बी.फार्मा की पढ़ाई करने वाला 23 वर्षीय गौरव सरकार अपनी सहपाठी 19 वर्षीया सैयद सारा अली से एकतरफा प्यार करता था. जबकि उस की गर्लफ्रेंड 18 वर्षीय स्निग्धा मिश्रा नहीं चाहती थी कि गौरव सारा के करीब जाए. प्यार के इस मकडज़ाल में इन तीनों में से एक की हत्या हो गई. आप भी जानें कि किस ने रची हत्या की साजिश?

अप्रैल महीने के आखिरी सप्ताह की 25 तारीख थी. गरमी चरम पर थी, जबकि शाम ढलने को हो आई थी. सैयद साबिर अली अपने घर लौटे आए थे. आते ही उन्होंने अपनी बेगम शबाना से पसीना पोंछने के लिए तौलिया मांगा. बेगम जब तौलिया और एक गिलास पानी ले कर आई तब उन्होंने देखा कि बेगम के चेहरे पर चुहचुहा आई पसीने की बूंदें चमक रही हैं. चेहरे पर परेशानी के भाव साफ नजर आ रहे थे और चिंता झलक रही थी. 

साबिर अली तपाक से पूछ बैठे, ”क्या हुआ शबाना, काफी परेशान दिखाई दे रही हो? बाहर से आया मैं हूं और पसीना तुम्हारे चेहरे पर?’’

बात ही कुछ ऐसी है,’’ शबाना उदासी के साथ बोली.

सब खैरियत तो है न!’’ साबिर अली चिंतित आवाज में बोले.

खाक खैरियत होगी. आप की लाडली सारा अभी तक कालेज से लौट कर नहीं आई है?’’ शबाना बोली.

अरे आ जाएगी, इस में इतना परेशान होने की क्या जरूरत है?’’ साबिर अली सहजता के साथ शांत भाव से बोले.

”…लेकिन उस का मोबाइल बंद आ रहा है. रोज तो छुट्टी होते ही दोपहर बाद वह घर आ जाती थी. इस से पहले ऐसा कभी नहीं हुआ कि वह इतनी देर तक घर से बाहर रही हो?’’ परेशान लहजे में शबाना बोली.

अरे आ जाएगी, रास्ते में ट्रैफिक भी तो कम नहीं होता है…और फिर उस के साथ गौरव भी तो होगा. सारा का मोबाइल बंद है तो उस से पता कर लेती.’’ साबिर चेहरा पोंछते हुए तसल्ली के साथ बोले.

हां, उसी के संग घूम रही होगी कहीं. फिर भी पता नहीं क्यों मेरा दिल घबरा रहा है.’’ शबाना चिंता जताती हुई बोली.

तुम बिलकुल भी घबराओ नहीं, थोड़ी देर और इंतजार कर लो, सारा आ जाएगी.’’ साबिर बोले और इत्मीनान से पानी पीने लगे.

चिंतित शबाना कमरे में चहलकदमी करने लगी. वह बारबार दीवार पर टंगी घड़ी पर नजर दौड़ाने के साथ ही खिड़की से सड़क की तरफ टकटकी लगा कर देखने लगी. शबाना को अपनी बेटी सारा के लौटने का बेसब्री से इंतजार था. कुछ समय में अंधेरा भी घिर आया…

रात हो गई… और देर रात तक जब सारा घर नहीं लौटी, तब साबिर अली समेत परिवार के सभी सदस्य बेहद चिंतित हो गए. सभी की चिंता बढ़ती जा रही थी. वे समझ नहीं पा रहे थे कि क्या किया जाए? रात में सारा की तलाश कहां की जाए? इंदौर के चंदन नगर में रहने वाले सैयद साबिर अली इसी उधेड़बुन में पहले बेटी के एक्रोपोलिस कालेज गए, जहां से वह बी.फार्मा की पढ़ाई कर रही थी. कालेज में सिर्फ चौकीदार मिला. उस से सारा के बारे में कोई खास जानकारी नहीं मिल पाई. ऐसी स्थिति में वह निराश हो कर घर लौट आए. 

