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दिलचस्प बात यह थी कि जिन लोगों के पास किसी भी ऐप के माध्यम से प्रमोट हो कर ये क्विक मनी अर्निंग ऐप का लिंक पहुंचता था वह क्लिक करते ही लोगों के मोबाइल फोन में खुदबखुद इंस्टाल हो जाता था.

जिस में सब से पहले इनवैस्ट करने वाले को रकम के कुछ ही दिनों में दोगुना होने का औफर होता. उस के बाद एक प्रोफार्मा होता, जिस में निवेशक को अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर, आधार व बैंक खाते की जानकारी भरनी होती. साथ ही कुछ शर्तें लिखी होतीं, जिन्हें स्वीकार करना होता था.

इस के बाद जितनी भी रकम किसी को इनवैस्ट करनी हो उस का भुगतान करने के लिए पेटीएम, गूगल पे, भारत पे और यूपीआई के पेमेंट गेटवे के बार कोड व डिटेल दी गई थी. जिन के जरिए लोग अपनी इनवैस्ट की जाने वाली रकम का भुगतान कर देते थे.

सब से अच्छी बात यह थी कि शुरुआत के कुछ दिनों में छोटी रकम इनवैस्ट करने वाले करीब 20 फीसदी लोगों को तय समय सीमा में वादे के अनुसार उन की इनवैस्ट रकम का दोगुना भुगतान मिल गया. इस से उत्साहित ऐसे लोगों ने अगले इनवैस्टमेंट के रूप में हजारों और लाखों रुपए की बड़ी रकम का इनवैस्टमेंट करना शुरू कर दिया.

बाद में पैसा आना हो गया बंद

जिन लोगों को एक बार लाभ मिल चुका था, उन्होेंने अपने मित्रों, रिश्तेदारों और जानपहचान वालों को भी इन ऐप्स के बारे में और अपने लाभ के बारे में बताया तो अचानक एक महीने बाद तेजी से पावर बैंक और ईजी मनी ऐप लोगों के आकर्षण का केंद्रबिंदु बन गया.

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