Best Hindi Story : जेलें दंड देने के लिए बनाई जाती हैं, लेकिन असल मकसद कैदी को सुधारना होता है. सुधार सख्ती से भी हो सकता है और सुविधाओं से भी. इसीलिए दुनिया में कुछ जेलें अलग तरह का सुधारवादी तरीका अपनाने के लिए 5 स्टार होटलों की सुविधाओं जैसी बनाई गई हैं. जानें कुछ ऐसी ही जेलों के बारे में…
हमारे यहां जेलों और सजा काटने वाले कैदियों को अच्छी नजरों से नहीं देखा जाता, लोग डरते हैं जेल जाने से. यह स्वाभाविक भी है क्योंकि न तो जेलों में खाना अच्छा मिलता है और न रहने को जगह. ऊपर से गुंडागर्दी, मारपीट. एक तरह से यह ठीक भी है, क्योंकि जेलें किए गए अपराध का दंड देने के लिए होती हैं. वैसे जेलों को सुधार गृह कहा जाता है, लेकिन ज्यादातर मामलों में ये बिगाड़ गृह ज्यादा साबित होती हैं. इस के अलावा हमारे यहां जेलों का एक पहलू और भी है.
दरअसल, पैसे वालों, पावरफुल लोगों या माफियाओं के लिए ये जेल नहीं आरामगाह होती हैं, जहां पैसे और जेल प्रशासन की घूसखोरी की वजह से उन्हें हर चीज उपलब्ध होती है. लड़कियां औरतें तक. वैसे तो ज्यादातर देशों में जेलों का यही हाल है, लेकिन दुनिया के कुछ देश ऐसे भी हैं जहां की जेलें 5 स्टार होटलों से कम नहीं हैं. इन जेलों में कैदियों को जो सुविधाएं मिलती हैं, उन्हें जान कर आप दंग रह जाएंगे. फिर भी जेल तो जेल ही होती है. आइए सब से पहले बात करते हैं नार्वे की बस्तोय जेल की. इस जेल को दुनिया की सबसे बेहतरीन जेल माना जाता है. इस में करीब 100 कैदी रहते हैं. यहां रहने वाले कैदियों को हौर्स राइडिंग, फिशिंग, टेनिस, सन बाथिंग और प्रिजन कौंप्लैक्स जैसी सुविधाएं मिलती हैं.
केवल इतना ही नहीं, कैदियों को खेती करने और रहने के लिए कौटेज जैसी सुविधाएं भी दी जाती हैं. इस जेल में रहने वाले कैदियों को लगता ही नहीं कि वे जेल में हैं. ओसलोफजौर्ड में बैस्टौय द्वीप पर स्थित इस जेल के कैदी खुली और मनभावन जगह पर धूप ही नहीं सेंक सकते बल्कि गरमी में देवदार के जंगल की छाया में दूरदूर तक सैर भी कर सकते हैं. द्वीप की नौका का भी आनंद ले सकते हैं. यहां आने के लिए कैदियों को आवेदन करना पड़ता है, साथ ही परंपरागत जेलों में सेवा करते हुए बदलने की इच्छा का भी प्रदर्शन करना होता है.
बस्तोय जेल काफी बड़ी है, लेकिन यहां सुरक्षा बहुत कम है. हालांकि यहां हिंसक अपराध करने वाले कैदियों को रखा जाता है. कुछ के तो बहुत गंभीर अपराध होते हैं, लेकिन किसी का यहां से जाने का मन नहीं होता क्योंकि ये कैदी नहीं, एक समुदाय के रूप में रहते हैं. हर चीज साझा करते हैं, बैडरूम तक. खुद लजीज खाना बना सकते हैं. अकेले भी और सामूहिक रूप से भी. एकदूसरे के कपड़े पहन सकते हैं. जेल की दुकान, पुस्तकालय या चर्च में जा सकते हैं. सप्ताह में यहां म्यूजिकल प्रोग्राम और व्याख्यान होते हैं. पाठ्यक्रम चलते हैं जिन में इच्छानुसार बदलाव किया जा सकता है. यानी हर तरह की आजादी. यहां ऐसा लगता है जैसे छुट्टी में पिकनिक मनाने आए हों.
