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आधी रात को आल्हापुर गांव के एक मकान को सीआईए प्रभारी मोहम्मद इलियास के नेतृत्व में गई टीम ने घेर लिया. मोहम्मद इलियास के साथ उन का खास मुखबिर था. उसी ने वह घर चिह्निïत किया था. एक एसआई ने आगे बढ़ कर मकान का दरवाजा खटखटाया.

अंदर से थोड़ी देर बाद किसी महिला का स्वर उभरा, “कौन है बाहर?”

“दरवाजा खोलो, गांव के एक घर में आग लग गई है.” एसआई ने घबराए हुए स्वर में कहा.

“यह बहाना काम कर गया. मकान का दरवाजा तुरंत खुला और एक महिला बाहर निकल कर बोली, “किस के मकान में आग लगी है.”

“अभी बता देंगे.” एक हैडकांस्टेबल ने उस की कनपटी पर रिवौल्वर सटाते हुए गुर्रा कर कहा. बाकी टीम धड़धड़ाती हुई अंदर घुस गई. अंदर 2 पुरुष थे. उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

मकान की तलाशी ली गई. वहां से काफी मात्रा में नकदी, 3 मोबाइल फोन, एक चिटफंड सोसायटी के फार्म, बैंकों की पासबुकें और लोन एप्लाई करने वाले लोगों के नाम की लिस्ट बरामद की गई. सभी सामान जब्त कर के तीनों पुरुषमहिला को सीआईए के औफिस में लाया गया.

पुलिस की गिरफ्त में आए ठग

पूछताछ में उन के नाम ललित कुमार, अजीत कुमार और भावना मालूम हुए. रात भर उन्हें लौकअप में रखा गया. तीनों को दूसरे दिन न्यायालय में पेश कर के रिमांड पर ले लिया गया.

रिमांड में जब उन से सख्ती से पूछताछ शुरू हुई तो एक ठग का नाम सामने आया हेमंत वर्मा. हेमंत वर्मा पकड़ में आए ललित कुमार का साला था. वह पलवल में कृष्णा कालोनी में रहता था. सीआईए की टीम ने कृष्णा कालोनी में हेमंत वर्मा के घर पर दबिश दी.

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