उन के बीच बातचीत का समय सोनू के घर से निकलने के ठीक बाद साढ़े 10 और 12 बजे के बीच का था. उस के अलावा सोनू की किसी और से बात नहीं हुई थी.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक सोनू की मौत दिन में करीब ढाई बजे हो चुकी थी. मधु के बारे में नारायण और गायत्री से अलगअलग पूछताछ की गई.
नारायण ने मधु के संबंध में इतना बताया कि वह उस की बहन की 20 वर्षीया अविवाहित ननद है. वह सिहोरा तहसील के ही मढ़ई गांव में अपने मांबाप और भाईबहनों के साथ रहती है.
गायत्री से पूछने पर उस ने मधु के बारे में जो बताया उस से जांच को आगे बढ़ाते हुए मामले को सुलझाने की खास कड़ी मिल गई. हालांकि गायत्री ने बताया कि उस के पति और मधु के बीच प्रेमसंबंध थे.
जबकि उस बारे में पति ने यह कहा था कि अब उन के बीच के सारे संबंध खत्म हो चुके हैं और मधु की भी शादी तय हो चुकी है.
पुलिस द्वारा बारबार गायत्री से सोनू के बारे में सवाल पूछे जा रहे थे. पुलिस को लग रहा था कि गायत्री कुछ बातें छिपा रही है. अंतत: वह अपनी पीड़ा ज्यादा समय तक छिपा नहीं पाई. एक बार पुलिस से गायत्री ने पूछ लिया, आखिर इस में उस की क्या गलती है?
उन्होंने पुलिस से कहा कि वह बेहद दुखी है. एक तरफ उस की उजड़ी हुई जिंदगी है, दूसरी तरफ घरपरिवार वाले उसे अपशकुन, कुलच्छनी और न जाने क्याक्या कह कर दोषी ठहरा रहे हैं.
उस ने अपने पति को मोबाइल ठीक करवाने को क्या कहा, वह सब के निशाने पर आ गई है. जबकि सच तो यह था उस ने ही मोबाइल ठीक कराने की जिद की थी.