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पता चला कि मृतका अपनी 2 सहेलियों के साथ कुछ रोज पहले ही वहां रहने आई थी. वंदना के साथ रहने वाली दोनों युवतियों के नाम नैना और पूजा थे. मकान मालिक के अनुसार वे अकसर वहां आती रहती थीं, लेकिन दोनों वहां ठहरती नहीं थी. घटना के समय दोनों बाजार गई हुई थीं. बाजार से लौट कर नैना ने ही पहले कमरे में वंदना की लाश पड़ी देखी थी और उसी ने पुलिस कंट्रोल रूम को घटना की जानकारी दी थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए टीआई शुक्ला ने वंदना रघुवंशी मर्डर केस की जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के साथसाथ उस के घर वालों को भी इस की सूचना भेज दी गई.

वंदना एक विवाहित महिला थी. सूचना पा कर उस का पति थाने पहुंचा. पुलिस ने उस से भी वंदना के बारे में पूछताछ की. पोस्टर्माटम हो जाने के बाद पुलिस ने वंदना का शव उस के पति को सौंप दिया. पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की शुरुआत वंदना के पति से की. उस से वंदना के बारे में कुछ व्यक्तिगत जानकारियां मिलीं. उस के अनुसार वंदना की 2 शादियां हुई थीं. पहली शादी भोपाल के एक युवक से हुई थी, जिस से तलाक के बाद उस ने 2014 में दूसरी शादी की थी.

वंदना का पति इंदौर में ही रेलवे में हाउसकीपिंग का काम करता है. उस ने पुलिस को बताया कि वंदना पिछले 4 साल से रोज दोपहर में यह कह कर घर से निकलती थी कि वह एक टिफिन सेंटर में काम करती है और उसे टिफिन पहुंचाना होता है. वह शाम 6 बजे के आसपास घर वापस लौट आती थी. वंदना के काम के बारे में उस के पति ने अधिक जानकारी लेने की कोशिश नहीं की थी. वह खुद रात 10 बजे के करीब घर लौटता था. वंदना के 3 बच्चे भी हैं.

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