दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के नजदीक नांगली राजपुर स्थित यश गैस्टहाऊस में 27 अक्तूबर, 2015 को एक ऐसी घटना घटी कि गैस्टहाऊस के मैनेजर और कर्मचारी सिहर उठे. शाम के करीब 4 बजे गैस्टहाऊस के कमरा नंबर 24 से अचानक चीखने की आवाजें आने लगीं. चीखें सुन कर मैनेजर सुमित कटियार 2 कर्मचारियों के साथ उस कमरे की ओर भागे. वहां पहुंच कर उन्होंने देखा कि कमरे से धुआं भी निकल रहा है.

उस कमरे में सुबह ही एक आदमी अपनी पत्नी के साथ आया था. कमरे से चीखने की जो आवाज आ रही थी, वह उसी आदमी की थी. मैनेजर की समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर उस आदमी के साथ ऐसा क्या हो गया, जो वह इस तरह चीख रहा है. चीखों और धुआं निकलने से उस ने यही अंदाजा लगाया कि शायद वह आदमी जल रहा है. यह सोच कर सुमित कटियार घबरा गए.

कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था. उन्होंने दरवाजा थपथपाया, लेकिन वह नहीं खुला. वह परेशान हो उठे. जब उन्हें कोई उपाय नहीं सूझा तो उन्होंने अन्य कर्मचारियों के साथ मिल कर कमरे का दरवाजा तोड़ दिया. कमरे के अंदर का खौफनाक दृश्य देख कर सब की घिग्घी बंध गई. कमरे में पड़े बैड के नीचे एक आदमी आग में जलते हुए तड़प रहा था. उस के शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था. बैड के पास खड़ी उस की पत्नी हैरत से उसे जलता देख रही थी. वह भी उसी हालत में थी.

सुमित कटियार ने तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम को फोन कर के इस घटना की सूचना दे दी. थोड़ी ही देर में पुलिस कंट्रोल रूम की गाड़ी वहां पहुंच गई, जिस में 4 पुलिसकर्मी थे. यह क्षेत्र दक्षिणीपूर्वी दिल्ली के थाना सनलाइट कालोनी के अंतर्गत आता है, इसलिए पुलिस कंट्रोल रूम से इस घटना की सूचना थाना सनलाइट कालोनी को भी दे दी गई थी.

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