“इशिका आज मैं आ रहा हूं, तुम मुझ से मिलोगी न?’’ प्रेम भरी मनुहार के साथ रोहन पांडु ने कहा.

“भला क्यों, तुम्हें क्या काम है मुझ से…’’ इशिका शर्मा ने इठलाते हुए कहा.

“देखो, नाराजगी छोड़ दो. प्लीज इशिका प्लीज.’’ रोहन अब गिड़गिड़ाते हुए बोला.

“रोहन, मैं तुम से नहीं मिलना चाहती. तुम्हारा व्यवहार मुझे और मम्मीपापा को भी पसंद नहीं है.’’

“इशिका, भला मैं तुम्हारा कभी बुरा चाहता हूं क्या, मैं ने हमेशा ही तुम्हारा कहना माना है. मदद भी की है. यहां तक कि रिपोर्टिंग में भी मैं ने तुम्हारा हर पल साथ दिया है. इस के बावजूद भी क्या तुम मुझे ऐसे ही भुला दोगी?’’ रोहन पांडु ने स्वर में मानो मिश्री घोलते हुए कहा, ‘‘देखो, मैं तुम्हें हमेशा आगे भी मदद करूंगा. तुम जैसे चाहोगी, वैसा ही होगा. बस, एक बार मिल लो फिर सारे गिलेशिकवे दूर हो जाएंगे.’’

“अच्छा, आज नहीं बाद में. आज मम्मीपापा कोरबा गए हुए हैं फिर कभी आना.’’ इशिका ने कहा. यह खबर सुन कर रोहन पांडु खुशी से उछलते हुए बोला, ‘‘इशिका, ऐसा है तो मैं आता हूं. किसी बढिय़ा होटल में तुम्हें खाना भी खिलाऊंगा. बहुत दिन हो गए, हम लोगों ने साथ बैठ कर खाना नहीं खाया, मूवी नहीं देखी. मजा आ जाएगा पहले की तरह. ठीक है, मैं आ रहा हूं.’’ कह कर उस ने काल डिसकनेक्ट कर दी. इशिका शर्मा (21 वर्ष) से बात करने के बाद रोहन पांडु (22 वर्ष) बहुत खुश हुआ.

यह बात 12 फरवरी, 2023 की है. छत्तीसगढ़ का जिला जांजगीर चांपा एक ऐतिहासिक नगर है, जिसे कृषि प्रधान जिले के रूप में भी जाना जाता है. यहां मुख्यरूप से कृषि आधारित व्यवसाय हैं. इसी शहर के वार्ड नंबर 18 में पत्रकार गोपाल शर्मा पत्नी एवं 2 बच्चों इशिका शर्मा और आर्यन शर्मा के साथ रहते थे.

इशिका से बात करने के बाद उसी रात को लगभग 9 बजे बिलासपुर से अपनी गाड़ी पर रोहन पांडु अपने मित्र राजेंद्र सूर्या के साथ इशिका के घर आ पहुंचा. रोहन को देख कर के इशिका ने हंस कर उस का ऐसे स्वागत किया, मानो कोई मनमुटाव वाली बात ही नहीं थी.  राजेंद्र के साथ रोहन पहले भी कई बार वहां आ चुका था. इन की दोस्ती से इशिका के पिता गोपाल शर्मा भी वाकिफ थे.

इशिका पिछले 6 साल से एक एंकर के रूप में शहर में एक जानापहचाना नाम हो गई थी. गोपाल शर्मा को अपनी पत्रकार बिटिया पर गर्व था, जो यूट्यूब पर पत्रकार के रूप में जानापहचाना नाम बन चुकी थी. यूट्यूब पर चलने वाले उस के शो को हजारों लोग देखते थे. जब इशिका ने 6 साल पहले पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखा तो इसी दरमियान रोहन पांडु से उस की मुलाकात हुई थी. वह उस के सहायक के रूप में काम करता था. पत्रकारिता में कमाया नाम रोहन मूलरूप से बिलासपुर जिले के मस्तूरी के गांव भदौरा का रहने वाला था और संपन्न परिवार से था. वह पत्रकारिता का शौक रखता था.

इशिका से मिलने के बाद धीरेधीरे वह उस की ओर आकर्षित होता चला गया. इशिका भी अल्हड़ उम्र में उस की तरफ आकर्षित होती चली गई. इसी बीच इशिका शर्मा पत्रकारिता के क्षेत्र में एक बड़ा नाम बन गई. वह पत्रकारिता करिअर के साथसाथ अपनी पढ़ाई पर भी ध्यान दे रही थी. वह एलएलबी की पढ़ाई कर रही थी. साथ ही उस ने राजधानी रायपुर स्थित कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय में दाखिला भी ले लिया था. वह यहां से इलैक्ट्रौनिक मीडिया से एमएससी कर रही थी.

