

विशाला का पति रामाकृष्णनन उस समय दुबई में था. पुलिस ने उसे इस घटना की सूचना देने के साथसाथ तत्काल भारत आने को कहा. प्राथमिक औपचारिकताओं के बाद लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया.

उडुपी पुलिस ने विशाला की हत्या का परदाफाश करने के लिए 4 विशेष टीमों का गठन कर दिया. हत्या ब्रह्मावर के पास कुंब्रागोडु में एक निजी अपार्टमेंट में हुई थी. जिस से तटीय शहर में चर्चा होने लगी. इस शहर को दक्षिण भारत का मिनी गोवा कहा जाता है.

अपार्टमेंट वाली इमारत में कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा था, लेकिन पुलिस ने आसपास के 60 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की जांच की. एसपी ने मामले की जांच के लिए 4 टीमों का गठन किया. डीजी और आईजीपी प्रवीण सूद ने मामले का खुलासा करने वाली टीम के लिए 50 हजार रुपए के ईनाम की भी घोषणा कर दी.

दुबई से बुलाया पति को

मृतक का पूरा नाम विशाला गनिगा था, जो 35 वर्ष की थी. दुबई से आ कर वह उडुपी में अपने मातापिता के यहां साल भर की बेटी के साथ महीनों से रह रही थी. उस की किसी से कोई रंजिश नहीं थी. उस के शहर में जानपहचान वाले मातापिता और उन का परिवार ही था.

पति और उस के दूसरे परिजन दुबई में थे. बावजूद इस के उस की हत्या किसी के गले नहीं उतर रही थी. तफ्तीश कर रही पुलिस की टीमें हत्यारे का कोई सुराग ढूंढ निकालने की कोशिश में थीं. पुलिस सोच रही थी कि हत्या अगर लूटपाट के तहत हुई तो हत्यारा स्थानीय हो सकता था. सभी इस तरह की कई अटकलें लगा रहे थे.

विशाला के पति रामाकृष्णनन पत्नी की मौत की सूचना पा कर दुबई से उडुपी आ गया. नम आंखों से उस ने पत्नी को अंतिम विदाई दी. उस का दुबई में अच्छा कारोबार था. पुलिस ने अंत्येष्टि के बाद रामाकृष्णनन से विशाला के संबंध में औपचारिक बातचीत की.

इसी सिलसिले में पता चला कि विशाला के साथ उस का विवाह करीब 10 साल पहले  हुआ था. उन की अरेंज मैरिज थी, लेकिन दोनों के परिजनों ने विवाह से पहले एकदूसरे को समझने का भरपूर मौका दिया था.

उन के बीच काफी समय तक मिलनाजुलना होता रहा. बातें होती रहीं. रामाकृष्णनन विशाला की सुंदरता पर मर मिटा था. उस की बड़ीबड़ी झील सी गहरी आंखें और गोरा रंग देख उस पर फिदा हो गया था. गालों पर सुर्खी और कटावदार शारीरिक बनावट के कारण साधारण लिबास भी उस पर खूब फबता था.

पुलिस के सामने रामाकृष्णनन विशाला की मौत का गम दर्शाने के साथसाथ खूबसूरती की तारीफ करते नहीं थक रहा था. उस ने बताया कि विशाला की हर अदा बेहद निराली और सभी को आकर्षित करने वाली थी.

वह रहनसहन, भोजन और लाइफस्टाइल में हमेशा सर्वश्रेष्ठ की तलाश में रहती थी. उस की जरूरतों की पूर्ति होने पर ही वह पूरी तरह संतुष्ट रहती थी.

विवाह के बाद विशाला पति के साथ दुबई चली गई थी. दुबई भले ही मुसलिम देश कहलाता हो और वहां कई तरह की कानूनी पाबंदियां हों, लेकिन कारोबार या नौकरी को ले कर वहां कोई पाबंदी नहीं है.

