शादी की बात सुनते ही खुशबू सन्न रह गई. जिस की खातिर उस ने अपना घर त्यागा, वही किसी और का हो जाएगा, यह उस ने सोचा भी नहीं था. उस ने सोचा कि राहुल की जिस लड़की के साथ शादी होने जा रही है, उस से उस का रिश्ता एक दिन में तो तय नहीं हुआ होगा. राहुल को इस की पहले से ही जानकारी रही होगी, लेकिन उस ने यह बात उस से छिपाए रखी. इसलिए वह बोली, ‘‘राहुल ऐसी बात तो नहीं है कि घर वालों ने तुम्हारी मरजी के बिना शादी तय कर दी हो. जब तुम से पूछा होगा तो तुम्हें शादी के लिए मना कर देना चाहिए था. लेकिन तुम ने ऐसा नहीं किया.’’
‘‘खुशबू, मैं चाह कर भी घर वालों की बात का विरोध नहीं कर सका. लेकिन तुम थोड़ी सूझबूझ से काम लो तो समस्या का हल निकल सकता है.’’
‘‘वह कैसे?’’
‘‘इस का एक ही तरीका है कि शादी होने के बाद तुम भी उसे स्वीकार लो. यानी दोनों साथ रहो.’’
कोई भी औरत नहीं चाहती कि उस के पति को कोई दूसरी औरत बांटे, इसलिए राहुल की बात सुन कर खुशबू भड़क उठी, ‘‘राहुल, तुम ने यह सोच भी कैसे लिया कि दोनों एक साथ रहेंगी. यह हरगिज नहीं हो सकता. तुम एक बात और जान लो, 16 तारीख को जो तुम्हारी सगाई है, वह हरगिज नहीं होगी. उस दिन तुम घर नहीं जाओगे.’’
‘‘यह तुम क्या कह रही हो? मेरे घर न पहुंचने पर हंगामा हो जाएगा.’’
‘‘और गए तो यहां हंगामा हो जाएगा. अब खुद ही सोच लो कि क्या करना है?’’