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आदेश अर्चना की डेटिंग ऐप प्रोफाइल पर अब रोज अपने कमेंट भेजने लगा था. अर्चना अपनी पोस्ट पर आदेश के द्वारा भेजे कमेंट पढ़ती तो उस की नजर में आदेश का कद और ऊंचा हो जाता. दोनों की दोस्ती धीरेधीरे मजबूत डोर में बंधने लगी. आदेश अर्चना की नजर में सुलझा हुआ इंसान था. उस के कमेंट में कोई अश्लीलता नहीं होती, न वह ऊलजलूल बातें लिखता था.

आदेश हमेशा इस खूबसूरत दुनिया के खूबसूरत नजारों की बातें लिखता, कभी निराशा के महत्त्व को समझाता, जिस के आधार पर इंसान अपना भविष्य तय करता है. आदेश मन से चाहता था कि अर्चना अपने मकसद में कामयाब हो जाए, वह एयरहोस्टेस बन कर ऊंची उड़ान भरे. अर्चना पूरी लगन से एयरहोस्टेस के लिए तैयारी कर रही थी. इधर उस का झुकाव धीरेधीरे आदेश की ओर होने लगा था.

दोस्ती बदली प्यार में...

किसी दिन आदेश का यदि कोई कमेंट नहीं आता तो अर्चना उदास हो जाती थी. आदेश उस के दिलोदिमाग पर छाता जा रहा था. सोतेजागते, खातेपीते बस आदेश का खयाल ही अर्चना की जेहन में उभरता रहता. आदेश उस की नींदें चुराने लगा था, उस के दिल में हलचल मचाने लगा था. अब अर्चना का मन करता था, उस की पोस्ट से हट कर सीधे उस से बातें करे.

अर्चना हिमाचल प्रदेश के जिला कांगडा के बनखेड़ी में रहती थी और आदेश बेंगलुरु में. दोनों के बीच बहुत लंबा फासला था, वह आमनेसामने बैठ कर बातेंमुलाकातें नहीं कर सकते थे. अर्चना को आदेश से बात करने का एक ही जरिया नजर आया, वह जरिया था मोबाइल. मोबाइल द्वारा आदेश और वह रात और दिन बातें कर सकते थे, लेकिन अर्चना आदेश को यह सुझाव देने में हिचक रही थी. वह नारी थी, अपनी ओर से यह सुझाव देने में उसे शरम महसूस हो रही थी. वह चाहती थी कि इस की पहल आदेश करे.

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