घर आ कर साबिर ने बीवी से उस के साथ पढऩे वाली लड़कियों के बारे में मालूम किया. बीवी को ही उन से बात करने को कहा. सारा की सहेलियों से ही सारा के उस दिन की गतिविधियों के बारे में थोड़ी जानकारी मालूम हुई. उन से मालूम हुआ कि सारा दोपहर में 3 बजे ही कालेज से चली गई थी. फिर तो उसे ज्यादा से ज्यादा 4 बजे तक घर पर पहुंच जाना चाहिए था. इस जानकारी से सारा को तलाशने में कोई खास मदद नहीं मिली, जबकि वह अगले दिन सुबह होने तक घर नहीं पहुंची थी.

शबाना अपने बेटे के साथ आसपास के घरों से ले कर बेटी की सहेलियों और गौरव के घर तक गई, लेकिन सारा का कहीं पता नहीं चल पाया. दिन गुजरने के साथसाथ सारा के लापता होने की खबर इंदौर के चंदन नगर में उस के जानने वाले तमाम लोगों के बीच फैल गई. सैयद सारा अली के परिवार से सहानुभूति रखने वाले लोग भी उसे ढूंढने में जुट गए. वह कालेज से कहां चली गई, इस बात को कोई नहीं जानता था. किसी को अंदाजा नहीं लग पा रहा था कि आखिरकार उस के साथ हुआ क्या है.

आखिर सारा गई तो गई कहां

जवान बेटी के रहस्यमय परिस्थितियों में गायब होने से साबिर का परिवार बहुत परेशान था, शबाना का बेटी के इंतजार में रोरो कर बुरा हाल था. हर आहट पर वह दरवाजे की तरफ देखने लगती थी. पूरी रात और दिन परेशानी में गुजरी थी. चारों ओर पता कर जब साबिर और उन का परिवार थक गया, तब वे 26 अप्रैल की सुबह 10 बजे के करीब शिप्रा थाने गए. एसएचओ बृजेंद्र सिंह को सारी बात बता कर उन्होंने बेटी की गुमशुदगी की तहरीर सौंप दी.

सैयद सारा अली की गुमशुदगी दर्ज कर के पुलिस अपनी काररवाई में जुट गई थी. पुलिस ने अनुमान लगाया कि सारा अपने परिचित या रिश्तेदार के घर चली गई होगी, लेकिन पुलिस का यह अनुमान गलत साबित हुआ. उस के बाद मामला रंजिश का होने की आशंका जताई गई. पुलिस ने साबिर और उस की पत्नी शबाना से इस बारे में पूछताछ की. उन्होंने किसी से भी दुश्मनी या रंजिश होने की बात से इनकार कर दिया. उन्होंने बताया कि उन की कभी भी किसी से तूतूमैंमैं तक नहीं हुई.

इस जानकारी से पुलिस उलझन में पड़ गई. अंत में पुलिस ने सारा का किसी के साथ प्रेम संबंध के बारे में पूछा. इस बारे में भी साबिर और शबाना ने सिरे से इनकार कर दिया. उन्होंने यहां तक कहा कि उन की बेटी निहायत ही शरीफ है. उसे पढ़ाई के अलावा और बातों में जरा भी दिलचस्पी नहीं है. सैयद सारा अली के बारे में घर वालों से मिले संतोषजनक जवाब के बाद पुलिस ने अपने स्तर से उस की तलाशी की योजना बनाई. घर वालों से उस का फोटो ले कर सभी थानों में भिजवा दिया. सारा के बारे में कोई सूचना कहीं से भी नहीं मिली, जबकि उस की गुमशुदगी के 20 दिन गुजर चुके थे. 

