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दोनों कारें जिस तेजी से आई थीं, उसी तेजी से वहां से चलीं तो तकरीबन 15 मिनट बाद वे नजदीक के थाना सदर बाजार आ कर रुकीं. कार में सवार सभी लोग नीचे उतरे और उस युवक को नीचे उतार कर हवालात में डाल दिया. थाने में उस युवक के बैग और पर्स की तलाशी ली गई तो उस में से भारतीय सेना के गोपनीय दस्तावेज, राष्ट्रीय महत्व की कई गुप्त सूचनाएं, पहचान पत्र, बरेली व बिहार के पतों के वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड, दिल्ली मैट्रो का ट्रैवलर कार्ड, भारत समेत 3 देशों की करेंसी, एटीएम कार्ड, 16 जीबी के पैनड्राइव और सिमकार्ड आदि चीजें मिलीं.

पुलिस ने उस के खिलाफ 3/9 औफिशियल सीक्रेट एक्ट, 14 विदेशी एक्ट व आईपीसी की धारा 467, 468, 471, 380, 420, 411 व 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया.

दरअसल, जिस युवक को पकड़ कर पुलिस लाई थी, वह कोई और नहीं, आसमा का शौहर मोहम्मद कलाम था. उसे पकडऩे वाली थाने की पुलिस नहीं, स्पैशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के एसपी शैलेंद्र कुमार श्रीवास्तव और सीओ अमित कुमार के नेतृत्व वाली टीम थी. कलाम कई महीने से एसटीएफ और खुफियां एजेंसियों के टौप सीक्रेट मिशन के टौप टारगेट पर था.

उस का नाम मोहम्मद कलाम नहीं, मोहम्मद एजाज था. वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सॢवसेज इंटेलीजैंस (आईएसआई) का उत्तर प्रदेश में अब तक का सब से बड़ा एजेंट था और बड़ी होशियारी से अपने मिशन को अंजाम दे रहा था. बेहद शातिराना अंदाज वाला एजाज मूलरूप से पाकिस्तान का रहने वाला था. पहचान बदल कर उस ने हिंदुस्तान में ऐसी कामयाब पैठ बनाई थी कि आसमा से निकाह तक कर लिया था. अपने मिशन के लिए वह पूरी तरह प्रशिक्षित था. 3 भाषाओं पर उस की अच्छी पकड़ थी और हाईटैक टैक्नोलौजी के जरिए अपने आकाओं से बराबर संपर्क में रहता था. उस के मंसूबे बेहद खतरनाक थे.

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