स्पा सेंटर में सोशल एक्टिविस्ट गुरु सिद्धप्पा वाघमारे की हत्या की जांच करने पुलिस पहुंची तो वाघमारे की दोनों जांघों पर 22 नामों के टैटू गुदे हुए थे. जांच में पता चला कि वे सभी नाम उस के दुश्मनों के थे. रोमांच से भरी इस कहानी में आप भी जानें कि टैटुओं के सहारे हत्यारों तक कैसे पहुंची पुलिस?

24 जुलाई, 2024 की सुबह साढ़े 9 बजे  मुंबई के वर्ली पुलिस स्टेशन के पुलिस कंट्रोल रूम में फोन आया. फोन सौफ्ट टच स्पाके मालिक संतोष शेरेकर ने किया था. उस ने बताया कि उस के स्पा में एक व्यक्ति का मर्डर हो गया है. यह सुनते ही पुलिस में हड़कंप मच गया. तुरंत ही पुलिस की एक टीम बताए गए स्पा सेंटर जा पहुंची. वहां जा कर पता चला कि गुरु वाघमारे का कत्ल हुआ है. पुलिस को स्पा में खून से लथपथ वाघमारे की लाश मिली. उस का गला रेता गया था तथा पेट पर भी धारदार हथियार के निशान थे.

पूछताछ में स्पा सेंटर के मालिक संतोष शेरेकर ने पुलिस को बताया कि बीती रात करीब साढ़े 12 बजे वाघमारे अपनी 21 वर्षीय गर्लफ्रेंड मैरी जोसेफ के साथ उस के स्पा सेंटर पहुंचा था. तब तक स्पा में काम करने वाले स्टाफ अपनेअपने घर जा चुके थे. स्टाफ के लोग वाघमारे को जानते थे. उसे भी सुबह साढ़े 9 बजे जब वाघमारे की गर्लफ्रेंड ने फोन कर वाघमारे के कत्ल की बात बताई, तब वह स्पा पहुंचा. वहां देखा तो गुरु वाघमारे की लाश मिली, तब पुलिस को खबर दी. यानी कत्ल तो उस के स्पा में हुआ था, लेकिन उसे इस वारदात की खबर नहीं थी.

पुलिस ने मृतक वाघमारे की महिला मित्र मैरी जोसेफ से इस संबंध में पूछताछ की. उस ने बताया कि हम लोग रात को होटल में वाघमारे की बर्थडे पार्टी करने गए थे. हमारे साथ वाघमारे के 3 अन्य दोस्त भी थे. इन में स्पा मैनेजर शमशाद अंसारी उर्फ सूरज व 2 स्टाफ के लोग थे. पार्टी के बाद सभी स्पा सेंटर में रात साढ़े 12 बजे वापस आ गए थे. कुछ देर बाद स्पा मैनेजर व दोनों स्टाफ वहां से चले गए. एक घंटे बाद 2 लोग स्पा सेंटर में घुस आए. उन्होंने आते ही मुझे पकड़ कर दूसरे कमरे में बंद कर दिया. इस के बाद वाघमारे की हत्या कर शटर गिरा कर भाग गए. सुबह जब वह सो कर उठी, तब उसे वाघमारे की हत्या होने का पता चला. तब उस ने सब से पहले स्पा के मालिक संतोष शेरेकर को फोन कर घटना के बारे में बताया. 

तब संंतोष शेरेकर स्पा आया और उस ने ही पुलिस को फोन कर वाघमारे की हत्या होने की जानकारी दी. यानी रात में स्पा मालिक संतोष शेरेकर व मृतक की गर्लफ्रेंड ने वाघमारे को जिंदा देखा था. पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद लाश को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया. स्पा सेंटर में 23-24 जुलाई की रात में वाघमारे की हत्या होने से मुंबई में सनसनी फैल गई. लोग गुरु वाघमारे को आरटीआई कार्यकर्ता, पूर्व पत्रकार व पुलिस मुखबिर के रूप में जानते थे. पुलिस गुरु वाघमारे के हत्यारों की तलाश में जुट गई. इस संबंध में मृतक की पत्नी ने 9 लोगों पर शक जाहिर करते हुए उन के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट वर्ली पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई.