पुलिस सारा के बारे कुछ भी पता लगाने में असफल थी. पुलिस से ले कर परिवार के लोगों के सामने सब से बड़ा सवाल था कि सारा आखिर गई तो कहां गई. ऐसी स्थिति में सारा के घर वालों की निराशा बढ़ती जा रही थी और वे पुलिस पर नाराजगी भी जताने लगे थे. आखिरकार उन्होंने 15 मई, 2024 को एडवोकेट मुजाहिद मंसूरी के माध्यम से माननीय हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर दी. तब तक गुमशुदगी का यह मामला बहुचर्चित हो चुका था. कोर्ट में इस मामले की 28 मई को पहली सुनवाई हुई. 

हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए पुलिस को विधिवत नोटिस जारी कर सारा गुमशुदगी मामले में प्रगति रिपोर्ट मांगी. एसएचओ प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं कर पाए. इस स्थिति में मामले की सुनवाई की अगली तारीख 3 जुलाई तय कर दी गई. इस तारीख को जब सुनवाई हुई, तब हाईकोर्ट ने शिप्रा थाने के एसएचओ को कड़ी फटकार लगाई. साथ ही यह मामला वरिष्ठ अधिकारी को ट्रांसफर करने की बात कहते हुए सारा को ढूंढने के लिए पुलिस को 2 सप्ताह की मोहलत दी.

पुलिस के लिए मामला पेचीदा होने के साथसाथ चुनौती भरा बन चुका था. सारा के लापता हुए करीब 2 माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी सैयद सारा अली का कहीं भी कोई सुराग का नहीं मिलना, चिंता का एक बड़ा कारण बन चुका था. पुलिस अब इस संशय में थी कि सारा जिंदा भी है, या नहीं? पुलिस अब इसी नजरिए से उस की जांचपड़ताल में जुट गई थी. एसपी (देहात) सुश्री हितिका वासल इस मामले को ले कर काफी गंभीर हो गई थीं. 

उन्होंने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को बुला कर जल्द से जल्द इस मामले को निपटाने के सख्त निर्देश दिए. यह मामला सिर्फ हाईकोर्ट ही नहीं, बल्कि स्थानीय अखबारों और न्यूज चैनलों में आने के कारण काफी चर्चा में आ गया था. इस से पुलिस की काफी छीछालेदर होने लगी थी. इस बाबत रूपेश द्विवेदी एडीशनल एसपी (ग्रामीण) ने शिप्रा थाना पुलिस को सारा की सुरागसी में लगा दिया था. एसपी (ग्रामीण) और एडीशनल एसपी (ग्रामीण) ने नए सिरे से जांच के तमाम बिंदुओं पर विचारविमर्श किया. 

ऐसे लोगों की फेहरिस्त तैयार करवाई, जिन का सारा के घर थोड़ा भी आनाजाना था. इस में एक नाम गौरव सरकार का सामने आया. पुलिस को पता चला कि वह भी सारा के साथ एक्रोपोलिस कालेज से बी.फार्मा की पढ़ाई कर रहा था. वह अकसर सारा के पास आता रहता था. वह सारा के अलावा परिवार के सभी सदस्यों से घुलामिला था. उस के बाद से जांच गौरव को लक्ष्य बना कर की जाने लगी. पुलिस उस के घर गई. उस के बारे में घर वालों से पूछताछ की. उन्होंने बताया कि वह नौकरी के सिलसिले में शहर से बाहर गया है. 

पुलिस ने घर वालों से गौरव का मोबाइल नंबर लिया, लेकिन उसे काल कर बात करना जरूरी नहीं समझा. पुलिस ने पहले उस के फोन नंबर की काल डिटेल्स के साथसाथ पिछले 2 महीनों की लोकेशन रिपोर्ट निकलवाई. इस आंकड़े का विश्लेषण करने के बाद पता चला कि सैयद सारा अली के लापता होने वाले दिन गौरव की सारा और स्निग्धा मिश्रा से कई बार बातें हुई थीं. इस जांच में यह भी पता चला कि सारा के लापता होने वाले दिन सारा, गौरव और स्निग्धा के फोन की लोकेशन एक साथ ही थी, जो शाम 4 बजे तक उन तीनों की लोकेशन महू के हरसोला फाटा के जंगल में पाई गई. इस के बाद सारा का मोबाइल फोन स्विच्ड औफ हो गया था.