विशाला के दुबई जा कर घर बसाने की वजह से उस की गिनती भारत में एनआरआई महिला के रूप में थी. कुछ साल में ही विशाला ने एक बेटी को जन्म दिया. नन्ही परी दोनों की ही दुलारी थी.

पुलिस ने बातोंबातों में रामाकृष्णनन से पूछ लिया कि जब वे दुबई में सेटल थे तो फिर उन्होंने उडुपी में इतना भव्य अपार्टमेंट क्यों खरीदा था. जबकि पास में ही विशाला के मातापिता का भी अच्छाखासा मकान बना हुआ है.

इस सवाल का जवाब रामाकृष्णनन साफसाफ नहीं दे पाया कि काफी इनवैस्टमेंट कर के पत्नी को बच्ची के साथ कर्नाटक में क्यों रखता था.

चाय के प्यालों से पलटी जांच

पुलिस उलझी हुई थी. एक दिन पुलिस आईजी प्रवीण सूद मानसिक एकाग्रता के लिए चाय की चुस्की ले रहे थे. विशाला हत्याकांड की उस प्राथमिक जांच का अध्ययन कर रहे थे. घटनास्थल पर ली गई कुछ तसवीरों में एकबारगी उन की नजर चाय के 2 खाली प्यालों पर गई, जो सेंटर टेबल पर रखे थे.

वह उसे एक सीध में रखे देख चौंक उठे. उन के मुंह से अचानक निकल पड़ा यह मर्डर लूट के लिए किया गया केस नहीं हो सकता. कोई एक या 2 व्यक्ति जरूर घर में आए होंगे. वे करीबी रिश्तेदार या परिचित भी हो सकते हैं. उन्हें विशाला ने चाय पिलाई होगी. आने वाला व्यक्ति एक या 2 हो सकते हैं. एक होने की स्थिति में एक कप की चाय विशाला ने खुद पी होगी.

इस विश्लेषण के बाद विशाला के मोबाइल की काल डिटेल्स का भी अध्ययन किया. उस से मालूम हुआ कि हत्या वाले दिन ही विशाला को उस के पति की काल आई थी. फिर क्या था, यह जानकारी पुलिस के लिए उम्मीद जगा गई और उन के शक की सूई विशाला के पति रामाकृष्णनन पर जा कर रुक गई.

उस के बाद पुलिस द्वारा मामले की जांच के लिए बनाई गई टीमों को गाइडलाइन जारी कर दी गई. जिस में विशाला के पति से सख्ती से पूछताछ करनी थी. जांच टीम ने ऐसा ही किया.

विशाला के पति ने शुरू में तो पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की. बीचबीच में घडि़याली आंसू भी बहाता रहा. आखिर में पुलिस ने पूछा कि उस ने हत्या वाले दिन विशाला को किसलिए फोन किया था?

यह सुन कर रामाकृष्णनन आश्चर्य में पड़ गया. उस के मुंह से अचानक निकल गया, ‘‘आप को कैसे मालूम?’’

जांच अधिकारी हवा में तीर चलाते हुए बोले, ‘‘मुझे तो यह भी मालूम है कि तुम्हारी विशाला से क्या बातें हुईं?’’

‘‘वह कैसे हो सकता है, क्या मेरा फोन रिकौर्ड किया गया है?’’ रामाकृष्णनन बोला.

‘‘रिकौर्ड मैं ने नहीं किया है, खुद तुम्हारी पत्नी ने ऐप के जरिए फोन में ही रिकौर्ड कर रखा है.’’ जांच अधिकारी ने दावे के साथ यह भी कहा कि कहो तो अभी सुना दूं वह रिकौर्डिंग.

इतना सुनने के बाद रामाकृष्णनन की स्थिति जड़वत हो गई थी, काटो तो खून नहीं वाला शरीर बन चुका था. उस के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगीं. जांच अधिकारी डपटते हुए बोले, ‘‘तुम्हारा राज खुल चुका है, गनीमत इसी में है कि तुम सब कुछ सचसच बता दो.’’

