कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

अब गुंजाइश की कोई बात ही नहीं रह गई थी. लेकिन पुलिस पूछताछ में वह अपने नकाबपोशों द्वारा हत्या किए जाने वाले बयान पर अड़ा था और अजीब अजीब हरकतें कर रहा था. कभी वह रोने लगता तो कभी हंसने लगता. खीझ कर थानाप्रभारी ने पूछा, ‘‘सचसच बताओ तुम ने हत्याएं क्यों कीं.’’

इस पर हरमीत ने राजदाराना अंदाज में कहा, ‘‘सरजी, मैं ने कुछ नहीं किया, कराने वाला तो कोई और है.’’

‘‘कौन?’’

‘‘2 भूत, जो खिड़की के रास्ते आए और मेरे अंदर प्रवेश कर गए. उन में एक औरत थी और एक आदमी. दोनों मुझ से कहते गए और मैं हत्याएं करता गया.’’

पुलिस समझ गई कि हरमीत नाटक कर रहा है. इस के बाद उस के साथ थोड़ी सख्ती की गई तो उस पर सवार भूत को उतरते देर नहीं लगी. चारों हत्याओं का राज भी खुल गया. उस परिवार का कातिल कोई और नहीं, हरमीत ही था. हरमीत से की गई पूछताछ में जो कुछ पुलिस के सामने आया, उसे सुन कर पुलिस वालोें के भी रोंगटे खड़े हो गए. कोई बेटा इतना भी कू्रर हो सकता है, ऐसा किसी ने नहीं सोचा था.

मूलत: पंजाब के रहने वाले जय सिंह मिलनसार स्वभाव के मेहनती आदमी थे. वर्षों पहले उन का विवाह कुलवंत कौर के साथ हुआ था. जिंदगी हंसीखुशी से गुजर रही थी. सब कुछ ठीक था, लेकिन कुलवंत कौर को कोई संतान नहीं हुई. तमाम इलाज के बाद भी जब कोई समाधान नहीं हुआ तो 25 साल पहले उन्होंने अपने भतीजे अजीत सिंह की बेटी हरजीत कौर उर्फ हन्नी को गोद ले लिया था.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 12 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...