parivarik kahani hindi : नौकरीपेशा बेटी वर्तिका की जिद के आगे सविनय सक्सेना को झुकना पड़ा और उन्होंने उस की शादी उस के प्रेमी अंशुल शर्मा से कर दी. बेरोजगार अंशुल इतने पर ही संतुष्ट नहीं हुआ, वह वर्तिका की उच्चशिक्षित छोटी बहन कोमल सक्सेना की शादी अपने नाकारा भाई छोटू के साथ कराने का प्रेशर ससुरालियों पर डालने लगा. इस जिद ने घर में ऐसा कोहराम मचा दिया कि...

उत्तर प्रदेश के जिला शाहजहांपुर के लाला तेली बजरिया मोहल्ले में आईटीआई कालोनी है. सुरेशबाबू सक्सेना आईटीआई में प्राध्यापक के रूप में नौकरी करते थे, इसलिए इसी कालोनी में परिवार के साथ रहते थे. उन की पत्नी का नाम सविनय सक्सेना था. इन के बच्चों में 3 बेटियां और एक बेटा था. सब से बड़ी बेटी का विवाह इन्होंने अपनी ही जाति के कुलदीप के साथ धूमधाम से किया था.

डायबिटीज के रोगी होते हुए भी सुरेशबाबू अपना मिठाई का शौक छोडऩे को तैयार नहीं थे. सलोनी के विवाह के बाद डायबिटीज काबू में न रहने के कारण सुरेशबाबू की मौत हो गई थी. नौकरी कार्यकाल में ही उन की मौत हुई थी, इसलिए मृतक आश्रित के रूप में उन के बेटे अंकुर सक्सेना को आईटीआई में नौकरी मिल गई थी. ससुर की मौत के बाद घर में सब से बड़ा दामाद होने के कारण कुलदीप इस परिवार की हर काम में मदद करता था. अपना घर तो था ही, परिवार की आर्थिक स्थिति भी मजबूत थी.

सलोनी से छोटी बेटी वर्तिका पढऩे में ठीकठाक तो थी ही, आजाद स्वभाव की भी थी. अपनी पढ़ाई की बदौलत उस ने आईटीआई में क्लर्क की नौकरी पा ली थी. एक दिन सलोनी और कुलदीप अपनी ससुराल खाने पर आए थे. खाने के बाद सभी हंसीखुशी से बातें कर रहे थे. उसी बातचीत के दौरान सलोनी और कुलदीप ने अपनी जाति के 2 लड़कों का बायोडाटा और फोटो दिखाते हुए सास सविनय सक्सेना से कहा कि इन में से जो ज्यादा उचित लगे, उस से वर्तिका के ब्याह की बात चलाई जा सकती है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
₹ 399₹ 299
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 12 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
₹ 1239₹ 799
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...