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सन 1973 में देवानंद और जीनत अमान की एक फिल्म आई थी ‘हीरा पन्ना’. इस फिल्म का एक गाना ‘पन्ना की तमन्ना है कि हीरा मुझे मिल जाए... चाहे मेरी जान जाए चाहे मेरा दिल जाए...’ बहुत लोकप्रिय हुआ था. किशोर कुमार और लता मंगेशकर द्वारा गाए इस गीत का मुखड़ा मध्य प्रदेश के पन्ना जिले की हीरा खदानों में रातदिन मेहनत कर हीरा खोजने वालों पर सटीक बैठता है.

पन्ना में करीब 25 हजार लोग इसी उम्मीद से दिनरात पहाड़ खोद रहे हैं. नदी की रेत छान रहे हैं. इन में से कुछ ने तो परिवार सहित यहां डेरा डाल रखा है. मध्य प्रदेश के पन्ना की धरती बेशकीमती हीरे उगलती है. इस हीरे को पाने के लिए लोग कोई भी कुरबानी देने को तैयार हैं.

मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की संयुक्त परियोजना से दोनों राज्यों के किसानों की सिंचाई और पीने के पानी की समस्या दूर करने के लिए पन्ना जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर अजयगढ़ के पास रुंझ नदी पर डैम बनाने का काम चल रहा है.

करीब 4 महीने पहले यहां खुदाई के दौरान एक ठेकेदार को एक हीरा मिला था. यह खबर जंगल में आग की तरह फैल गई. इस के बाद यहां पन्ना जिले के अलावा नजदीकी छतरपुर, सतना और उत्तर प्रदेश के लोग हीरे की तलाश में पहुंचने शुरू हो गए और देखते ही देखते रुंझ नदी की तलहटी में एक अस्थाई बस्ती बस गई है.

लोग दिनरात यहीं डटे रहते हैं. लोगों की आवश्यकता के लिए यहां सब्जी, दूध समेत कई किराना दुकानें भी खुल चुकी हैं. सुबह पौ फटने से शाम होने तक 20 से 25 हजार लोग रुंझ नदी के 6 किलोमीटर के दायरे में गैंती, फावड़ा, तसला और छलनी ले कर हीरे तलाश रहे हैं.

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