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29 सितंबर, 2016 को उत्तर प्रदेश के जिला गोरखपुर के थाना सहजनवा के गांव रहीमाबाद  के पास सड़क के किनारे, एक लाश पड़ी होने की जानकारी मिलते ही आसपास के गांवों के तमाम लोग इकट्ठा हो गए. सूचना पा कर थाना सहजनवा के थानाप्रभारी ब्रजेश यादव भी पुलिस बल के साथ आ गए.

उन्हें लाश की शिनाख्त कराने में जरा भी दिक्कत नहीं हुई, क्योंकि वहां जमा भीड़ में मृतक का एक दोस्त था, जिस ने लाश की शिनाख्त ही नहीं कर दी, बल्कि यह भी बताया कि उस ने मृतक के घर वालों को सूचना भी दे दी है. लाश की शिनाख्त जिला देवरिया के थाना बरहज के गांव नवापार के रहने वाले जितेंद्र सिंह के बेटे अमनप्रताप सिंह के रूप में हुई थी. जितेंद्र सिंह मध्य प्रदेश में रहते थे.

गांव में उन के भाई राजू सिंह रहते थे. मृतक अमन के दोस्त ने उन्हें ही फोन कर के उस की हत्या के बारे में बताया था. सूचना मिलते ही वह परिवार के कुछ लोगों के साथ तुरंत चल पड़े थे.

थाना सहजनवा के थानाप्रभारी ब्रजेश यादव ने लाश का निरीक्षण किया तो पता चला कि सिर और सीने में गोली मारी गई थी. इस के अलावा पेचकस जैसी नुकीली चीज से उस के सीने में कई वार किए गए थे. वह घटनास्थल की काररवाई कर रहे थे, तभी मृतक अमन के चाचा राजू सिंह आ गए थे.

उन्होंने भी लाश की पहचान अपने भतीजे अमनप्रताप सिंह के रूप में कर दी तो पुलिस ने घटनास्थल की काररवाई निपटा कर लाश को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया था. इस के बाद राजू सिंह की तहरीर पर थाना सहजनवा में अज्ञात के खिलाफ अमन की हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया था.

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