कहने को तो विशाल चौहान कानून का रखवाला था, लेकिन उस ने बीवीबच्चों के रहते न सिर्फ छोटे भाई की पत्नी को फांस रखा था, बल्कि दोस्त की बहन से शादी करने की तैयारी कर रहा था. एक वकील होते हुए उस ने कानून तोडऩे का जो दुस्साहस किया था, उस के अंजाम में उस की 35 वर्षीय पत्नी वर्षा गोलियों का शिकार हो गई. आखिर किस कदर बिछती चली गई जुर्म की बिसात? पढ़ें, सब कुछ इस कथा में...
View this post on Instagram
नाश्ता करने के बाद एडवोकेट विशाल चौहान ने एक बैग में अपने पहनने के कुछ कपड़े पैक किए, शेविंग आदि का सामान रखा. परफ्यूम रखा, बैग में मोबाइल का चार्जर ठूंसता हुआ सीधा बस अड्डे जा पहुंचा. उस ने बिजनौर जनपद से अपनी ससुराल उदयपुर जाने वाली बस पकड़ ली. डेढ़ महीने से उस की पत्नी वर्षा अपने मायके में जमी हुई थी. वह उस से इस कदर नाराज थी कि फोन पर भी बात नहीं करती थी. बात 13 जून, 2024 की है. विशाल को अचानक चौखट पर आया देख कर वर्षा चौंक गई.
''अंदर चलने को नहीं बोलोगी?’’ विशाल बोला.
''हांहां, आओ न!’’ वर्षा पति विशाल को अपने कमरे तक ले कर जाने लगी. इसी बीच परिवार के लोगों ने भी उसे देखा और खुशी से भाभी बोल पड़ी, ''अरे देखोदेखो, दामादजी आए हैं. अरे परी देखो, तुम्हारे पापा आए हैं.’’
कुछ मिनटों में ही पूरे घर में सभी को मालूम हो गया था कि दामादजी आए हैं. सभी ने अनुमान लगा लिया कि वह वर्षा और परी को लेने आए हैं. वर्षा अपनी ससुराल जाएगी. घर में खुशी का माहौल बन गया था. वर्षा न चाहते हुए भी उस खुशी में शामिल हो गई थी. पति की आवभगत में जुट गई थी. शरबत, पानी और चायनाश्ते से ले कर दिन के अच्छे भोजन तक से विशाल का स्वागत किया गया.