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पुलिस को सब से पहले उस औटो वाले का पता लगाना था, जिस में बैठ कर उर्वशी ने जाने की बात कही थी. इस के बाद उस जगह का पता लगाना था, जहां उस के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था. इसी के साथ उर्वशी से दरिंदगी करने वाले संदीप और ब्रजेश सहित अन्य आरोपियों का पता लगाना था.

पुलिस ने जांच शुरू करते हुए सब से पहले रेलवे स्टेशन और उस के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकौर्डिंग खंगाली. एक रिकौर्डिंग में उर्वशी रेलवे स्टेशन से बाहर जाती नजर आ रही थी. रेलवे स्टेशन के बाहर 3 जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगे थे, लेकिन वे खराब थे.

पुलिस ने औटो चालकों से पूछताछ शुरू की. जयपुर में करीब 8 हजार औटो हैं, लेकिन उन में किसी का भी वेरिफिकेशन नहीं है. उर्वशी ने पुलिस को हरेपीले औटो के बारे में बताया था. ये हरेपीले औटो सीएनजी से चलते हैं. ऐसे औटो की संख्या भी हजारों में है. पुलिस ने युवती के मोबाइल नंबर की काल डिटेल्स निकलवा कर उस की भी जांच की, साथ ही मोबाइल टावर के आधार पर आरोपियों का पता लगाने की भी कोशिश की गई.

अपराधों के मामले में राजस्थान पहले ही सुर्खियों में है. इस घटना से जयपुर में कानूनव्यवस्था पर सवालिया निशान लग गए थे. दिन भर इलैक्ट्रौनिक चैनलों पर युवती से दरिंदगी की खबरें चलती रहीं. लोगों में भी सरकार के प्रति आक्रोश उभरने लगा. उसी दिन शाम को दीनदयाल वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म की घटना के विरोध में स्टैच्यू सर्किल पर कैंडल मार्च निकाला.

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