वाघमारे के हत्यारों का पता लगाने के लिए पुलिस की कई टीमों के साथ क्राइम ब्रांच की भी मदद ली गई. हत्यारों तक पहुंचने के लिए क्राइम ब्रांच की 6 टीमेंं लगाई गईं. वर्ली पुलिस के साथ ही क्राइम ब्रांच की टीमें जांच करने लगीं. क्राइम ब्रांच की ओर से टेक्निकल व फील्ड इनवैस्टीगेशन शुरू किया गया.

जांघों पर क्यों गुदवाए 22 दुश्मनों के नाम

पुलिस को अपनी जांच के दौरान पता चला कि मुंबई के विले पार्ले के अंबेडकर नगर के रहने वाले 52 वर्षीय गुरु सिद्धप्पा वाघमारे को लोग चुलबुल पांडे के नाम से भी जानते थे. उस का 17 जुलाई, 2024 को बर्थडे था. उस ने अपने परिवार के साथ अपनी बर्थडे पार्टी मनाई थी. 23 जुलाई, 2024 को मुंबई के वर्ली इलाके में स्थित सौफ्ट टच स्पा सेंटर में हमेशा की तरह वाघमारे शाम 8 बजे पहुंचा था. वाघमारे जब स्पा पहुंचा तो उस की महिला मित्र मैरी जोसेफ और 3 स्पा स्टाफ के लोगों, जो वाघमारे के दोस्त थे, ने उस से अलग से पार्टी की मांग की. क्योंकि वाघमारे ने हाल ही में अपना जन्मदिन अपने घर वालों के साथ मनाया था. 

इस के बाद तय हुआ कि सायन स्थित होटल में पार्टी की जाएगी. वाघमारे, उस की महिला मित्र मैरी जोसेफ व 3 पुरुष मित्रों का ग्रुप होटल गया और पार्टी कर रात साढ़े 12 बजे  सभी लोग स्पा में वापस आ गए. कुछ देर बाद तीनों मित्र स्पा से चले गए, जबकि वाघमारे और उस की महिला मित्र वहीं रुक गए थे. पुलिस के सामने अब यह सवाल था कि गुरु वाघमारे की हत्या क्यों की गई? उस की हत्या करने वाले कातिल कौन थे? पुलिस ने अनुमान लगाया कि शराब पीने के कारण नशे में सोते समय वाघमारे की हत्या कर दी गई होगी, जिस के चलते वह शोर भी नहीं मचा सका.  

जांच के दौरान ही पोस्टमार्टम हाउस से पुलिस के पास डाक्टर का फोन आया, जिसे सुन कर पुलिस भी हैरान रह गई. डाक्टर ने बताया मृतक वाघमारे का जब पोस्टमार्टम करने के लिए उस के कपड़ों को शरीर से अलग किया गया, तब उस की दोनों जांघों और पीठ पर 22 लोगों के नामों के टैटू गुदे हुए मिले हैं. यह सुनते ही पुलिस पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गई और शव का निरीक्षण किया. पुलिस ने देखा कि गुरु वाघमारे की एक जांघ पर 10 तथा दूसरी जांघ पर 12 नाम के टैटू गुदे हुए हैं. पुलिस यह देख कर हैरान रह गई. आखिर इन 22 नामों को कमर और जांघों पर टैटू के रूप में गुदवाने का रहस्य क्या है? इन नामों से मृतक का क्या संबंध है? तभी पुलिस की नजर इन नामों के ऊपर लिखी एक लाइन पर गई तो इस रहस्य से परदा उठ गया. लिखा था, ‘मेरे दुश्मनों के नाम मेरी डायरी में भी लिखे हैं, इस की जांच कर काररवाई करें.’ 