सहपाठी क्यों आए शक के घेरे में

पुलिस समझ गई कि सारा के लापता होने का राज गौरव और स्निग्धा से मालूम हो सकता है.  उन से पूछताछ के लिए हिरासत में लेने की तैयारी की गई. गौरव के बारे में उस के घर वालों से कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई थी. पुलिस ने 10 जुलाई, 2024 को गौरव को तब गिरफ्तार कर लिया, जब वह नासिक के एक रेस्टोरेंट में वेटर का काम कर रहा था. इसी तरह से स्निग्धा को पिपल्याहान स्थित उस के घर से हिरासत में ले लिया. पुलिस ने उन दोनों से कई घंटों तक पूछताछ की. उन से सारा के बारे में घुमाफिरा कर कई सवाल किए गए. उन्होंने भी हर सवाल का जवाब घुमाफिरा कर दिया. 

उन की बातों से पुलिस ने महसूस किया कि ये दोनों सारा के बारे में कुछ अधिक बताने से कतरा रहे हैं. जबकि कई बातों से पुलिस ने अनुमान लगा लिया था कि उन की सारा से अच्छी और गहरी जानपहचान थी. पुलिस इतना जरूर समझ गई कि दोनों बेहद ही शातिर हैं. फिर क्या था, पुलिस ने सीधेसीधे गौरव और स्निग्धा पर सारा की गुमशुदगी में उन का हाथ होने का आरोप लगा दिया. जब उन पर कानूनी धाराएं लगा कर उन के खिलाफ काररवाई करने की बात कही गई, तब वे घबरा गए. उन की जुबान खुलवाने का तरीका काम कर गया. 

दोनों समझ गए अब पुलिस से ज्यादा देर तक सच छिपाया नहीं जा सकता. दोनों ने पुलिस के सामने घुटने टेक दिए और सच उगल दिया. उन्होंने जो बताया वह बेहद चौंकाने वाला था. उन्होंने कहा, ”सैयद सारा अली अब इस दुनिया में नहीं है.’’ यह सुन कर पुलिस अधिकारी चौंक गए, उन्हें अपने कानों पर यकीन नहीं हो रहा था. उन्होंने दोनों से पूछा, ”क्या हुआ उस के साथ? कब हुई घटना? उस में किसकिस की क्या भागीदारी थी? क्यों ऐसा किया गया सारा के साथ? उस की लाश कहां है?’’ 

पुलिस ने इस तरह के कई सवालों के जवाब जानने के लिए दोनों से लंबी पूछताछ की. गौरव ने बताया कि उस ने स्निग्धा के साथ मिल कर सारा की हत्या कर दी थी. स्निग्धा उस की गर्लफ्रेंड है. एक समय में सारा उस की प्रेमिका हुआ करती थी और उस की सहपाठी थी. सारा को मार कर उन्होंने ही उस की लाश महू क्षेत्र के हरसोला के जंगल में फेंक दी थी. अपना अपराध कुबूल करने के बाद गौरव ने परतदरपरत सारा की हत्या का राज खोल दिया कि उस ने कैसे उसे मौत के घाट उतारा. कैसे उस की गर्लफ्रेंड स्निग्धा ने इस काम में उस का सहयोग किया. गौरव के इस बयान के आधार पर एसएचओ ने सारा सैयद (19) की गुमशुदगी के प्रकरण को हत्या में तब्दील कर गौरव सरकार और स्निग्धा मिश्रा को नामजद कर हत्या कर लाश छिपाने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कर ली.

