6 मई, 2022 की सुबह 10 बजे मुरादाबाद के थाना सिविल लाइंस के थानाप्रभारी रविंद्र प्रताप सिंह रोजाना की भांति अपने औफिस में बैठे कामकाज देख रहे थे. उन्हें औफिस के बाहर किसी महिला के रोने की आवाज आई तो उन्होंने घंटी बजा कर पहरे पर तैनात सिपाही को बुला कर पूछा कि कौन रो रहा है.
सिपाही ने बताया कि साहब गांव मेहलकपुर से एक महिला आई है कह रही है कल से उस का आदमी गायब है. उस का फोन भी नहीं लग रहा है. थानाप्रभारी रविंद्र प्रताप सिंह ने सिपाही से कहा कि महिला को अंदर भेजो.
महिला ने थानाप्रभारी को बताया, ‘‘साहब, मेरा नाम गीता उर्फ कुसुम पाल है. मैं मेहलकपुर में रहती हूं. मेरे पति निपेंद्र कल अकेले ही गिरिजा देवी मंदिर, जोकि रामनगर उत्तराखंड में है, घूमने गए थे.’’
‘‘जब घूमने गए थे तो तुम्हें साथ क्यों नहीं ले गए?’’ थानाप्रभारी ने पूछा.
‘‘साहब, दरअसल बात यह है कि मेरा 11 साल का एक बेटा बिराज है, जो मुरादाबाद के कांठ रोड पर स्थित कौन्वेंट स्कूल में पढ़ता है. स्कूल से लाने ले जाने के कारण मैं उन के साथ नहीं जा सकती थी.’’ महिला ने बताया.
थानाप्रभारी ने गीता से कहा, ‘‘देखो, तुम अपने रिश्तेदारों से मालूम करो कि वह रिश्तेदारी में तो कहीं नहीं है.
अगले दिन तक निपेंद्र घर नहीं लौटा तो गीता घर के कुछ लोगों के साथ एसएसपी हेमंत कुटियाल के पास पहुंची और पति निपेंद्र के गुम होने की बात बताई. एसएसपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी (सिटी) अखिलेश भदौरिया को निर्देश दिए.