इस से स्पष्ट हो गया कि वाघमारे ने अपने संभावित दुश्मनों के नाम अपने शरीर पर गुदवाए थे. गुरु वाघमारे के शरीर पर टैटू के रूप में गुदे दुश्मनों के 22 नामों में 3 ट्रांसजेंटर, 2 यूट्यूबर, एक मीडियाकर्मी, 4 सोशल ऐक्टिविस्ट के अलावा स्पा मालिक संतोष की पत्नी का नाम भी शामिल था. इस के साथ ही पुलिस उस टैटू आॢटस्ट की भी तलाश में जुट गई, जिस ने ये 22 टैटू गोदे थे. वाघमारे ने अपनी पीठ पर नवी मुंबई, ठाणे, मुंबई और मीरा भायंदर के 50 पुलिस अधिकारियों के नाम टैटू कराए थे. पुलिस के अनुसार अधिकारियों के नाम उन मामलों से संबंधित थे, जिन में उसे बुक किया गया था.

पुलिस का अनुमान था कि वाघमारे ने ऐसा डबल श्योर होने के लिए ही किया था. ताकि यदि दुश्मन उस के शरीर को क्षति पहुंचाए तो डायरी में लिखे उन के नामों से उन तक पहुंचा जा सके. मगर इन नामों में 3 नाम ऐसे थे, जिन्हें देख कर पुलिस भी हैरान हो गई. क्योंकि 22 नामों में 3 नाम मृतक वाघमारे की पत्नी, बेटे व बहू के थे. इस का मतलब था कि वाघमारे को अपने परिवार के सदस्यों से भी खतरा था. इन 22 नामों के लोग अलगअलग जगहों के निवासी थे. 

गजनी मूवी जैसी निकली कहानी 

कुछ साल पहले एक मूवी आई थी गजनी’. मूवी के हीरो को भूलने की बीमारी थी और इसी बीमारी के चलते फिल्म के हीरो ने अपने शरीर पर अपने दुश्मनों के नाम और नंबर के टैटू गुदवा रखे थे. लेकिन मुंबई में इसी फिल्म से मिलतीजुलती वास्तविक कहानी सामने आने पर पुलिस हैरान थी. ठीक गजनी फिल्म के हीरो की तरह वाघमारे ने भी अपने शरीर पर 22 दुश्मनों के नाम गुदवा रखे थे. कहने को मृतक वाघमारे को गजनी की तरह भूलने की बीमारी तो नहीं थी. वाघमारे इन्हीं नामों के साथ रोज जीतामरता था. यह किस्सा आमिर खान की गजनी फिल्म से शायद किसी भी लिहाज से कम नहीं है.

गुरु वाघमारे के पिता मूलरूप से सोलापुर के निवासी थे, कई साल पहले रोजगार की तलाश मुंबई आ गए. उन्होंने विले पार्ले में जूते की एक दुकान खोली. हालांकि उन का बेटा गुरु वाघमारे महत्त्वाकांक्षी था और उसे हाई सोसाइटी लाइफस्टाइल पसंद थी. गुरु वाघमारे ने दीक्षित रोड स्थित मराठी मीडियम स्कूल से पढ़ाई की, लेकिन 5वीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी. फिर वाघमारे अपने पिता के जूते के कारोबार में शामिल हो गया. उसे दोस्त बनाने का हुनर था, इस के साथ ही वह नेटवर्किंग में भी अच्छा था. 

वाघमारे को पहली बार साल 1995 में मुंबई के डा. पाटनकर के यहां ड्राइवर के रूप में नौकरी मिली. डा. पाटनकर नियमित रूप से डायरी लिखता था. वाघमारे इस गतिविधि से बहुत प्रभावित हुआ और उस ने स्वयं भी डायरी लिखनी शुरू कर दी. वर्ली पुलिस को जब इस बात की जानकारी हुई तो पुलिस वाघमारे के अपार्टमेंट पर पहुंची और उस की कई डायरियां बरामद कीं. 2 साल तक ड्राइवरी की नौकरी करने के बाद वह शक्ति फोर्ड शोरूम में लग गया, जो 2002 में बंद हो गया. इस के बाद वाघमारे ने ताज, आर्किड जैसे प्रतिष्ठित होटलों में ड्राइवर के रूप में काम किया. फिर उस ने ड्राइवर के रूप में काम करना बंद कर दिया, क्योंकि उसे पुलिस मुखबिर के रूप में एक नया पेशा मिल गया. 

