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पुलिस की सूचना पर रोक्सेन भी वहां पहुंच गई थी. बेटी की लाश देख कर उस का कलेजा फटा जा रहा था. आंखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे. वह उस पल को कोस रही थी, जब उस ने वाकर पर विश्वास किया था. उस ने उस के साथ विश्वासघात ही नहीं किया, उस की जिंदगी वीरान कर दी थी. पुलिस ने वाकर की लाश को नीचे उतारा. उस के कपड़ों की तलाशी ली गई, तो पैंट की जेब से एक कागज निकला.

उसे खोला गया, तो वह सुसाइड नोट था. वाकर ने उस में लिखा था, ‘‘मैं इंसान नहीं, जानवर से भी गया गुजरा हूं. मैं ने रोक्सेन से प्यार किया. मेरा प्यार सच्चा था. उस ने भी मुझ पर भरोसा किया और मुझे अपना सब कुछ मान लिया. उस ने मुझे दिल से पति माना, तो मैं ने भी उसे पत्नी माना.

‘‘उस के बच्चों को अपना बच्चा मान लिया. मैं ने पूरी कोशिश की कि रोक्सेन को दिया वादा निभाऊं और स्टेसी एवं रौबर्ट का पिता बनूं. लेकिन मैं अपना वादा निभा नहीं पाया. मैं ने जो किया, उस से रोक्सेन को मुंह दिखाने लायक नहीं रहा. इसलिए अपने गुनाह की सजा मैं ने खुद चुन ली.

‘‘स्टेसी को मैं बेटी की तरह प्यार करता था. मगर उस के शरीर में आए बदलावों से मेरी नीयत खराब हो गई. मैं उसे बेटी नहीं, औरत समझने लगा. मैं एकांत में उस से छेड़छाड़ करने लगा. जिस का वह कोई विरोध नहीं करती थी. शायद वह उसे पिता का स्नेह समझती थी. रोक्सेन ने मेरी हरकत देख ली और मेरी नीयत को समझ गई. उस ने मुझे टोका, तो एक बार फिर मैं ने वादा किया कि कभी कोई गलत काम नहीं करूंगा.

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