आप को यह जान कर हैरानी होगी कि दुनिया में एक ऐसा भी देश है, जहां सरकार से अधिक सेना वहां के आतंकी माफियाओं के पास हैं. उन की संख्या 75 हजार से अधिक है. करीब 20 लाख किलोमीटर क्षेत्र वाले इस देश में प्राइवेट सैनिकों की बड़ी फौज है तो 600 से अधिक विमान उन्हीं माफियाओं के पास हैं. जबकि हैरानी भरी बात यह है कि वहां की सरकार के पास केवल 120 विमान ही हैं.
अब आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि इतनी बड़ी संख्या में विमानों का रखरखाव, उड़ान भरने के लिए निजी सुविधाएं, प्राइवेट हवाई अड्डे, रनवे और ईंधन की खपत सरकार की तुलना में कितनी अधिक होगी. इसी तरह से प्राइवेट सेनाओं के पास निश्चित तौर पर गोलाबारूद से ले कर अत्याधुनिक हथियारों का जखीरा भी होगा. ऐसे में इन के इस्तेमाल से पैदा हुए हिंसक आतंक की कल्पना से ही किसी के भी रोंगटे खड़े हो सकते हैं.
सच तो यह भी है कि इस देश में रोजाना 120 से अधिक हत्याएं होती हैं. जानते हैं कि वह देश कौन सा है? वह देश है मैक्सिको. मक्का, टमाटर और मटर उगाने वाले अमेरिका से सटे इस देश में दुनिया का सब से बड़ा ड्रग्स का धड़ल्ले से कारोबार होता है. लगभग 13 करोड़ की आबादी वाला मैक्सिको 40 साल से ड्रग कार्टेल के चंगुल में है. कार्टेल यानी संगठित गिरोह. ये गिरोह यहां अफीम, हेरोइन और मारिजुआना की तस्करी में लिप्त रहते हुए समानांतर सरकार चला रहे हैं.
अनुमान है कि करीब 150 से ज्यादा कार्टेल सालाना लगभग ढाई लाख करोड़ रुपए की ड्रग्स तस्करी अमेरिका को करते हैं. इन संगठित गिरोहों के गुर्गों की प्राइवेट आर्मी होने के कारण इन के बीच आए दिन खूनी संघर्ष भी होता रहता है.
घूमनेफिरने के लिए मशहूर दुनिया के खूबसूरत देश मैक्सिको में स्वादिष्ट भोजन, सभी तरह के मनोरम ऐतिहासिक और प्राचीन खंडहरों और ग्लैमर से भरे महानगरों का उत्तम रहनसहन के अलावा जलवायु, वनस्पतियों बेशुमार धनसंपदा हर किसी को अपनी तरफ खींचते हैं. इस के विपरीत यहां फैली ड्रग्स तस्करी, जुआ और अपराध डराता भी है.
ड्रग माफियाओं का आतंक
ड्रग तस्करों के गिरोहों के बीच होने वाले गैंगवार के चलते मैक्सिको में आए दिन हत्याएं होती रहती हैं. जब सरकार उन पर अंकुश लगाती है, तब वे उस पर भी हमला बोलने से नहीं चूकते हैं. पिछले साल 6 अक्तूबर को पश्चिमी मैक्सिको के टाउन हाल में जबरदस्त नरसंहार हुआ. जिस में पश्चिमी मैक्सिको के मेयर कोनार्डो मेंडोजा की हत्या हो गई. बंदूकधारियों के हमले से मेयर और 17 अन्य लोगों की मौत हो गई थी.
सभी गोलियों से छलनी कर दिए गए थे. मरने वालों में एक व्यक्ति मेयर का करीबी रिश्तेदार भी था. हमले की वारदात के मुताबिक बंदूकधारियों ने दिन में ही सैन मिगुएल तोतोलापन टाउन हाल पर धावा बोल दिया था. इस हमले में मेंडोजा के पिता अल्मेडा मेंडोजा, पूर्व महापौर जुआन मेंडोजा अकोस्टा भी मारे गए थे.