मजे की बात यह है कि साल 2010 में वाघमारे को पुलिस मुखबिर बन गया. फिर वह पुलिस अधिकारी का भेष धारण कर के पैसे ऐंठना भी सीख था. संयोग से वाघमारे रौबीले व्यक्तित्व का था. वाघमारे स्पा की दुनिया से अच्छी तरह परिचित हो गया था, जो वेश्यालय के रूप में भी जाना जाता था और इसी के चलते उस ने स्पा मालिकों से पैसे ऐंठने शुरू कर दिए थे.

गुरु के खिलाफ थे 22 मामले दर्ज

पुलिस ने 50 वर्षीय गुरु वाघमारे की कुंडली खंगाली. डीसीपी (वर्ली जोन-3) कृष्णकांत उपाध्याय ने बताया कि गुरु वाघमारे एक हिस्ट्रीशीटर था. वह सोशल एक्टिविस्ट, पूर्व पत्रकार था. पुलिस रिकौर्ड में उस के खिलाफ बलात्कार, जबरन वसूली के 8 मामलों के साथ 22 एनसीआर वर्ली तथा मुलुंड पुलिस स्टेशन मे दर्ज थी. अपने बेटे की बहू पर भी उस की गलत नजर थी. इस की वजह से पारिवारिक विवाद भी था. वाघमारे आदतन अपराधी था. वह सोने और चांदी के आभूषण का शौकीन था. अपने क्षेत्र में उस का दबदबा था. वाघमारे स्वयं को पुलिस का मुखबिर भी बताता था. उस का काम ही था कि आरटीआई (सूचना का अधिकार कार्यकत्र्ता) के जरिए लोगोंं की कमियां ढंूढना और उन्हें काररवाई की धमकी दे कर ब्लैकमेल कर रुपयों की वसूली करना. 

इस के चलते उस के दुश्मनों की लिस्ट लंबी हो गई. उसे आशंका थी कि उस के दुश्मन उसे कभी भी नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसी के चलते उस ने अपने शरीर पर टैटुओं के रूप में अपने दुश्मनों के नाम गुदवा रखे थे. कमाल तो तब हो गया, जब पुलिस की नजर इन नामों में छठवें नंबर पर गुदे संतोष शेरेकर के नाम पर पड़ी. इस नाम को पढ़ कर पुलिस चौंक गई, क्योंकि यह नाम उसी शख्स का था, जिस के स्पा में वाघमारे का कत्ल हुआ था. आश्चर्य की बात तो यह थी कि संतोष शेरेकर ने ही वाघमारे के कत्ल की सूचना पुलिस को दी थी.

पुलिस जांच में भी यह साफ हो गया कि मृतक वाघमारे स्पा मालिक संतोष शेरेकर को भी पिछले कई सालों से ब्लैकमेल कर रहा था और उस से हफ्तावसूली करता था. इसी के चलते शेरेकर और वाघमारे की दुश्मनी थी. इस कारण वाघमारे ने छठें नंबर पर संतोष शेरेकर का नाम लिखवा रखा था. लेकिन अपनी इस दुश्मनी को शेरेकर ने कभी वाघमारे पर जाहिर नहीं होने दिया. इसी के चलते वाघमारे उस के स्पा में नियमित रूप से आताजाता था. संतोष शेरेकर पुलिस के शक के दायरे में आ चुका था.

पान की दुकान से ऐसा क्या मिला कि पुलिस हुई गदगद

इसी के साथ पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों को खंगालना शुरू किया. सब से पहले सायन में जहां के एक होटल में पार्टी की थी, उस के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों से ले कर स्पा सेंटर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों को चैक किया. सीसीटीवी फुटेज में पुलिस को 2 संदिग्ध लोग दिखे, जो रेनकोट पहले हुए थे. क्योंकि उन दिनों मुंबई में बारिश हो रही थी. उस रात दोनों स्कूटी पर सवार हो कर वाघमारे का पीछा करते हुए शेरेकर के स्पा सेंटर तक पहुंचे थे. पुलिस ने जांच में पाया कि हमलावरों में से एक ने होटल के पास एक पान की दुकान से कुछ खरीदा था. 