पुलिस को सारा का शव तो नहीं मिला लेकिन दोनों आरोपियों गौरव सरकार ( 23) और उस की गर्लफ्रेंड स्निग्धा मिश्रा (18) की निशानदेही पर महू क्षेत्र के हरसोला के जंगल में सघन तलाशी अभियान चला कर सारा के शव की हड्ïिडयां, बाल, कपड़ों के कुछ टुकड़े और ब्रेसलेट के अलावा हत्या में इस्तेमाल किए गए चाकू को बरामद करने में सफलता हासिल कर ली. गौरव द्वारा अपनी सहपाठी से मोहब्बत की बुनियाद पर रची गई उस की हत्या की खतरनाक साजिश की पूरी कहानी इस प्रकार सामने आई

सैयद साबिर अली मध्य प्रदेश के शहर इंदौर के चंदन नगर में अपनी बीवी शबाना बी और 2 बच्चों के साथ रहते थे. बच्चों में बड़ी बेटी का नाम सैयद सारा अली और बेटा सैयद जावेद अली (बदला नाम) थे. साबिर छोटे से परिवार के साथ वह हंसीखुशी से रह रहे थे. साबिर अपने बच्चों को अच्छी तालीम देना चाहते थे. वह चाहते थे कि उन के दोनों बच्चे पढ़लिख कर लायक बन जाएं. यही कारण था कि उन्होंने बेटी सारा को उस की मरजी के मुताबिक आजादी दी थी. उस के पसंद की पढ़ाई फार्मासिस्ट करवाने के लिए कालेज में नाम लिखवा दिया था. वह इंदौर-देवास बाईपास स्थित एक्रोपोलिस कालेज से बी. फार्मा की पढ़ाई कर रही थी. इसी कालेज से गौरव सरकार भी बी. फार्मा कर रहा था.

गौरव दोस्ती को प्यार समझने की कर बैठा भूल

दोनों की मुलाकात और जानपहचान की शुरुआत कालेज की कैंटीन से हुई थी. गौरव ने सैयद सारा अली को एक बार क्या देखा, उस पर रीझ गया था. उस की खूबसूरती उसे भा गई थी. उस के बात करने के लहजे में उर्दू जुबान का वह कायल हो गया था. जब वह बातें करती थी, तब गौरव को ऐसा महसूस होता था, जैसे पुराने जमाने की कोई फिल्म की हीरोइन हो. हर बात नपेतुले अंदाज में अदाकारी के साथ करती थी. साधारण कपड़ों में भी उस का ग्लैमर निखर कर सामने आ जाता था. जल्द ही दोनों के बीच गहरी दोस्ती हो गई और वह सारा से प्रेम करने लगा. सारा उस से प्रेम करती थी या नहीं, इस का गौरव को पता नहीं था. सारा एक बिंदास स्वभाव की लड़की थी. उस पर पढ़ाई का भूत सवार रहता था. इस बारे में किसी से भी बातें करने से नहीं हिचकती थी. यही कारण था कि कालेज के सीनियर छात्रों से भी उस ने जानपहचान कर ली थी. उसे लोगों से संपर्क बनाना बहुत अच्छा लगता था.

गौरव मन ही मन में सारा से मोहब्बत करने लगा था, जबकि सारा प्यारमोहब्बत की बातों से बेखबर थी. हां, गौरव की हर बात का जवाब हंस कर जरूर देती थी. उस के चेहरे पर मुसकान फैली रहती थी. एक बार उस ने गौरव को अपनी अम्मी और अब्बू से मिलवा दिया था. सारा के अब्बूअम्मी ने गौरव और सारा की दोस्ती को प्रोफेशनल पढ़ाई के लिए जरूरी समझा और उन की जानपहचान पर जरा भी ऐतराज नहीं किया. उलटे उन्होंने गौरव से कहा कि कालेज में वह सारा का ध्यान रखा करे.