मैक्सिको में स्थानीय अधिकारियों की हत्याएं अकसर होती रहती हैं. कुछ साल पहले ही 2018 में कम से कम 3 दरजन महापौर, पूर्व महापौर और महापौर उम्मीदवार मारे गए थे. किंतु इस बार 6 अक्तूबर को आपस में लड़ रहे प्रतिद्वंदी ड्रग गिरोह के गैंगवार में हमले से कुछ समय पहले ही लास टकीलेरोस के कथित सदस्यों ने सोशल नेटवर्क पर एक वीडियो जारी कर इस क्षेत्र में अपनी वापसी की घोषणा की थी.
गिरोहों ने इस आतंक के बारे में 6 महीने पहले ही लोगों को तभी अहसास करवा दिया था, जब मैक्सिको में काली पौलीथिन में कटे हुए सिर और धड़ अलग मिले थे. पुलिस ने 13 मई, 2022 को 2 कटे हुए सिर बरामद किए थे, जबकि अगले रोज उन के धड़ संदिग्ध बैग और कंबल में लिपटे मिले थे. शरीर के अंगों पर काले मार्कर पेन से लिखा हुआ था, ‘असली आतंक अब शुरू होने वाला है.’
पुलिस जांच में पाया गया कि यह करतूत जलिस्को न्यू जेनरेशन कार्टेल की थी, जिस ने जाकाटेकस शहर में 5 दिनों तक आतंक मचाया था. बौर्डरलैंड बीट के अनुसार रात करीब 10 बजे कौलिनस डेल पाड्रे के पास काले प्लास्टिक बैग में 2 कटे हुए शव मिले थे. जिन के साथ एक नारको मैसेज भी था. इस के अलावा पुलिस को एक धड़ कंबल में लिपटा मिला था, जबकि दूसरा पानी में डूबा मिला था.
इस तरह से 3 दिनों में हुई संदिग्ध मौतों ने मैक्सिको में दहशत पैदा कर दी थी. सडक़ों पर सन्नाटा पसर गया था और लोग खौफ के मारे अपने घरों में कैद हो गए थे. कारण शाम को जाकाटेकस में 2 गैंग जलिस्को न्यू जेनरेशन कार्टेल और सिनालोआ कार्टेल के बीच जबरदस्त गोलीबारी हुई थी. इस खूनखराबे के बाद 2 काले पौलीथिन बैग बरामद किए गए थे, जिस में एक पुरुष और एक स्त्री के धड़ और अंग थे.
हत्यारे ने पुलिस के लिए धमकी भरे मैसेज में लिखा था, ‘जाकाटेकस का मालिक सिर्फ एक है. तैयार हो जाओ. आतंक शुरू होने वाला है.’
600 विमान हैं सिनालोआ कार्टेल के पास
इन कार्टेल में ही सब से बड़ा सिनालोआ कार्टेल है, जिस का साम्राज्य मैक्सिको की सरकार से भी बड़ा है. उस ने 600 विमान अमेरिका से खरीदे हैं और वह युवाओं को आसानी से पैसे कमाने का लालच दे कर अपने गिरोह में शामिल कर लेता है. हथियारों के जखीरे में उस के पास एके-47, एम-80 जैसी राइफलों के अलावा राकेट लौंचर भी हैं. मैक्सिको गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार की सुरक्षा एजेंसियां हर साल ड्रग कार्टेल के कब्जे से 20 हजार से अधिक एके-47 और एम-80 जैसी असाल्ट राइफलों की बरामदगी करती हैं.
मैक्सिको सरकार कार्टेल से बरामद किए जाने वाले हथियारों को नष्ट कर देती है, ताकि उन का फिर से इस्तेमाल नहीं किया जा सके. इस नुकसान का असर कार्टेल पर नहीं होता है. वे अमेरिकी माफिया से ड्रग्स की सप्लाई के बदले में फिर से हथियार हासिल कर लेते हैं. बीते 5 साल के दौरान कार्टेल ने राकेट लौंचर्स भी हासिल कर लिए हैं. वे इन का इस्तेमाल सरकारी टोही विमानों पर हमले के लिए करते हैं.
गृह मंत्रालय की रिपोर्ट यह भी बताती है कि गैंगवार के कारण देश में रोज औसतन 120 हत्याएं होती हैं. कोरोना काल के दौरान यह संख्या 118 थी. यानी कोरोना काल के दौरान दुनिया भर में लौकडाउन के बावजूद मैक्सिको में ड्रग्स का धंधा बेलगाम था.
