एक दिन उस की पड़ोस में रहने वाली मुसर्रत का शौहर कोरोना काल में बीमारी से ग्रस्त हो कर चारपाई से लग गया. मुसर्रत ने निशा से अपने शौहर को ठीक करने का उपाय पूछा तो निशा ने गहरी सांस छोड़ते हुए गंभीर स्वर में कहा, “मुसर्रत अब तेरा शौहर ठीक नहीं होगा, तू बेवा हो जाएगी.”
इतना सुनते ही मुसर्रत को लगा कि वह गिर पड़ेगी. उस ने जल्दी से दीवार पकड़ ली और थके कदमों से घर लौट आई. तीसरे दिन ही उस के शौहर की मौत हो गई. निशा की भविष्यवाणी सटीक थी. इस के बाद तो निशा को सब सिद्ध तांत्रिक का दरजा देने लगे.
दूसरी सटीक भविष्यवाणी तो हैरान करने वाली थी. मुसर्रत अपनी बेटी का निकाह करने वाली थी. निशा ने उसे पहले ही चेता दिया, “मुसर्रत, तू बेटी का निकाह मत कर, तेरी बेटी का कुछ ही दिन में तलाक हो जाएगा.”
मुसर्रत ने इस पर ध्यान नहीं दिया. उस ने बेटी का निकाह कर दिया. ताज्जुब! थोड़े ही दिनों में मुसर्रत की बेटी को उस के शौहर ने तलाक दे दिया और बेटी मायके में आ कर बैठ गई.
निशा की जिंदगी में आया सऊद फैजी
मुसर्रत के लिए निशा द्वारा की गई दोनों भविष्यवाणियां हालांकि दुखदाई थीं, लेकिन वह बिलकुल सही साबित हुई थीं, इसलिए वह निशा की सिद्धि से प्रभावित हो कर उस की मुरीद बन गई. यही नहीं, उस का बेटा साद भी निशा का भक्त बन गया.
निशा खुद को अब बहुत ऊंची तांत्रिक समझने लगी थी. उस पर पैसा बरस रहा था, लेकिन घर में शौहर और बच्चों से वह दूर होती आ रही थी. उन्हीं दिनों उस की जिंदगी में सऊद फैजी ने कदम रखा. वह पार्षद रह चुका था, उसे 36 साल की निशा की देह में ऐसी कशिश दिखाई दी कि वह उस के घर के चक्कर काटने लगा.