रोहन पांडु अपने मित्र राजेंद्र सूर्या के साथ इशिका शर्मा के घर पर बैठा बातें कर रहा था. रोहन लगभग 2 महीने बाद उस से मिलने के लिए आया था. रोहन ने औपचारिक बातों के बीच पूछा, ‘‘अंकल और आंटी कोरबा कैसे गए हैं?’’ इसी समय इशिका के फोन पर किसी की काल आई. काल रिसीव करने के बाद वह रोहन को अनदेखा कर फोन पर हंसहंस कर बातें करने लगी. काफी देर तक इशिका मोबाइल पर बात करने में व्यस्त रही.

रोहन पांडु यह देख कर पहलू बदलने लगा. उसे समझते देर नहीं लगी कि इशिका किसी दूसरे लडक़े से मोबाइल पर बात कर रही है. वह बातें भी कर रही थी और हंसते हुए रोहन की ओर देख भी रही थी. यह देख कर के रोहन को बहुत गुस्सा आ रहा था. जब फोन पर बातचीत बंद हुई तो रोहन ने कड़े शब्दों में कहा, ‘‘तुम नहीं सुधरोगी, मैं ने लाख समझाया. मुझे तो यही लगता है कि शायद मैं ही तुम्हें समझ नहीं पाया.’’

रोहन की बात का जवाब देते हुए इशिका ने कहा, ‘‘तुम मुझ पर बंधन लगा रहे हो, यह अच्छी बात नहीं है.’’

“जब तुम मेरी हो और मैं तुम्हारा तो फिर बंधन तो बन ही गया.’’

“रोहन, मैं अगर तुम से शादी नहीं करना चाहूं तो..?’’

“यह तो तुम्हारी मरजी है. मैं तो अपने दिल की बात बहुत पहले तुम्हें बता चुका हूं और इसीलिए तुम पर अधिकार रखता हूं.’’

“देखो रोहन, अभी तो जिन्होंने मुझे पैदा किया है न, उन की भी बहुत सी बातों को मैं नहीं मानती हूं. रही बात तुम्हारी तो तुम और हम सिर्फ दोस्त हैं, इस से आगे और कुछ नहीं.’’

“तुम कभी कुछ कहती हो और कभी कुछ, तुम्हें समझना मेरे वश की बात नहीं है. मगर मैं यह कैसे बरदाश्त करूं कि मेरे सामने ही तुम किसी दूसरे लडक़े से बात कर रही हो.’’

“रोहन, जैसे तुम मेरे दोस्त हो, वैसे कई लडक़े मेरे दोस्त हैं और तुम इन सब बातों को दिल पर मत लो.’’ इशिका ने बड़े सख्त लहजे में साफसाफ कहा फिर उसे जाने क्या लगा कि वह चेहरे पर मुसकान बिखेरती हुई बोली, ‘‘चलो ठीक है, अब आगे क्या करना है, बताओ…’’.  रोहन ने राजेंद्र की ओर देखते हुए हाथों को नीचे झटकते हुए कहा, ‘‘चलो ठीक है, अब होटल चलते हैं, वहीं खाना खाएंगे.’’ इस के बाद वे दोनों घर से होटल के लिए निकल गए.

सोमवार, 13 फरवरी 2023 को सुबह लगभग 10 बजे गोपाल शर्मा ने बेटे आर्यन को फोन लगाया. जब उस ने कई बार काल करने के बाद भी फोन रिसीव नहीं किया तो इशिका को फोन किया. मगर उस ने भी काल रिसीव नहीं की. कई दफा काल लगाने के बाद भी जब दोनों ने काल रिसीव नहीं की तो गोपाल शर्मा और उन की पत्नी जानकी शर्मा चिंतित हो गए. दोपहर लगभग 11 बजे कालोनी के गार्ड रघु को गोपाल शर्मा ने फोन कर कहा, ‘‘रघु, मैं कल से कोरबा आया हुआ हूं. इशिका और आर्यन दोनों को मैं ने कई बार फोन किया, लेकिन वे फोन रिसीव नहीं कर रहे हैं. हमें बड़ी चिंता हो गई है. जरा घर जा कर दोनों में से किसी से बात तो कराओ. आज संडे है, हो सकता है दोनों सोए हुए हों.’’