इस तरह विशाला हत्याकांड का करीब 20 दिनों में खुलासा हो गया. रामाकृष्णनन ने पुलिस को अपनी पत्नी की हत्या की जो कहानी बताई, दिलचस्प थी.

पति ने अपनी कंपनी के कर्मचारी को दी सुपारी

विशाला के पति ने अपना जुर्म स्वीकारते हुए कहा कि उस की हत्या के लिए सुपारी दी गई. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का एक व्यक्ति स्वामीनाथ निषाद दुबई में रामाकृष्णनन की कंपनी में नौकरी करता था.

वह बहुत विश्वासपात्र व्यक्ति था. एक दिन उस ने उस से कहा कि भारत में किसी व्यक्ति की हत्या करानी है. उस की जानकारी में कोई ऐसा सुपारी किलर है तो बताए.

स्वामीनाथ निषाद पूरी जानकारी ले कर 5 लाख रुपए में काम करवाने के लिए तैयार हो गया. वैसे भी उस का दुबई में नौकरी के अनुबंध का समय पूरा होने वाला था. उस के भारत जाने का समय भी आ गया था.

पत्नी की हत्या करवाने के बारे में उस ने पुलिस को जो कारण बताया, वह इस प्रकार है.

बात मार्च, 2021 की है. रामाकृष्णनन अपनी पत्नी विशाला और बेटी के साथ अपने घर आया. बेटी पैदा होने के बाद दोनों के दांपत्य में किसी बात को ले कर खटास पैदा हो गई थी.

विशाला चाहती थी बाकी की जिंदगी वह भारत आ कर बिताए. दुबई में एक अच्छे सेटलमेंट को छोड़ कर भारत में आ कर बसने की जिद से रिश्तों में कड़वाहट बढ़ती गई.

रामाकृष्णनन ने यह भी बताया कि विशाला भारत में किसी और व्यक्ति से प्यार करती थी, इस का उसे शक था. शक का कारण भी था कि वह मोबाइल पर काफी देर तक बातें किया करती थी. इस की जानकारी उसे किसी नजदीकी ने दी थी.

कई बार उस के सामने भी इस तरह के संदिग्ध फोन पत्नी के फोन पर आते थे, तब वह अलग जा कर काफी देर तक बातें करती रहती थी. जब उस ने उस से जानना चाहा कि वह किस से लंबी बातें करती है, तब उस ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया था.

उस के भारत में रहने की जिद से उस का शक और पक्का हो गया था.  रामाकृष्णनन ने कहा कि वह विशाला से बेहद प्यार करता था. उसे किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहता था. यही वजह थी कि उस ने विशाला की

भावनाओं की कद्र करते हुए ब्रह्मावर के कुंब्रागोडू में एक अच्छे अपार्टमेंट की व्यवस्था कर दी थी.

आलीशान तरीके से उस को सजायासंवारा गया. सभी सुविधाओं की व्यवस्था की गई, ताकि  विशाला को खुश किया जा सके. वह भारत में एक संपन्न परिवार की तरह सम्मानपूर्वक इस अपार्टमेंट में रह सके. इसी वर्ष मार्च के महीने में वह अपनी पत्नी और बेटी को ले कर भारत आया था.

कर्नाटक के उडुपी शहर में स्थित अपने निजी अपार्टमेंट में काफी दिनों तक साथ गुजारे थे. उस के बाद वह तीनों वापस दुबई चले गए. जितने दिन विशाला दुबई में रही, वह पति को परेशान करती रही. अंत में ऊब कर वह 2 जुलाई, 2021 को पत्नी विशाला और बेटी के साथ भारत आया. उसी दौरान उस ने स्वामीनाथ निषाद से संपर्क किया था, जो उस समय गोरखपुर आया हुआ था.