गौरव को क्यों चुभी सारा की तल्खी

इस के बाद तो गौरव सारा पर अपना अधिकार कुछ अधिक ही जताने लगा. बातबात पर उसे टोकने लगा और अच्छेबुरे का सबक देने लगा. एक बार तो गौरव ने हद ही कर दी. उस ने कैंटीन में सारा को कोने की एक टेबल पर अजीम नाम के स्टूडेंट के साथ बैठे देख लिया था. वह उस के साथसाथ हंसहंस कर बातें कर रही थी. गौरव ने महसूस किया कि सारा उसे देख कर भी उसे अनदेखा कर रही है. गौरव उस वक्त चुपचाप वहां से चला आया. रोज सभी क्लास खत्म होने के बाद जब सारा घर जाने को हुई, तब गौरव ने उस का क्लास रूम के बाहर लंबे बरामदे में रास्ता रोक लिया और सीधा सवाल दाग दिया, ”क्यों, अब तुम ने यह नया बौयफ्रेंड बना लिया है?’’

क्या फिजूल की बातें कर रहे हो?’’ सारा ने भी तपाक से उल्टा सवाल कर दिया. बोलने लगी, ”बिना कुछ जानेसमझे तुम कुछ भी बोलोगे? आखिर तुम होते कौन हो मुझ यह पूछने वालेï?’’ गौरव को जरा भी उम्मीद नहीं थी कि सारा उस के साथ इतनी तल्खी से बात करेगी और उसी से सवाल कर बैठेगी. वह सन्न रह गया. आगे कुछ नहीं बोल पाया और पैर पटकता हुआ चला गया. सारा भी चुपचाप अपने घर आ गई. घर आते ही उस ने अम्मी से खाना लगाने को कहा. शबाना ने भी कह दिया, ”बेटा, आ गई! जाओ, हाथमुंह धो लो, खाना लगा देती हूं. आज मैं ने तुम्हारे पसंद की सब्जी पकाई है.’’

सारा चुपचाप अपने कमरे में चली गई. पीछेपीछे अम्मी भी आ गई, ”सारा, क्या बात है, तुम्हारा गौरव से झगड़ा हुआ है क्या? वह फोन पर तुम्हारे अब्बू को कुछ बता रहा था, तुम्हारे बारे में!’’ अरे कुछ नहीं अम्मी, वह नहीं चाहता है कि मैं अपने सीनियर से जानपहचान रखूं. आज उस ने मुझे एक सीनियर के साथ देख लिया था. उसी के बारे में अब्बू से मेरी शिकायत की होगी.’’ अरे, शिकायत नहीं की है. उस का कहना था कि उसे जो भी जरूरत हो उसे बताए वह पूरी कर देगा.’’ अम्मी बोली. वह क्यों करेगा? वह कौन है मेरा? कोई रिश्तेदार है क्या? उस से दोस्ती को ले कर सहेलियां मुझे ही उस के हिंदू होने का ताना मारती हैं और वह भी नहीं चाहता है कि मैं किसी अपने धर्म के लड़के से जानपहचान बनाऊं.’’ सारा बिफर गई.

”कोई बात नहीं बेटा, होता है यह सब! मैं गौरव को समझा दूंगी. चलो, हाथमुंह धो कर खाना खा लो.’’ शबाना बोली. उस दिन सारा का मूड बिगड़ा रहा. वह अगले दिन कालेज नहीं गई. 2 दिनों बाद कालेज गई. उस रोज गौरव कालेज नहीं आया था, लेकिन उस की दूसरी दोस्त स्निग्धा मिश्रा ने उसे गौरव के कालेज नहीं आने की जानकारी दी. यह भी बताया कि गौरव उस से नाराज चल रहा है. गौरव की बात आते ही सारा नाराज हो गई. उस ने नाराजगी दिखाते हुए कह दिया, ”वह कौन होता है मुझ से नाराज होने वाला? मुझ पर धौंस दिखाने वाला? …और तुम कौन हो, जो मुझ से उस की तरफदारी कर रही हो?’’