अब तक मैक्सिको में ड्रग्स कार्टेल के बीच खूनी संघर्ष में लगभग 2 लाख मौतें हो चुकी हैं. 50 हजार लोग लापता हैं, जबकि इतने मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है. ड्रग कार्टेल सरकार पर दबदबा बनाने के लिए मैक्सिको की राजनीतिक पार्टियों को साल में 25 हजार करोड़ का चंदा देते हैं. लोगों के बीच खौफ पैदा करने के लिए वे काफी बर्बर हो जाते हैं. मर्डर का वीडियो बनाते हैं और शवों को चौराहों पर टांग
देते हैं.
कार्टेल के तमाम हथकंडे बेहद खौफनाक होते हैं. यहां तस्करी के साथसाथ किडनैपिंग कर वसूली का खेल भी चलता है. फिरौती नहीं देने वालों को गोलियों से भून देते हैं. मर्डर का वीडियो बना कर वायरल करते हैं. जिस से लोगों में दहशत का माहौल बने. आए दिन कार्टेल द्वारा विरोधियों के शवों को चौराहों पर टांगने के मामले आते रहते हैं. पिछले दिनों ही राजधानी मैक्सिको सिटी के मुख्य चौराहों पर गैंगवार के बाद 11 शव टंगे पाए गए थे.
कार्टेल किडनैप किए लोगों और प्रतिद्वंदी कार्टेल के गुर्गों को टार्चर रूम यानी गेटो में रखते हैं. इन गेटो के खिडक़ी दरवाजों की बुलेटप्रूफ लेयरिंग की जाती है. हर गेट के बाहर 20 से 25 हथियारबंद गुर्गे हमेशा तैनात रहते हैं. कार्टेल का साम्राज्य मैक्सिको के 32 में से 29 प्रांतों में बना हुआ है.
कार्टेल सिनालोआ का सरगना अल चापो
कहने को तो मैक्सिको में कई कार्टेल सक्रिय हैं और ड्रग के धंधे में लिप्त हैं. उन में सब से बड़ा कार्टेल सिनालोआ है. इस का सरगना अल चापो अभी जेल में है, जबकि वह 2 बार फरार हो चुका है. उस का 50 फीसदी ड्रग्स कारोबार पर कब्जा है.
मैक्सिकन ड्रग सरगना अल चापो की कहानी भी कुछ कम दिलचस्प नहीं है, जिसे सुरंगों का बेताज बादशाह कहा गया है. वह इन दिनों अपनी आजीवन कैद की सजा अमेरिका के कोलोराडो की एडीएक्स जेल में काट रहा है. जबकि उस की पत्नी एमा कोरोनेल को भी 3 साल की सजा मिली हुई है. वह भी जेल में है.
दुनिया के कई ड्रग्स माफिया पाब्लो एस्कोबार, मिगेल अनेल फालिक्स गयार्दो आदि में से अल चापो का नाम आता है, जिसे मैक्सिकन ड्रग लौर्ड के नाम से भी जाना जाता है. अल चापो का जन्म 1957 में मैक्सिको के सिनालोआ के ला टूना गांव में हुआ था. उस का असली नाम अकीन गुजमैन लोएरा था. उस ने 15 साल की उम्र में पहली बार भांग की खेती की और जब पैसे आए तब इसी काम को करने का मन बना लिया.
कुछ सालों बाद अकीन गुजमैन ने घर छोड़ दिया और घर से करीब 750 किलोमीटर दूर गुआदलहारा चला गया. सिनालोआ के ला टूना गांव से निकला अकीन गुजमैन गुआदलहारा तो पहुंच गया, लेकिन वहां वह कौन्ट्रैक्ट किलिंग का काम करने लगा. वहां उसे नया नाम अल चापो मिल गया और इसी नाम से कुख्यात हो गया.
साल 1980 के दौर में वह ड्रग्स के धंधे में आया और फिर कुछ दिनों बाद उस की मुलाकात अपने बौस मिगेल अनेल फीलिक्स गयार्दो उर्फ अल बेदरीनो से हुई. गयार्दो के बारे में कहा जाता है कि मैक्सिको के इतिहास में उस से बड़ा ड्रग्स तस्कर कोई नहीं हुआ.