मरकरी ट्यूबलाइट्स की दुधिया रोशनी से केबिन जगमगा उठा.
“जय, मैं तुम्हें सच्चा प्यार करती हूं. मैं तुम्हारी नजरों में कुलटा, निर्लज्ज, बेहया नहीं बनना चाहती, इसलिए शादी से पहले मैं अपना यह पाक जिस्म तुम्हारे सामने बेपरदा कर रही हूं.” कहते हुए उर्वशी ने अपने ब्लाउज के हुक खोल कर ब्लाउज को तन से जुदा कर दिया. फिर उसने अपनी गुलाबी रंग की ब्रा की बाईं स्ट्रिप बाएं कंधे से नीचे उतार कर अपना बायां वक्ष स्पष्ट नुमाया कर दिया.
“अच्छी तरह देख लो जय, मेरे इस वक्ष पर हरे रंग का छोटा सा मस्सा है. यह मैं तुम्हें इसलिए दिखाने केबिन में लाई हूं कि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए.”
जय ठगा सा उर्वशी का उघड़ा हुआ जिस्म देख रहा था. उर्वशी ने जब ब्रा यथास्थान कर ब्लाउज पहन लिया तो जय की तंद्रा टूटी.
“तुम ने यह मस्सा किस मकसद से मुझे दिखाया है उर्वशी?” उस ने हैरानी से पूछा.
उर्वशी उसे केबिन से वापस काउंटर के पास ले आई. उस ने एक फोटो उठा कर जय की तरफ बढ़ाते हुए कहा, “इस में जो लडक़ी की नग्न देह है, वह मेरी नहीं है सिर्फ मेरी गरदन से ऊपर का हिस्सा मेरा है. लडक़ी की नग्न धड़ के बाएं वक्ष पर वह मस्सा नहीं है, जो मेरे वक्ष पर है. गौर से देख लो, यह ट्रिक फोटो की कारीगरी है. कंप्यूटर द्वारा इसे तैयार किया गया है.”
जय ने ध्यान से देखा तो उर्वशी की बात में सच्चाई नजर आई. उस ने सिर झुका कर रुआंसे स्वर में कहा, “ओह! उर्वशी, मैं क्या कोई भी इन फोटो को देख कर धोखा खा जाएगा. मैं क्षमा चाहता हूं, मैं ने तुम्हें कितना गलत बोला. तुम पर निर्लज्जता का आरोप मढ़ा.”