16 वर्षीय नाजिमा की मौत की गुत्थी उलझती ही जा रही थी, 23 दिन बाद कब्र से उस की लाश निकलवा कर पोस्टमार्टम कराया गया, लेकिन पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची. फिर उस के फोन की गैलरी में मिले फोटोग्राफ्स ने ऐसी कहानी बयां कर दी कि...

चीख की आवाज से मोहल्ले वालों का ध्यान जाकिरा के घर की ओर गया, क्योंकि वह आवाज वहीं से आ रही थी. कोई कुछ समझ पाता, उस से पहले ही उसी के घर से जोरजोर से रोने की आवाजें भी आने लगीं. यह सुन कर कुछ लोग जाकिरा के घर की तरफ लपके. उन की समझ में नहीं आ रहा था कि ऐसा क्या हो गया जो जाकिरा के घर से चीखने और रोने की आवाजें आ रही हैं. 

सभी हड़बड़ाए हुए जाकिरा के घर पहुंचे, वहां का दृश्य अंदर तक हिला डालने वाला था. जाकिरा की 16 वर्षीय बेटी नाजिमा फर्श पर पड़ी थी. उस के पास उस के दादादादी बैठे जोरजोर से रो रहे थे. 

''क्या हुआ नाजिमा को?’’ एक बुजुर्ग ने हैरानी से पूछा.

''मालूम नहीं महमूद मियां, नाजिमा रात को तो भलीचंगी थी, लेकिन मैं सो कर उठा तो इस हाल में मिली.’’ बताने के बाद बुजुर्ग दादा जोरजोर से रोने लगे. 2-3 बुजुर्गों ने नीचे बैठ कर फर्श पर निर्जीव पड़ी नाजिमा की नब्ज टटोली. नाजिमा के शरीर में कोई हरकत नहीं थी. उन्होंने ध्यान से उसे देखा. कहीं कोई चोट जख्म का निशान नहीं था, जिस से यह समझा जाता कि किसी ने उस की हत्या कर दी है. 

''कल तो शाम को यह गांव में अपनी सहेलियों के साथ खूब उछलकूद मचा रही थी... अचानक रात को ही कुछ हुआ है...’’ एक बुजुर्ग ने गंभीर स्वर में कहा, ''मुझे तो लग रहा है, इसे हार्ट अटैक आया है. इस के अम्मीअब्बू नेपाल में हैं.. उन्हें खबर कर दो कोई.’’ महमूद ने कहा.

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