जब अखिल मनमानी करने लगा तो सरिता का माथा ठनका. शराब के नशे में जब एक रोज उस ने सरिता का हाथ पकड़ा और उस के साथ छेड़छाड़ करने लगा तो सरिता ने उस के गाल पर तमाचा जड़ दिया और उसे घर के बाहर खदेड़ दिया. अपमानित हो कर अखिल वहां से चला गया.
एक शाम सरिता कमरे में अकेली थी और अपनी बेटी अनिका को थपकी दे कर सुलाने की कोशिश कर रही थी. तभी भड़ाक से दरवाजा खुला. सामने अखिल व रंजीत खड़े थे. उन दोनों की आंखों में वासना के डोरे तैर रहे थे. सरिता को उन दोनों ने दबोचना चाहा तो वह भाग कर रसोई में जा पहुंची. वे दोनों वहां भी आ पहुंचे.
बचाव के लिए सरिता ने रसोई में रखा चाकू उठा लिया और बोली, “चले जाओ वरना पेट में चाकू घुसेड़ दूंगी. भूल जाऊंगी कि तुम मेरे पति के दोस्त हो.’’
इस पर रमन ने सरिता को फिर पीटा और बोला, “साली, हरामजादी, कुतिया तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरे दोस्तों से भिड़ने की. हम तीनों एक प्याला, एक निवाला हैं. हर चीज मिलबांट कर खाते हैं. तुझे उन की बात मान लेनी चाहिए थी.’’
सरिता का पति रमन सिर से पांव तक कर्ज में डूबा था. इस कर्ज को उतारने के लिए वह सरिता को गलत रास्ते पर ढकेलने की कोशिश कर रहा था. सरिता उस की बात मानने को राजी नहीं थी. जिस से वह उसे आए दिन शराब पी कर पीटता था.
कानपुर देहात जिले के थाना शिवली के एसएचओ एस.एन. सिंह को सूचना मिली कि केशरी निवादा गांव के पास से सरिता नाम की विवाहित युवती का कुछ बदमाशों ने अपहरण कर लिया है और उसे जंगल की ओर ले गए हैं. यह सूचना 5 सितंबर, 2023 की रात 8 बजे सरिता के पति रमन पाल ने फोन के जरिए दी थी.