सानिया की सहेलियों को उस से जलन हो रही थी. किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि सानिया का रिश्ता इतने बड़े घर में हो जाएगा.
सानिया के अब्बा एक मामूली से फोटोग्राफर थे, जबकि उस के होने वाले ससुर एक बड़े बिजनेसमैन थे. सानिया को उस की सास ने एक शादी में देखा था और तभी उसे पसंद कर लिया था. फिर जल्दी ही उस का रिश्ता भी तय हो गया.
आज सानिया की शादी थी. लाल जोड़े में उस का हुस्न और निखर आया था. सभी सहेलियां उसे घेर कर बैठी थीं और हंसीमजाक कर रही थीं.
‘‘सानिया, तुझे पति नहीं लखपति मिल रहा है,’’ सानिया की खास सहेली रिंकी ने कहा.
‘‘काश, हमें भी कोई ऐसा ही मोटा मुरगा मिल जाए, तो जिंदगी ऐश से कटे,’’ टीना ने अपने दिल पर हाथ रख कर कहा.
‘‘रुपएपैसे का लालच मुझे नहीं है. मैं तो सिर्फ यह चाहती हूं कि मेरा होने वाला पति तनमन से मेरा हो, सिर्फ मेरा,’’ सानिया ने धीरे से कहा.
‘‘जब वह तुम से शादी कर रहा है, तो तुम्हारा ही हुआ न,’’ रिंकी ने कहा.
‘‘शादी करना और सिर्फ बीवी का हो कर रहने में फर्क है रिंकी डियर,’’ सानिया ने कहा.
‘‘अच्छा, अपने विचार अपने पास रख,’’ रिंकी ने कहा, तो सभी सहेलियां खिलखिला कर हंस पड़ीं.
शादी के बाद जब सानिया अपनी ससुराल पहुंची, तो वहां की शानोशौकत देख कर वह भी सोचने पर मजबूर हो गई कि आखिर उस की सास ने उसे ही क्यों चुना? यह ठीक था कि वह शक्लसूरत से अच्छी थी, पर उस जैसी तो और भी बहुत होंगी.