वह 10 मई 2022 की आधी रात थी. उस समय रात के 2 बज रहे थे. उस समय सोनी नेगी गहरी नींद में सो रही थी. अचानक उसे लगा कि कोई जोरजोर से उस के बैडरूम का दरवाजा खटखटा रहा है. तभी वह बैड पर उठ कर बैठ गई थी तथा उस ने पास में ही सो रहे अपने पति जितेंद्र को भी जगा दिया था.

इस के बाद सोनी बाहर दरवाजे से आ रही आवाज को सुनने लगी. सोनी ने आवाज को पहचान लिया था. वह आवाज उस की जेठानी अमिता की थी. पहले तो सोनी ने सोचा कि अमिता बेवक्त उस के बैडरूम का दरवाजा क्यों खटखटा रही है? मगर उस ने फिर भी किसी अनहोनी की आशंका के चलते दरवाजा खोल दिया था.

जैसे ही सोनी ने दरवाजा खोला तो अचानक अमिता उस के कमरे में बदहवास सी घुस आई और जल्दी में उस ने बताया, ‘‘सोनी तुम्हारे जेठजी रात को अच्छेभले खाना खा कर और शराब पी कर सोए थे, मगर अब न जाने उन्हें क्या हो गया है कि उन का शरीर सुन्न हो गया है. लगता है कि उन्हें हार्टअटैक आ गया है.’’

अमिता के मुंह से यह बात सुन कर सोनी व उस का पति जितेंद्र अमिता के बैडरूम में पहुंचे, जहां पर अमिता का पति दीपक बेसुध सा लेटा था. सोनी ने देखा कि दीपक के शरीर में कोई हलचल नहीं थी तथा उस के चेहरे व शरीर के कुछ हिस्सों पर मामूली चोटों के निशान भी थे. चोट के निशान देख कर सोनी को कुछ शक भी हुआ था.

दीपक के शरीर पर लगी चोटों के बारे में जब जितेंद्र व सोनी ने अपनी भाभी अमिता से पूछा तो अमिता उन्हें कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाई थी, बल्कि वह जल्दी से जल्दी बेसुध पड़े दीपक को पास के अस्पताल में ले जाने की जिद करने लगी.

दीपक की हालत देख कर जितेंद्र व सोनी को शक हो रहा था, मगर वे जल्दी ही दीपक को ले कर अस्पताल जाने की तैयारी करने लगे.

यह घटना देहरादून के थाना रायवाला अंतर्गत खांडगांव की है. खांडगांव से ऋषिकेश का एम्स अस्पताल मात्र 18 किलोमीटर दूर है. तभी आननफानन में जितेंद्र, अमिता व सोनी, दीपक को उपचार हेतु एम्स ले कर पहुंचे थे. एम्स के चिकित्सकों ने 34 वर्षीय दीपक को देख कर मृत घोषित कर दिया.

दीपक के शरीर पर लगी कुछ चोटों व गले में लगे कुछ निशानों को देख कर डाक्टरों को संदेह हो गया था तथा उन्होंने इस की सूचना रायवाला थाने को दे दी थी. उस वक्त रायवाला के थानाप्रभारी भुवनचंद पुजारी छुट्टी पर थे, अत: थानेदार धनंजय सिंह को एम्स में भेजा गया.

एम्स पहुंच कर जब थानेदार धनंजय ने दीपक के शव का निरीक्षण किया और दीपक की मौत के बारे में उस के घर वालों से जानकारी ली तो धनंजय को भी शक हो गया. इस के बाद थानेदार धनंजय ने दीपक के शव का पंचनामा भर कर उसे पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भेज दिया था.

इसी प्रकार 4 दिन बीत गए थे. 15 मई, 2022 को रायवाला के थानाप्रभारी भुवनचंद पुजारी छुट्टी से लौट आए थे. जब उन्हें खांडगाव निवासी दीपक की संदिग्ध मौत के बारे में जानकारी हुई तो उन्होंने इस घटना का हर पहलू से अवलोकन किया. उन्हें यह मामला कुछ अटपटा सा लगा था.

