डा. सैम फ्रांसिस अपनी साउंडप्रूफ लैबोरेटरी में किसी भी व्यक्ति को इतनी तेज आवाज में म्यूजिक सुनाता था कि उस व्यक्ति की हार्टअटैक से मौत हो जाती थी. एकएक कर वह लोगों को अपना शिकार बनाता जा रहा था. वैज्ञानिक होने के बावजूद आखिर वह ऐसा क्यों कर रहा था?

पुलिस कप्तान ए.के. समीर अपने कार्यालय में बैचेनी से चहलकदमी कर रहे थे. उन की बेचैनी का कारण अखबार में छपी एक खबर थी. हालांकि अखबार स्थानीय स्तर का ही था और आसानी से दबाया भी जा सकता था, मगर फिर भी कप्तान साहब पूरी चौकसी रखना चाहते थे. इसी कारण उन्होंने संबंधित क्षेत्र के डीएसपी आशीष चौबे और एसएचओ अविनाश मलिक को तुरंत अपने औफिस में तलब किया. संबंधित दोनों अधिकारी कप्तान साहब का आदेश पाते ही उन के औफिस में पहुंच गए.

''क्या आप को पता है कि मैं ने आप दोनों को यहां क्यों बुलाया है?’’ एसपी साहब ने दोनों से प्रश्न किया.

''मेरे विचार से किसी लीडर के आकस्मिक आने की सूचना आदरणीय कलेक्टर साहब ने दी होगी और उन की सुरक्षा के लिए प्रोटोकाल ड्यूटी की व्यवस्था करनी होगी. आजकल नेता लोग इतने भड़काऊ भाषण जो दे रहे हैं.’’ डीएसपी चौबे ने अनुमान लगाया.

''आजकल सड़क पर कोई कुत्ता भी मर जाए तो लोग समझते हैं कि उस की मौत की जांच करवाने के लिए चक्का जाम कर देंगे.’’ इंसपेक्टर मलिक थोड़े जोश में बोले.

''मैं ने कोई फिक्शन या कहानी बताने के लिए नहीं बुलाया है. और हां, यहां मौत एक कुत्ते की नहीं बल्कि 3 आदमियों की हुई है.’’ एसपी साहब बोले.

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