सारा के इस रूप को देख कर स्निग्धा सकपका गई. दरअसल, गौरव अगर सारा को चाहता था और उन के बीच एकतरफा प्रेम पनप चुका था तो स्निग्धा भी गौरव से प्यार करने लगी थी. वह इंदौर के ही एक कालेज के प्रोफेसर की बेटी थी और गौरव की सहपाठी हुआ करती थी. दोनों राउ के कालेज में साथ पढ़ते थे.  किसी कारणवश गौरव को उस कालेज से निकाल दिया गया था. इस के बाद उस ने बाईपास स्थित इस कालेज में दाखिला लिया था, जहां उस की मुलाकात सारा से हुई थी. स्निग्धा को जब सारा के प्रति गौरव का झुकाव दिखा, तब भीतर ही भीतर जलभुन गई थी.

सारा को पसंद नहीं थी गौरव की दखलअंदाजी

दूसरी तरफ गौरव को सैयद सारा अली के दूसरे लड़कों से मिलनाजुलाना पसंद नहीं था. इस का विरोध जताने लगा और उसे एहसास दिलाने की कोशिश भी करने लगा कि वही उस का सच्चा प्रेमी है. इस पर सारा ने एक बार साफ लहजे में कह दिया था कि उन के धर्म अलगअलग हैं. उन के बीच दोस्ती हो सकती है, प्रेम संबंध कतई नहीं हो सकते. उनके प्रेम को दोनों के समाज और परिवार वाले पसंद नहीं करेंगे. यह सच भी था. दोनों के सामाजिक स्तर में जमीनआसमान का अंतर था, इस के अलावा वे अलगअलग धर्मों से भी थे. कहने को तो सारा की अम्मी शबाना खुल कर सारा की गौरव से दोस्ती का विरोध नहीं करती थी, लेकिन गौरव की हरकतों को देख कर वह उस पर नजर रखने लगी थी. उस ने यह बात अपने भाई करामत अली और बहन अफसाना को भी बता दी थी. वे सारा पर नजर रखने लगे थे. 

उन्होंने सारा से सीधे तौर पर तो कुछ नहीं कहा, लेकिन इशारों से जरूर समझा दिया था कि उस का गौरव से अधिक मिलना ठीक नहीं है. सारा मां का इशारा समझ भी गई थी. यही वजह थी कि उस ने गौरव से मिलनाजुलना कम कर दिया था. वह जब भी गौरव से मिलती तो काफी सावधानी बरतती थी. सारा के मामा ने भी सारा को समझाया और गौरव को मर्यादा में रहने की नसीहत दे दी. गौरव सारा के मामा की नसीहत से और भी तिलमिला गया. गौरव पर इश्क का भूत सवार हो चुका था. ऐसे में सारा की बेरुखी ने उसे भीतर से जख्मी कर दिया था. उसे सारा का कालेज के किसी लड़के से बातचीत करना एकदम अच्छा नहीं लगता था. एक वक्त आया जब गौरव और सारा के बीच बातचीत भी बंद हो गई. इस के बाद जब गौरव ने सारा को कालेज के लड़कों के साथ सिर्फ बातचीत करते ही नहीं, बल्कि पार्क में घूमते हुए देखा, इस से उस का गुस्सा सातवें आसमान पर जा पहुंचा.

स्निग्धा क्यों हुई खूनी योजना में शामिल

23 अप्रैल, 2024 को तो इस बात को ले कर गौरव कई घंटों तक बेचैन रहा. दिमाग में अजीब तरह की खलबली मची हुई थी. आखिरकार अपने मन की बात उस ने स्निग्धा को बताई कि उस ने सारा को ले कर क्या योजना है? स्निग्धा पहले से ही सारा को मन ही मन गौरव के दिलोदिमाग से निकालना चाहती थी. वह गौरव की योजना सुन कर खुश हो गई. इतना ही नहीं, वह उस का साथ देने को तैयार हो गई. अपनी योजना को अंजाम देने के लिए गौरव ने 25 अप्रैल की सुबह सारा के मोबाइल पर काल किया. उस वक्त सारा अपने कमरे में गहरी नींद में थी. सारा ने आधी नींद में ही फोन का डिसप्ले देखे बगैर काल रिसीव कर ली.