इस पर पुलिस बिना समय गंवाए पान वाले के पास पहुंची और रात के समय रेनकोट पहने 2 लोगों के उस की दुकान से कुछ खरीदने के बारे में जानकारी मांगी. पान वाले ने बताया रेनकोट पहने 2 लोग रात में आए थे, उन्होंने 2 गुटखा के पैकेट खरीदे थे और पेमेंट यूपीआई से किया था. इतना सुनते ही पुलिस को जैसे मुंहमांगी मुराद मिल गई हो. पान वाले ने अपने मोबाइल से भुगतान करने वाले उस व्यक्ति की डिटेल पुलिस को बता दी. पुलिस ने जब उस नंबर की काल डिटेल्स निकलवाई तो सन्न रह गई. उस व्यक्ति के नाम के साथ ही यह पता चला कि कातिल की उस दौरान स्पा के मालिक संतोष शेरेकर से कई बार बात हुई थी.

पुलिस के रडार पर स्पा मालिक संतोष शेरेकर अब पूरी तरह आ चुका था. पुलिस को यह समझते देर नहीं लगी कि वाघमारे की हत्या में स्पा मालिक भी शामिल है. इसी बीच जांघों पर गुदे टैटू में छठवें नंबर पर भी शेरेकर का नाम गुदा देख कर पुलिस ने बिना देर किए स्पा मालिक 50 वर्षीय संतोष शेरेकर को गिरफ्तार कर लिया.  

किस ने दी 12 लाख की सुपारी

स्पा के मालिक संतोष शेरेकर के खिलाफ अहम सबूत मिलने पर पुलिस ने उस पर अपना शिकंजा कस दिया. अब शेरेकर के सामने सच्चाई कुबूल करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं था. सख्ती से की गई पूछताछ के बाद गुरु वाघमारे की मर्डर मिस्ट्री की गुत्थी सुलझ गई. शेरेकर ने वाघमारे की हत्या के लिए 12 लाख रुपए की सुपारी दी थी, क्योंकि वह गुरु वाघमारे की जबरन हफ्तावसूली और स्पा बंद कराने की धमकियों से तंग आ चुका था. परेशान हो कर उस ने हत्या के लिए मोहम्मद फिरोज अंसारी को सुपारी दी. उसे सुपारी इसलिए दी ताकि उस पर हत्या का इलजाम न आए.

अंसारी और शेरेकर एकदूसरे को जानते थे, क्योंकि अंसारी मुंबई के पास नालासोपारा में शेरेकर की पार्टनरशिप में एक स्पा भी चलाता था, जिसे पिछले साल छापेमारी के कारण बंद कर दिया गया था. यह छापामारी वाघमारे की शिकायत के बाद की गई थी. इस के चलते मोहम्मद फिरोज अंसारी भी वाघमारे से चिढ़ता था और वह वाघमारे से बदला लेने की फिराक में था. लेकिन वाघमारे के शरीर पर गुदे 22 नामों में मोहम्मद फिरोज अंसारी का नाम नहीं था.

सुपारी लेने के बाद मोहम्मद फिरोज अंसारी ने अपने परिचित दिल्ली निवासी साकिब अंसारी से संपर्क किया. वह दिल्ली से मुंबई आ गया और सभी ने मिल कर 3 महीने पहले वाघमारे की हत्या की साजिश रची. 3 महीने तक वाघमारे की रेकी की गई. वाघमारे की रोजाना की हर गतिविधि पर नजर रखने के बाद 5 बार हत्यारे जाल बिछा चुके थे, लेकिन हर बार किस्मत वाघमारे का साथ देती. मजबूरन कातिलों ने शेरेकर के स्पा में ही उस की हत्या करने की योजना बनाई.

हत्या के तीसरे दिन ही पालघर जिले के नालासोपारा से क्राइम ब्रांंच ने 26 वर्षीय मोहम्मद फिरोज अंसारी और उस की निशानदेही पर राजस्थान के कोटा से 28 वर्षीय साकिब अंसारी को वहां की लोकल पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के समय साकिब अंसारी गरीब रथ एक्सप्रैस से  दिल्ली भाग रहा था. साकिब के साथ ही 2 अन्य संदिग्धों को भी पकड़ लिया गया. कुछ समय से वाघमारे व शेरेकर के संबंध ठीक नहीं चल रहे थे. गुरु वाघमारे के क्रियाकलापों से स्पा मालिक संतोष शेरेकर ही नहीं, दूसरे स्पा मालिक भी परेशान थे. वाघमारे की गतिविधियों से उन के कारोबार पर असर पड़ रहा था. तभी शेरेकर ने अपनी स्पा कर्मचारी मैरी जोसेफ को वाघमारे से मिलवाया.

