कर्जदारों से बचने के लिए बिल्डर शिवदत्त ने अपने अपहरण का जो खेल खेला, वह उस के घर वालों पर तो भारी पड़ा ही, वह खुद भी अपने ही जाल में फंस गया. 42 दिन तक उसके परिजनों के साथ साथ पुलिस भी परेशान रही.
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