सारा, में गौरव बोल रहा हूं.’’  गौरव की आवाज सुनते ही सारा झल्ला गई. नाराजगी के साथ बोल पड़ी, ”इतनी सुबहसुबह तुम ने मुझे फोन क्यों किया? कान खोल कर सुन लो, मैं तुम से अब किसी तरह के ताल्लुकात नहीं रखना चाहती.’’ गौरव उस की बातों को नजरंदाज करते हुए बोलने लगा, ”सारा, आज के बाद तुम पर किसी तरह का शक नहीं करूंगा… किसी से भी बातचीत करने पर डांटफटकार नहीं लगाऊंगा… और कोई धमकी नहीं दूंगा…’’ यह सुन कर सारा थोड़ी शांत हुई. सामान्य आवाज में बोली, ”चलो अच्छा है, तुम क ो अक्ल आ गई. तुम में इतनी तो समझ आ गई कि दूसरों की जिंदगी में दखल नहीं देनी चाहिए.’’ 

इसी के साथ गौरव ने सारा से माफी मांग ली. नरमी दिखाते हुए सारा ने गौरव को माफ कर दिया. फिर उन के बीच कालेज, पढ़ाई, दोस्तों आदि की बातें होने लगीं. काफी समय तक बातें होती रहीं. बातचीत के सिलसिले में गौरव ने महू घूमने का प्रस्ताव रख दिया. न जाने क्या सूझी सारा ने भी हामी भर दी. उस रोज वह बहुत खुश थी. तय प्रोग्राम के मुताबिक 25 अप्रैल, 2024 की दोपहर 3 बजे भाड़े की कार ले कर गौरव सारा को लेने एक्रोपोलिस कालेज पहुंच गया था. सारा उस की राह देख रही थी. सारा चहकती हुई कार में बैठ गई. इस के बाद गौरव तय कार्यक्रम के मुताबिक अपनी गर्लफ्रेंड स्निग्धा मिश्रा को लेने पिपल्याहान स्थित उस के घर गया. उसे भी कार में अपने साथ बैठा कर महू में जंगल की तरफ निकल पड़े. अपनी योजना को कामयाब बनाने के लिए गौरव ने सारा का मोबाइल स्विच्ड औफ करवा दिया.

सुनसान इलाके में कार खड़ी की और मौका देख कर गौरव की गर्लफ्रेंड स्निग्धा ने सैयद सारा अली के हाथ पीछे से पकड़ लिए. तभी गौरव ने उस का गला दबा दिया. जब उसे लगा कि वो ऐसे नहीं मरने वाली है तो गौरव ने साथ लाए चाकू से उस का गला भी रेत दिया. उस के बाद सारा के शव को एक बोरी में भरकर महू क्षेत्र के हरसौला के जंगल में झाडिय़ां में फेंक दिया. हत्या के 78 दिनों बाद पुलिस को अहम सुराग मिला. पुलिस दोनों आरोपियों गौरव सरकार और स्निग्धा मिश्रा को ले कर हरसौला फाटा के जंगल इलाके में गई. उन की निशानदेही पर पुलिस ने उस स्थान की छानबीन की, जहां उन्होंने शव फेंका था. करीब 18 घंटे तक चले सर्च औपरेशन के बाद पुलिस को मानव हड्डियाँ, बाल और एक ब्रेसलेट बरामद हुआ. 

कथा लिखे जाने तक हड्ïिडयों की डीएनए जांच होनी बाकी थी, लेकिन दूसरे बरामद अवशेष सारा के ही थे. आगे की जांच के लिए पुलिस ने दोनों आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लिया. उन से कुछ और सबूत हासिल किए. विस्तार से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों गौरव सरकार और उस की प्रेमिका स्निग्धा मिश्रा को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया.

कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

 

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