गर्लफ्रेंड क्यों हुई हत्या में शामिल

जाहिर तौर पर यह एक हनीट्रैप था. वाघमारे को मैरी जोसेफ से प्यार हो गया, जिस ने उसे अच्छे कपड़े पहना कर उस का चेहरामोहरा बदल दिया. गर्लफ्रेंड मैरी वाघमारे के इतने करीब हो गई कि वह उस के घर भी आनेजाने लगी और उस ने वाघमारे की पत्नी मनीषा से भी दोस्ती कर ली. इस बीच मैरी शेरेकर को वाघमारे के बारे में जानकारी देती रहती थी. पुलिस को जांच में चौंकाने वाली जानकारी मिली. वाघमारे जिसे प्यार करता था, वही प्रेमिका उस की मौत की सौदागर निकली. वाघमारे की महिला मित्र भी षडयंत्र में शामिल थी. पता चला कि महिला मित्र मैरी जोसेफ भी गुरु वाघमारे की हत्या की योजना में कातिलों से मिली हुई थी. स्पा सेंटर के मालिक शेरेकर और गर्लफ्रेंड जोसेफ के बीच क्या कनेक्शन था, इस का पता लगाने के लिए पुलिस जुट गई. जांंच में पता चला कि जोसेफ भी स्पा में काम करती थी. उस का पूर्वप्रेमी स्पा मैनेजर सूरज था. 

मृतक वाघमारे की पत्नी मनीषा के अनुसार, जब उस के पति को गुस्सा आता था तो वह किसी व्यक्ति के नाम का टैटू करवा लेते थे, लेकिन जब दुश्मनी खत्म हो जाती थी तो उसे हटा देते थे. मनीषा ने बताया कि मैरी जोसेफ मेरे पति की प्रेमिका थी. वह पहली प्रेमिका थी, जो मेरे घर आई और पति के बारे में उस ने जो पूछा मैं ने बताया. लेकिन इस के पीछे उस का क्या इरादा था, मैं समझ नहीं सकी. मनीषा ने बताया कि 17 जुलाई को मेरे पति का जन्मदिन था. उस दिन उन्होंने पूरे समाज को अपने जन्मदिन के जश्न के लिए आमंत्रित किया था. 

23 जुलाई की रात 10 बजे मैं ने पति को फोन किया था तो उन्होंने बताया था कि वह अपने दोस्त के साथ हैं और जन्मदिन की पार्टी दे रहे हैं. इस के बाद उन की कोई काल नहीं मिली. अगले दिन विले पार्ले पुलिस हमारे घर आई और मुझे नायर अस्पताल ले गई, जहां मैं ने अपने पति को मृत पाया. मैरी जोसेफ को भी पुलिस ने वाघमारे की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के अनुसार मैरी को हत्या की योजना और कातिलों के स्पा में आने, हत्या कर जाने के बारे में पूरी जानकारी थी, लेकिन वह पुलिस को गुमराह करती रही. 

आस्तीन का सांप क्यों बनी गर्लफ्रेंड

पुलिस ने बताया कि मैरी के मोबाइल फोन से कई आडियो क्लिप और वीडियो मिले, जिन में गुरु वाघमारे के खिलाफ रची जा रही जिस के बारे में न सिर्फ उसे सब कुछ पता था, बल्कि उसे स्पा मालिक संतोष शेरेकर ने यह आदेश दिया था कि वह गुरु वाघमारे को सायन के होटल के बार में पार्टी करने के बाद सीधा यहीं स्पा ले कर आए. उस का  काम तमाम करना है. इस के अलावा उस को गुरु के बारे में पलपल की अपडेट देने को भी कहा गया था. जांच में यह भी साफ हो गया कि संतोष शेरेकर पूरी योजना का मास्टरमाइंड था. वही वाघमारे के कत्ल को अमली जामा पहना रहा था.

