आप ने दबंग छवि वाले कई पुलिस अफसरों को बड़े परदे पर देख कर तालियां बजाई होंगी. लेकिन, सही मायने में हमारे असल हीरो वो अफसर हैं, जो समाज में फैली गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार तथा अराजकता को जड़ से खत्म करने का काम करते हैं. वर्दी पहनने का मौका तो बहुतों को मिलता है. लेकिन इस वर्दी का दम बहुत कम लोग ही दिखा पाते हैं.

शिवदीप वामनराव लांडे एक ऐसे आईपीएस हैं जो बस एक पुलिस अफसर ही नहीं, बल्कि अनगिनत कहानियों के पात्र हैं. वैसे अफसर जिन के बारे में लोग बस कल्पना करते हैं, हकीकत में ऐसा इंसान सामने देखना अजूबा लगता है.

शिवदीप वामनराव लांडे एक समय बिहार के गुंडेबदमाशों के लिए खौफ बन गए थे. इन से छुटकारा पाने का सिर्फ एक ही रास्ता था और वो था इन का ट्रांसफर. इस बेखौफ आईपीएस अफसर ने फिल्मी स्टाइल में बिहार के ला ऐंड और्डर को कायम किया था. वैसे कहने को तो शिवदीप लांडे पुलिस अधिकारी हैं, लेकिन उन की भूमिका किसी फिल्मी हीरो से कम नहीं रही. बात चाहे उन के आईपीएस बनने की हो, उन के काम करने के तरीके की हो, लोगों के दिलों में उन के प्रति प्यार और सम्मान की हो या फिर उन की प्रेम कहानी की. हर तरह से उन की कहानी किसी ब्लौकबस्टर फिल्म की कहानी जैसी लगती है.

शिवदीप वामनराव लांडे का जन्म 29  अगस्त, 1976 को महाराष्ट्र के अकोला जिले के परसा गांव में एक किसान परिवार में हुआ था. शिवदीप के पिता ने तीन बार 10वीं की परीक्षा दी. लेकिन पास न हो सके. वहीं उन की मां भी केवल 7वीं तक पढ़ पाईं थीं. ऐसे में शायद शिवदीप भी एक किसान बन कर रह जाते.

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