Hindi Best Story: घरोंदा
रात बीत गई है. बहुत दूर किसी मसजिद से अजान की आवाज आ रही है. मैं बैठीबैठी सोच रही हूं कि यह कुदरत ही है, जिस ने मुझे ढेर सारे सब्र की दौलत दी है. क्योंकि जिस जमीन पर मैं बैठी हूं, वह मेरे अपने कई लोगों को निगल चुकी है.
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