जबकि स्पा का मैनेजर शमशाद अंसारी उर्फ सूरज भी षडयंत्र में शामिल था. जब पार्टी के बाद वाघमारे व उस की गर्लफ्रेंड स्पा में थे, तब मैनेजर शमशाद अंसारी अपने दोनों कर्मचारियों के साथ स्पा से चला गया था, लेकिन जाते समय वहां के सीसीटीवी कैमरे बंद कर गया था ताकि हत्यारे व मर्डर की घटना कैमरों में कैद न हो सकें. इतना ही नहीं जाते समय स्पा सेंटर का शटर गिरा दिया, लेकिन ताला नहीं लगाया था. पुलिस के अनुसार सायन स्थित होटल में शराब पीने के बाद, मैरी वाघमारे को ले कर स्पा पहुंची, जहां उस ने वाघसमारे के साथ सैक्स किया और फिर वह सो गया. 

योजनानुसार दोनों हत्यारे मैनेजर व स्टाफ के रात डेढ़ बजे स्पा से जाने के बाद शटर उठा कर स्पा में अंदर घुस आए. पहले से योजना में शामिल वाघमारे की गर्लफ्रेंड हत्यारों के आते ही दूसरे कमरे में जा कर सो गई. कातिलों ने  अपने साथ लाई 7 हजार कीमत वाली कैंची के दोनों ब्लेडों को अलग करने के बाद नशे में धुत सो रहे गुरु वाघमारे की गरदन रेत दी और कैंची से पेट पर भी वार कर उस की नृशंस हत्या कर दी. इस के बाद दोनों हत्यारे शटर गिरा कर वहां से फरार हो गए थे. 

स्पा मालिक संतोष शेरेकर और मैनेजर शमशाद अंसारी उर्फ सूरज के साथ ही पुलिस ने हत्या के दोनों मुख्य आरोपियों मोहम्मद फिरोज अंसारी व साकिब अंसारी तथा 2 संदिग्ध को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. जबकि अंत में मृतक वाघमारे की गर्लफ्रेंड मैरी जोसेफ को गिरफ्तार किया. पुलिस अभी भी इस बात का पता लगा रही है कि वाघमारे की हत्या में और कौनकौन शामिल थापकड़े गए दोनों संदिग्धों से भी पूछताछ की जा रही थी. सब से पहले गिरफ्तार किए स्पा स्वामी संतोष शेरेकर को गिरफ्तारी के बाद अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया.

डीसीपी कृष्णकांत उपाध्याय ने बताया कि हमें संदेह है कि अपराध के बाद गर्लफ्रेंड मैरी को कुछ पैसे की पेशकश की गई होगी. फिरोज को 4 लाख रुपए और साकिब को 6 लाख रुपए दिए गए थे. स्कूटी को फिरोज और साकिब ने घटना को अंजाम देने के बाद स्पा से कुछ किलोमीटर दूर छोड़ दिया था. पुलिस ने इस हत्याकांड में प्रयुक्त उस स्कूटी को जब्त कर लिया और स्कूटी से एक नैपकिन में लिपटी कुछ नकदी, एक रेनकोट, एक चाकू और एक हेलमेट बरामद किया है. पुलिस को संदेह है कि अन्य आरोपियों को अपराध में शामिल होने के लिए पैसे दिए गए होंगे. पुलिस वाघमारे के शरीर पर गुदे 22 नामों की भी जांच करने में जुटी थी. 

गिरफ्तार आरोपियों को न्यायालय के आदेश पर पहले 30 जुलाई, उस के बाद सरकारी वकील रवींद्र पाटिल ने अदालत से आरोपियों से पूछताछ के लिए 3 दिनों के लिए हिरासत मांगी. इस पर न्यायालय ने 3 अगस्त तक उन्हें पुलिस हिरासत में भेज दिया. स्पा का चलन दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है, लेकिन आप यह जान कर हैरान रह जाएंगे कि पूरे देश भर में स्पा के नाम पर सैक्स के अड्ïडे चल रहे हैं. मसाज पार्लर की आड़ में स्पा के नाम पर ग्राहकों को जिस्म परोसा जाता है. गुरु वाघमारे की नृशंस हत्या ने राज्य में चल रहे स्पा रैकेट पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

 

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