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मृतक हितेंद्र के भाई राहुल यादव से जिन संदिग्ध युवकों के एड्रैस मिले थे, उन के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की गई. लेकिन रौकी और जेम्स अपने घरों से फरार मिले. इन के घरों से इन के फोन नंबर मालूम कर के इन्हें फोन करने की कोशिश की गई, किंतु दोनों के फोन भी स्विच्ड औफ आ रहे थे.

पुलिस टीम ने इन के फोन नंबर सर्विलांस पर लगा दिए. इन के उठने बैठने के ठिकानों की भी जानकारी जुटाई गई और दिल्ली एनसीआर में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की गई. आखिर में जेम्स और हरजीत सिंह उर्फ रिकी उर्फ रौकी को गिरफ्तार कर लिया गया.

इन से मिली जानकारी द्वारा इन के साथी विपिन और जेम्स को प्रेमिका प्रियंका उर्फ एनी के साथ पकड़ लिया गया. कोतवाली में इन से कड़ी पूछताछ की गई तो बहुत ही चौंकाने वाली जानकारी सामने आई.

हितेंद्र कैसे बना लड़कियों का दलाल

परमवीर सिंह उर्फ नमन उर्फ जेम्स ने बताया, ''सर, मैं ने अपनी प्रेमिका एनी और रौकी के साथ मिल कर हितेंद्र की हत्या की है. उस की हत्या कर के मुझे थोड़ा सा भी पछतावा नहीं हुआ, क्योंकि हितेंद्र था ही इस लायक कि उसे जीवित नहीं छोड़ा जा सकता था. वह मतलबपरस्त व्यक्ति था. उसे दोस्तों की कद्र नहीं थी.

''आप को शायद अभी तक यह पता नहीं होगा कि हितेंद्र का काम क्या था. उस के भाई राहुल यादव ने आप लोगों को बताया होगा हितेंद्र एक बड़ी कंपनी में औडिट का काम करता था, लेकिन यह गलत है. हितेंद्र कालगर्ल के धंधे में लिप्त रहा है. वह लड़कियों का बहुत बड़ा दलाल था. एकएक लड़की को 50-50 हजार और एकएक लाख रुपए में होटलों में सप्लाई करता था.

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