अटपटा इसलिए लगा था कि पत्नी हार्ट अटैक के कारण पति की मौत होना बता रही थी, जबकि पति के शरीर पर कई जगह चोटों के निशान भी थे. इस के अलावा दीपक की मौत से पहले उस की नाक से खून निकल रहा था. पुजारी को यह मामला हत्या का लग रहा था. पुजारी यह जानना चाहते थे कि यदि दीपक की हत्या हुई है तो किस ने और क्यों की?

अभी पुजारी इसी कशमकश में ही उलझे थे कि उन्होंने सोचा कि दीपक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट तो बाद में ही आएगी, इस से पहले क्यों न इस मामले की सच्चाई का पता लगाया जाए. इस के लिए सब से पहले पुजारी ने देहरादून की एसओजी (ग्रामीण) के कांस्टेबल नवनीत राणा से संपर्क किया था तथा उसे जल्दी ही अमिता के मोबाइल नंबर की काल डिटेल्स उपलब्ध कराने को कहा.

इस के अलावा थानाप्रभारी ने दूसरा काम यह किया था कि उन्होंने रायवाला थाने के थानेदार नीरज त्यागी व सिपाहियों दिनेश महर व प्रदीप गिरी को सादे कपड़ों में खांडगांव भेजा और उन्होंने उन्हें गांव में घूम कर गांव वालों से दीपक व अमिता की आम शोहरत की जानकारी करने को कहा था.

थानाप्रभारी भुवनचंद पुजारी की यह योजना काफी सफल रही. 2 दिन के बाद पुजारी को अमिता के मोबाइल की काल डिटेल्स प्राप्त हो गई थी. काल डिटेल्स की जानकारी के अनुसार अमिता अकसर सतेंद्र नेगी नामक व्यक्ति से काफी काफी देर तक बातें करती रहती थी.

इस के अलावा उन्हें अमिता और सतेंद्र की मोबाइल बातचीत की रिकौर्डिंग भी मिल गई. उन्होंने जब रिकौर्डिंग को सुना तो अमिता खुद ही संदेह के दायरे में आ गई.

उधर खांडगांव से लौट कर थानेदार नीरज त्यागी ने जो जानकारी थानाप्रभारी पुजारी को दी थी, उसे जान कर पुजारी को संदेह ही नहीं, बल्कि पूरा विश्वास हो गया कि दीपक नेगी की हत्या में उस की पत्नी अमिता का हाथ जरूर है.

नीरज त्यागी ने उन्हें बताया कि खांडगांव में रहने वाले दीपक नेगी व अमिता के 2 बच्चे हैं. दीपक द्वारा गांव में छोटामोटा ठेका ले कर घर का खर्च चलाया जाता है. दिसंबर 2021 से दीपक के मकान का का काम चल रहा है. यह निर्माण कार्य पूर्व सैनिक ठेकेदार सतेंद्र नेगी निवासी मोहल्ला श्यामपुर ऋषिकेश की देखरेख में चलाया जा रहा है.

दीपक नेगी शराबी प्रवृत्ति का था. दीपक ने अपने मकान का ठेका सतेंद्र नेगी को 31 लाख रुपए में दिया था. निर्माण का कार्य अभी तक चल रहा है. गत कई महीनों से ठेकेदार सतेंद्र नेगी व अमिता की अतरंगता काफी बढ़ गई थी. ठेकेदार सतेंद्र नेगी वक्तबेवक्त दीपक के घर में अकसर आताजाता रहता है.

सतेंद्र द्वारा दीपक की गैरमौजूदगी में अकसर उस के घर जाने से तथा दीपक की पत्नी अमिता से अकेले में बातचीत करने के कारण, दीपक के छोटे भाई जितेंद्र व उस की पत्नी सोनी सहित मोहल्ले वालों को भी अमिता के चरित्र पर संदेह था. अमिता का पति दीपक भी अमिता को ठेकेदार सतेंद्र से अकसर दूरी बनाने के लिए कहता रहता था.

थानाप्रभारी भुवनचंद पुजारी ने थानेदार नीरज त्यागी के इस कथन को गंभीरता से लिया. ये सब जानकारियां होने के बाद पुजारी ने दीपक की मौत के मामले में एसएसपी जन्मेजय खंडूरी से इस बाबत विचारविमर्श किया था तथा इस प्रकरण में उन का निर्देशन मांगा था.