यहां दौरा करने आए नार्वेजियन अधिकारियों के अनुसार, कैदियों के लिए यह नर्म दृष्टिकोण ज्यादा प्रभावी है. जेल के कैदियों और यहां के कर्मियों के बीच सम्मानजनक संबंध हैं. अधिकांश जेल अधिकारी रात में द्वीप छोड़ कर चले जाते हैं. कैदियों से अपेक्षा की जाती है कि वहां की जिम्मेदारी वे खुद उठाएं. नार्वे इस जेल को पारिस्थितिक जेल कहता है. यहां के कैदी आराम के अलावा रोजाना काम करते हैं. भेड़ों और घोड़ों को चराते हैं, खेतों में काम करते हैं. पेड़ों से लकडि़यां काटते हैं. तरहतरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेते हैं. नार्वे मिनिस्ट्री औफ जस्टिस का कहना है, ‘जेल के अंदर के जीवन को बाहर की जिंदगी की जरूरत होती है. कैदियों को भी अपने कार्यों की जिम्मेदारी लेने की आवश्यकता है. अतीत, वर्तमान और भविष्य की आवश्यकता होती है.
हमारा मानना है कि यह किसी व्यक्ति के लिए अपराध से दूर रहने के लिए अधिक प्रभावी है, ताकि सिस्टम उसे डराने की कोशिश न कर सके. वह इन्हें जुड़ना सिखाता है कि उन के पड़ोसी के रूप में कौन और कैसा व्यक्ति होगा और उस के साथ किस तरह व्यवहारिक बना जाएगा. नार्वे में उम्रकैद जैसी कोई सजा नहीं है. सब से लंबी सजा 21 साल है. जबकि नरसंहार जैसे अपराधों के लिए 30 साल की अधिकतम सजा का प्रावधान है. क्योंकि इसे मानवता के प्रति युद्ध माना जाता है. औसत सजा 8 महीने है. बिना शर्त जेल की 60 प्रतिशत से अधिक सजा महज 3 महीने होती है और 90 प्रतिशत एक साल से कम. बड़े मामलों में सजा पूरी होने से पहले 18 महीने नौकरी करनी होती है, जिस में कैदी स्वतंत्र भी होता है और नहीं भी.
गुआंतानमों बे जेल इस के बाद बात करते हैं गुआंतानमो बे जेल की, जो क्यूबा में है. जेल का यह नाम इसलिए है क्योंकि ये गुआंतानमो घाटी के तट पर स्थित है. इस जेल में कुल 40 कैदी हैं और हर कैदी पर सालाना 93 करोड़ रुपए खर्च होते हैं. गुआंतानमो बे जेल में करीब 1800 सैनिक हैं यानी एक कैदी पर 45 सैनिक. सोचने वाली बात यह है कि कैदियों को इतनी सुरक्षा क्यों दी जाती है. दरअसल, यहां कई ऐसे अपराधी कैद हैं जो बेहद खतरनाक हैं. इन में एक 9/11 को अमेरिका के ट्विन टावर पर हुए हमले का मास्टरमाइंड खालिद शेख मोहम्मद भी है. यह हमला अल कायदा ने किया था, जिस में 2971 लोगों की जानें गई थीं और 25 हजार लोग घायल हुए थे.
