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मंत्रीजी के बेडरूम में क्यों गई थी नंदिनी

इस के बाद शुरू होता है फिल्मी ड्रामा. इंस्पेक्टर अविनाश के पास एक महिला का फोन आता है, जो उन्हें बताती है कि बिट्टू चौबे ऋषिकेश में छिपा है. बाद में पता चला कि यह सूचना बिट्टू चौबे की पत्नी ने ही दी थी. इंस्पेक्टर अविनाश अपनी टीम के साथ ऋषिकेश पहुंच जाते हैं और फिल्मी स्टाइल में बिट्टू चौबे को मार गिराते हैं.

यहां एक नौटंकी यह होती है कि पति के एनकाउंटर के बाद अचानक उस की पत्नी घटनास्थल पर पहुंच जाती है और पति की लाश देख कर फूटफूट कर रोने लगती है. तब इंस्पेक्टर अविनाश उस के हाथों में कुछ रुपए थमाते हैं. यहां पता चलता है कि किरण कौशिक की हत्या शूटर बिट्टू चौबे ने ही की थी.

इस के बाद राज्य के डीजीपी समर प्रताप सिंह एसटीएफ टीम के साथ खुशी सेलिब्रेट कर रहे होते हैं तो अचानक उन्हें याद आता है कि इस बात को राज्य के गृहमंत्री को भी बताना चाहिए. वह गृहमंत्री को फोन करते हैं तो फोन उन के छोटे भाई की पत्नी नंदिनी उठाती है.

डीजीपी मंत्रीजी से बात कराने को कहते हैं तो नंदिनी फोन ले कर मंत्रीजी के कमरे के सामने जाती है. उस समय मंत्रीजी पूरे जोश के साथ सैक्स कर रह होते हैं, जिस का अहसास नंदिनी को हो जाता है. वह उदास हो जाती है, क्योंकि उस का नशेड़ी पति कभी उस के साथ सैक्स नहीं करता था. इस की वजह यह थी कि नशे की लत की वजह से वह सैक्स करने लायक ही नहीं रह गया था.

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