श्री खंडूरी ने दीपक की मौत के प्रकरण में उस की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद सतेंद्र व अमिता से पूछताछ करने के निर्देश दिए थे.

वह 23 मई, 2022 का दिन था. उस वक्त रायवाला के थानाप्रभारी भुवनचंद पुजारी अपने औफिस में ही बैठे थे, तभी उन्हें दीपक नेगी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिल गई. जब पुजारी ने दीपक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को पढ़ा तो वे चौंक पड़े. इस में दीपक की मौत का कारण गला दबा कर दम घुटना बताया गया था.

इस के बाद पुजारी ने इस प्रकरण में पूछताछ के लिए अमिता व ठेकेदार सतेंद्र को बुलाया. थाने में अमिता व सतेंद्र से दीपक की मौत के मामले में पुजारी द्वारा गहन पूछताछ की गई थी. मगर जब पुजारी ने दोनों को अलगअलग ले जा कर पूछताछ की तो दीपक की मौत पर पड़ा परदा हट गया.

घटना की जानकारी देते हुए अमिता ने पुलिस को बताया कि बीते कई महीनों से ठेकेदार सतेंद्र के साथ मेरे अवैध संबंध थे, जिस की कुछकुछ जानकारी मेरे पति दीपक को हो गई थी. 10 मई, 2022 की घटना वाली रात को 12 बजे दीपक ने हम दोनों को आपत्तिजनक अवस्था में देख लिया था. इस कारण हम दोनों अपनी पोल खुलने के डर से घबरा गए थे.

तभी हम दोनों ने एकराय हो कर चुनरी से दीपक का गला घोट कर उसे मार डाला था. इस के बाद हम दोनों ने दीपक को बैड पर लिटा दिया था. फिर सतेंद्र ठेकेदार वहां से चला गया था.

थोड़ी देर बाद मैं ने साक्ष्य छिपाने के लिए अपने देवर जितेंद्र व देवरानी सोनी को अपने कमरे में बुलाया था और उन्हें दीपक को हार्ट अटैक होने की बात बताई थी.

इस के बाद पुजारी ने अमिता के ये बयान दर्ज कर लिए थे. पूछताछ के दौरान ठेकेदार सतेंद्र ने भी प्रेमिका अमिता के बयान में सहमति जताते हुए दीपक की हत्या करने की बात स्वीकार कर ली.

दीपक की मौत का परदाफाश होने के बाद पुजारी ने इस हत्या का मुकदमा दीपक के छोटे भाई जितेंद्र नेगी की तहरीर पर भादंवि की धारा 302, 201 व 34 के तहत दर्ज कर लिया था. इस के बाद पुजारी ने दीपक की हत्या के खुलासे की जानकारी एसएसपी जन्मेजय खंडूरी को दी. सतेंद्र व अमिता को पुलिस ने कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया.

आरोपी सतेंद्र पहले सेना में नौकरी करता था तथा वर्ष 2013 में सेना से वह रिटायर हुआ था. सतेंद्र का अपनी पहली पत्नी से तलाक हो गया था. इस के बाद उस ने वर्ष 2015 में दूसरी शादी कर ली थी. रिटायरमेंट के बाद सतेंद्र भवन निर्माण के ठेके लेता था. उस के 2 बच्चे हैं.

अमिता का परिवार मूलरूप से उत्तराखंड के जिला टिहरी गड़वाल का रहने वाला है तथा 8 साल पहले दीपक से उस की शादी हुई थी. 2 बच्चों की मां अमिता भी सतेंद्र के साथ वासना के दलदल में ऐसी डूबी थी कि उस ने अपना परिवार खुद ही उजाड़ लिया था.

कथा लिखे जाने तक सतेंद्र व अमिता देहरादून जेल में बंद थे. दीपक की हत्या की जांच थानाप्रभारी भुवनचंद पुजारी कर रहे थे. पुजारी विवेचना पूरी करने के बाद इस प्रकरण में सतेंद्र व अमिता के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में भेजने की तैयारी कर रहे थे.  द्य

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

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