2 दिन कड़ी मेहनत की गई. कितने ही कंप्यूटरों पर वोटर लिस्ट डाल कर 22 आधार कार्ड के फोटोज मिलाए गए. इस की सफलता मिली इंसपेक्टर दहिया को. एक फोटो का मिलान वोटर लिस्ट के एक फोटो से हो गया. इस व्यक्ति का नाम प्रेम प्रकाश, उम्र-37 साल थी और यह राणाप्रताप बाग की झुग्गियों में रहता था.
आईएफएसओ की स्पैशल टीम के सदस्य झुग्गी में उस एड्रैस पर पर पहुंचे तो वहां दूसरा व्यक्ति मिला. उस ने पूछताछ में बताया कि प्रेम प्रकाश का वोट झुग्गियों से बना है, लेकिन वह चंदन विहार, वेस्ट संत नगर में रहता है. स्पैशल सेल की टीम चंदन विहार (वेस्ट संतनगर) पहुंच गई. यहां एक घर से प्रेम प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया गया.
उसे स्पैशल सेल के थाने में ला कर कड़ी पूछताछ की गई तो उस ने मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के पौलिसी धारकों को चूना लगाने की बात को स्वीकार कर लिया. यह काम उस ने अकेले नहीं किया था, 4 और लोग उस के साथ थे. प्रेम प्रकाश ने उन चारों साथियों के नामपते बता दिए. उन्हें भी उन के घरों से टीम ने उठा लिया.
पौलिसी के पैसे हड़पने वाले इन जालसाजों के नाम चंदन जैन (61 वर्ष) निवासी रोहिणी, सुजीत कुमार मिश्रा (41 साल) ककरोला, दिल्ली. विकास (30 साल) विजय नगर दिल्ली. रोहित कुमार अग्रवाल (28 साल) ग्रेटर नोएडा वेस्ट यूपी थे.
पत्नी के चक्कर में किया फरजीवाड़ा
इन में मास्टरमाइंड रोहित अग्रवाल था. यह व्यक्ति मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में सीनियर एग्जीक्यूटिव पद पर तैनात था. उस से पूछताछ की गई तो उस ने बताया, “अपनी बीवी स्नेहा की लखपति बनने की महत्त्वाकांक्षा की वजह से उस ने यह खुराफात की. उस ने कंप्यूटर में दर्ज मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी का डाटा चैक किया, उस में कुछ ऐसे पौलिसी धारक थे, जो पौलिसी मैच्योर होने के बाद भी पौलिसी का पैसा लेने का दावा नहीं कर रहे थे.”