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से उडुपी, कर्नाटक की दूरी लगभग 2000 किलोमीटर से अधिक है. वहां रेलगाड़ी से पहुंचने में लगभग 2 दिन का वक्त लगता है. उस ने स्वामीनाथ को उडुपी बुला लिया. उस के उडुपी पहुंचने पर एक होटल में उस के रुकने की व्यवस्था की गई थी. ताकि जब वह घर पर आए तो फ्रैश हालत में लोकल सा मालूम हो.

चूंकि उसे पत्नी का चेहरा स्वामीनाथ को दिखाना था, इसलिए वह स्वामीनाथ को घर ले गया और पत्नी से उस की मुलाकात करवाई. उस ने स्वामीनाथ का परिचय अपने दोस्त के रूप में कराया.

पत्नी को बताया कि मेरा यह दोस्त स्वामीनाथ परेशानी या समस्या में मददगार बन सकता है. इस के कुछ दिनों बाद रामाकृष्णनन दुबई चला गया. पत्नी विशाला जब बेटी को ले कर 2 जुलाई को भारत आई थी, तब अपार्टमेंट की चाबी उसी के पास थी, लेकिन वह अपने मांबाप के पास ही रहती थी.

रामाकृष्णन ने बताया कि कौन्ट्रैक्ट किलर को विशाला के मायके की कोई जानकारी नहीं दी गई थी. विशाला की हत्या करने की योजना अपने फ्लैट में ही बनाई गई. वारदात के दिन रामकृष्णनन ने पत्नी को फोन किया कि उस का दोस्त स्वामीनाथ कोई गिफ्ट ले कर अपार्टमेंट पर पहुंचने वाला है. उसे वह रिसीव कर ले.

उस दिन वह वह आटो से बैंक जा रही थी. फोन पर बात होते ही वह तुरंत वापस अपार्टमेंट में पहुंच गई. कुछ ही देर में स्वामीनाथ भी अपने साथी के साथ वहां पहुंच गया.

पति का दोस्त होने के नाते विशाला ने उन दोनों को जलपान करवाया. चाय पिलाई. इसी बीच स्वामीनाथ ने अपना मोबाइल चार्ज करने के लिए विशाला से चार्जर मांगा. विशाला ने पास में लगे चार्जर में स्वामीनाथ का मोबाइल लगा दिया.

विशाला को क्या पता था कि वह पति का दोस्त नहीं, कोई सुपारी किलर है. उस ने अपने साथी की मदद से विशाला को तब दबोच लिया, जब वह उसे विदा करने के लिए पीछेपीछे चल रही थी.

स्वामीनाथ ने वहीं पास में रखे मोबाइल चार्जर के तार को एक झटके में विशाला की गरदन में लपेट दिया.  कुछ समय में उस की दम घुटने से मौत हो गई.

उडुपी पुलिस ने विशाला हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली थी, कथा लिखे जाने तक स्वामीनाथ की तलाश में जुट गई. इस के लिए पुलिस ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर के कई चक्कर लगाए.

गोरखपुर पुलिस के सहयोग से आखिरकार स्वामीनाथ पुलिस के हत्थे चढ़ गया. उस के दूसरे साथी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

उधर विशाला के घर वालों का कहना है कि विशाला का पति किसी अन्य महिला के संपर्क में था. वह विशाला को छोड़ कर किसी और महिला के साथ जीवन व्यतीत करना चाहता था. विशाला इस का विरोध करती थी, इसलिए रामाकृष्णनन ने विशाला को अपनी प्रेम कहानी को अंजाम देने के लिए विशाला को रास्ते से हटाया.

बहरहाल, पुलिस ने विशाला की हत्या के आरोप में उस के पति रामाकृष्णनन सुपारी किलर स्वामीनाथ और उस के साथी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से तीनों को जेल भेज दिया गया.

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