गुआंतानमो बे जेल में 3 इमारतें, 2 खुफिया विभाग के मुख्यालय और 3 अस्पताल हैं. वकीलों के लिए अलगअलग कंपाउंड बनाए गए हैं, जहां कैदी उन से बात कर सकते हैं. इस जेल में कैदियों और जेल के स्टाफ को होटल जैसी सुविधाएं मिलती हैं. कैदियों के लिए जेल में चर्च, जिम, प्ले स्टेशन और सिनेमाहाल हैं. इस जेल में पहले अमेरिका का नेवी बेस था, लेकिन बाद में इसे डिटेंशन सेंटर (हिरासत केंद्र) बना दिया गया. अमेरिका के भूतपूर्व राष्ट्रपति जौर्ज डब्ल्यू बुश ने यहां एक कंपाउंड बनवाया था, जहां आतंकियों को रखा जाता था. इसे कैंप एक्सरे नाम दिया गया था.
सोलन टूना जेल, स्वीडन स्वीडन की सोलन टूना जेल किसी फाइवस्टार होटल से कम नहीं है. इस जेल से छूट कर आए अपराधियों का कहना है कि इस जेल में उन्हें पूरी आजादी दी जाती है. अपना खाना खुद बनाना होता है, वह भी मनमर्जी से. शानदार सोफे पर बैठ कर किताबें पढ़ सकते हैं. कैदियों के सेल्स में किचन, टीवी, फ्रिज और बाथरूम की सुविधाएं भी दी गई हैं, जो किसी उत्कृष्ट एयरलाइंस की फ्लाइट जैसी हैं. जस्टिस फौर लियोबेन आस्ट्रिया की इस खूबसूरत जेल में कैदियों को उचित सम्मान के साथ रखा जाता है. इस फाइवस्टार जेल में करीब 250 कैदी हैं. यहां सभी कैदियों के लिए इनडोर गेम से ले कर जिम तक की सभी सुविधाएं हैं. यहां रहना शाही जिंदगी जीने जैसा है.
यहां कैदियों को जेल के कपड़े नहीं, बल्कि अपने खुद के कपड़े पहनने की आजादी है. कैदियों के लिए अलगअलग प्राइवेट बाथरूम और किचन है. इस जेल को दुनिया की खूबसूरत जेलों में गिना जाता है. अरेंजबेज जेल ज्यादातर जेलों में बच्चों के पैदा होने के तुरंत बाद उन के परिवार के हवाले कर दिया जाता है और अगर कोई परिवार बच्चे की जिम्मेदारी नहीं लेता तो उसे किसी एनजीओ को सौंप दिया जाता है. लेकिन स्पेन की यह जेल दुनिया की एकलौती जेल है, जहां कैदियों के परिवारों के लिए कमरे मौजूद हैं. यहां 3 साल का होने तक उन के बच्चे उन के साथ रह सकते हैं. बच्चों के लिए खूबसूरत कमरे ही नहीं, हर तरह के खिलौने भी मौजूद हैं, और कमरे की दीवारों पर उन की रुचि की क्रिब्स और डिज्नी के पात्रों की पेंटिंग बनी हैं.
जेवीए फुलस्वटल जेल जर्मनी के हैंबर्ग शहर स्थित यह जेल भी दुनिया की खूबसूरत जेलों में गिनी जाती है. किले की तरह नजर आने वाली इस जेल में कैदियों को काफी बड़े और आरामदायक कमरे दिए जाते हैं, जिन में लिविंग रूम, डेस्क, टीवी और शौवर लगे हुए हैं. प्राइवेट बाथरूम भी हैं. कपड़े धोने की सुविधा के लिए सामूहिक वाशिंग मशीनें हैं. जेल में कौन्फ्रैंस रूम और मनोरंजन कक्ष भी हैं. पोडोंक बंबू जेल, इंडोनेशिया महिलाओं के लिए बनाई गई यह जेल पुनर्वास के उद्देश्य से बनाई गई है, जो पूरी तरह एयरकंडीशंड है.
खूबसूरत बगीचों और मूर्तियों से भरे इस परिसर में ब्यूटीशियन और सौंदर्य उपचार के कोर्स कराए जाते हैं. मनोरंजन के साधनों के साथसाथ यहां जीवन को सुखमय बनाने के सभी साधन हैं.