कलावती गुप्ता अपने बेटे की बीमारी ठीक कराने के लिए तांत्रिक सर्वजीत कहार के पास जाती थी. उसे क्या पता था कि तांत्रिक और उस के पास आने वाले लोग एक दिन उसी की बलि चढ़ा देंगे. ठाणे जिले के अंतर्गत आता है वसई का धानीव बाग गांव. 17 नवंबर, 2013 को यहां से सोपारा फाटा की तरफ जानेवाले रास्ते के किनारे झाडि़यों में एक अंजान महिला की लाश पड़ी मिली. इस सिरविहीन लाश के पास एक गाउन और एक गद्दी पड़ी हुई थी. धानीव गांव के लोगों को जब झाडि़यों में बिना सिर वाली लाश पड़ी होने की जानकारी मिली तो तमाम गांव वाले वहां पहुंच गए. गांव वालों ने यह जानकारी मुखिया अविनाश पाटिल को दी तो वह भी वहां गए.

गांव का मुखिया होने के नाते अविनाश पाटिल ने फोन कर के महिला की लाश मिलने की जानकारी थाना वालीव पुलिस को दे दी. सुबहसुबह खबर मिलते ही वालीव के वरिष्ठ पुलिस इंसपेक्टर राजेंद्र मोहिते पुलिस टीम के साथ मुखिया द्वारा बताई उस जगह पर पहुंच गए, जिस जगह पर लाश पड़ी थी. राजेंद्र मोहिते ने वहां का बारीकी से निरीक्षण किया तो वहां काफी मात्रा में खून फैला हुआ था, जो सूख कर काला पड़ चुका था. वहीं पर एक चौकी के पास पूजा का कुछ सामान भी रखा था. इस से उन्होंने अनुमान लगाया कि किसी तांत्रिक वगैरह ने सिद्धि साधना या अन्य काम के लिए महिला की बलि चढ़ाई होगी.

हिला की गरदन को उन्होंने आसपास काफी तलाशा, लेकिन वह नहीं मिली. मामला हत्या का था, इसलिए उन्होंने अपर पुलिस अधिक्षक संग्राम सिंह निशाणदार और उपविभागीय अधिकारी प्रशांत देशपांडे को फोन द्वारा इस की जानकारी दी. उक्त दोनों अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंच गएचूंकि मृतका का सिर नहीं मिल पा रहा था, इसलिए घटनास्थल पर मौजूद लोगों में से कोई भी उस अधेड़ उम्र की शिनाख्त नहीं कर सका. बहरहाल, पुलिस ने मौके की जरूरी काररवाई निपटा कर लाश को जे.जे. अस्पताल की मोर्चरी में सुरक्षित रखवा दिया और उच्चाधिकारियों के निर्देश पर अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या और अन्य धाराओं के तहत रिपोर्ट दर्ज कर जरूरी काररवाई शुरू कर दी.

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