गड़े धन के लालच में क्यों फंसा अजय शुक्ला
परिवार व गांव वालों ने नीरज विश्वकर्मा को ले कर अजय शुक्ला के कान भरने शुरू किए तो उस ने उस के घर आने पर पूरी तरह से रोक लगा दी. इस के बाद संतोष कुमारी ने प्रेम प्रसंग में बाधा बन रहे पति को समझाने की काफी कोशिश की, लेकिन उस ने उस की एक भी बात नहीं मानी.
संतोष कुमारी जानती थी कि उस का पति गड़े धन के लालच में कुछ भी कर सकता है. क्योंकि इस से पहले भी वह गड़े धन की लालसा में कई बार तांत्रिकों से मिल चुका था.
उस के बाद भी वह गड़ा धन पाने के लिए कुछ न कुछ हरकतें करता ही रहता था. इस के लालच में वह कहीं भी जा सकता है, जिस के सहारे उसे मौत की नींद सुलाना भी बहुत ही आसान काम था. प्रेमी को पाने के लिए उस ने उस के पति को ठिकाने लगाने का फैसला कर लिया.
इस के बाद वह एक दिन नीरज विश्वकर्मा की दुकान पर जा कर मिली और उसे अपनी योजना के बारे में बताया. नीरज विश्वकर्मा तो पूरी तरह से संतोष कुमारी का दीवाना हो चुका था. वह उसे पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार था. संतोष कुमारी की बात सुनते ही वह उस का साथ देने को तैयार हो गया.
फिर उसी योजना के तहत एक दिन गड़े धन का लालच दे कर नीरज ने अजय शुक्ला से बात की. कहीं पर गड़े धन की जानकारी मिलते ही अजय शुक्ला उस के साथ जाने के लिए तैयार हो गया.