रात के करीब सवा 11 बजे थे. उत्तरी दिल्ली के सराय रोहिला थाने के रिसैप्शन काउंटर पर रखे फोन की घंटी बजी, जिसे वहां मौजूद हैडकांस्टेबल राजेश कुमार ने उठाया. यह फोन कंट्रोलरूम से किया गया था. कंट्रोलरूम से बताया गया कि आरपीएफ के कंट्रोलरूम से पुलिस को यह बताया गया है कि बहादुरगढ़ और घेवरा रेलवे लाइन के बीच में एक व्यक्ति की डेडबौडी पड़ी हुई है. यह डेडबौडी पोल नंबर 26/8-10 डाउन लाइन रेलवे ट्रैक निजामपुर फाटक के आसपास में है, जा कर मुआयना किया जाए.
सूचना लाश के संबंध में थी, इसलिए इसे केस डायरी में दर्ज करने के बाद ड्ïयूटी पर मौजूद एसआई बनवारी लाल को घटना की जानकारी दी गई. वह तुरंत घटनास्थल की ओर रवाना हो गए. उन्होंने औन ड्यूटी हैडकांस्टेबल सोनू को फोन कर के निजामपुर फाटक पहुंचने की हिदायत दे दी. निजामपुर फाटक पहुंचने पर एसआई बनवारी लाल को हैडकांस्टेबल सोनू और आरपीएफ नागलोई के एएसआई सूरजभान मिल गए. तीनों पोल नंबर 26/8 के पास पहुंचे तो वहां से 12-13 फुट पहले एक व्यक्ति की लाश रेलवे लाइन के बीच में पड़ीहुई मिल गई.
लाश का सिर बहादुरगढ़ साइड में और उस के पैर दिल्ली साइड पर थे. उस व्यक्ति की उम्र करीब 40-45 साल के आसपास थी. एएसआई सूरजभान आरपीएफ ने लाश की फोटो अपने मोबाइल से खींचने के बाद दिल्ली पुलिस के हैडकांस्टेबल सोनू की मदद से लाश को रेलवे ट्रैक से हटा कर वहां से थोड़ी दूर जमीन पर रख दिया ताकि ट्रैक पर रेलगाडिय़ों को सुचारू रूप से चलाया जा सके.