गोपाल शर्मा के कहने पर कालोनी का गार्ड रघु यादव गोपाल शर्मा के घर पर पहुंचा. भीतर झांकने लगा तो देखा दरवाजा खुला हुआ था. वह भीतर चला गया. तभी देखा कि इशिका मृत पड़ी हुई थी. यह देख कर रघु घबरा गया और शोर मच कर पड़ोसियों को बुला लिया. लोगों ने देखा एक कमरे में आर्यन सोया हुआ था. उसे जगाया गया तो वह उठ बैठा. स्थिति समझते में उसे थोड़ी देर लगी फिर बहन को मृत पड़ा देख कर रोने लगा. उसे समझ नहीं आया कि इशिका को किस ने मार दिया.  इसी बीच किसी ने पुलिस को खबर दे दी. थोड़ी ही देर में पुलिस वहां पहुंच गई.

पत्रकार की बेटी थी इशिका..

इशिका के पिता गोपाल शर्मा नगर के प्रतिष्ठित पत्रकार थे, अत: लोगों की भीड़ भी घटनास्थल पर जुटती चली गई. गोपाल शर्मा को रघु यादव ने सारी जानकारी मोबाइल पर दी तो वह घबरा गए और बोले कि मैं पत्नी के साथ तुरंत निकल रहा हूं. पुलिस वहां पहुंच चुकी थी. एसपी विजय अग्रवाल से भी इशिका अकसर मिलती रहती थी, इसलिए जब उन्होंने उस की हत्या की बात सुनी तो वह भी घटनास्थल पर पहुंच गए.

तत्काल पुलिस ने डौग स्क्वायड बुलवाई ताकि हत्यारे तक पहुंचा जा सके. मगर खोजी कुत्ता पास ही मोहल्ले में जा कर वापिस आ गया. पुलिस के सामने अब एक अंधी हत्या का मामला था. विजय अग्रवाल ने कोतवाल लखन केवट को निर्देश दिया कि मामला गंभीर है, जांच में तेजी लाई जाए. पुलिस ने इशिका के भाई आर्यन से पूछताछ की तो उस ने बताया कि कल रात को रोहन पांडु और राजेंद्र सूर्या जब घर आए तो कुछ समय बाद रोहन ने दीदी से कहा, ‘‘चलो होटल में डिनर करते हैं.’’ इस पर इशिका ने कहा, ‘‘मैं खाना नहीं खाऊंगी.’’ रोहन के कहने पर बाद में तय हुआ कि रोहन पांडु और राजेंद्र सूर्या जा कर होटल से खाना ले कर आएंगे और घर पर ही खाना खा लिया जाएगा. दोनों चले गए. रात को सभी लोगों ने खाना खाया और फिर उसे पता नहीं क्या हुआ.

अब पुलिस के समक्ष सारी कहानी स्पष्ट थी. नगर कोतवाल और जांच अधिकारी लखन केवट को यह समझते देर नहीं लगी कि रोहन पांडु ने ही खाने में नींद की गोलियां मिला दी होंगी, जिस के कारण आर्यन को नींद आ गई और उन दोनों लोगों ने इस के बाद इशिका की हत्या कर दी. इशिका की डैडबौडी को देख कर पुलिस पहली नजर में ही समझ गई थी कि उस की गला घोट कर हत्या की गई है.

पुलिस कप्तान विजय अग्रवाल इस लोमहर्षक हत्याकांड को ले कर बेहद संजीदा थे. उन्होंने इस के लिए आरोपियों को धर दबोचने के लिए एसपी चंद्रशेखर परमार के निर्देशन में 3 पुलिस टीमें गठित कर दीं. टीमों में इंसपेक्टर मनीष परिहार, लोकेश केवट एसआई कामिक हक, सुरेश धु्रव के अलावा गोपाल सतपति, दिलीप सिंह, मुकेश पांडेय, बलवीर सिंह, राजकुमार चंद्रा, जितेंद्र सिंह परिहार, मनीष राजपूत, वीरेंद्र टंडन, विवेक सिंह आदि को शामिल किया गया. एसपी ने 24 घंटे के अंदर आरोपियों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए.

पुलिस को आर्यन शर्मा के बयान के आधार पर राहुल पांडु पर शक था, क्योंकि वही राजेंद्र सूर्या के साथ वारदात वाले दिन घर पर आया था. पुलिस ने निकटवर्ती जिले की पुलिस के सहयोग से आखिर मुख्य आरोपी राहुल पांडु को मुंगेली मार्ग से गिरफ्तार कर लिया. जांजगीर मुख्यालय ला कर जब उस से पूछताछ शुरू की तो उस ने न सिर्फ इशिका की हत्या की बात स्वीकारी बल्कि वारदात में अपने दोस्त राजेंद्र सूर्या के शामिल होने का खुलासा कर दिया. पुलिस ने रोहन की निशानदेही पर दूसरे आरोपी राजेंद्र सूर्या (22 वर्ष) को भी भदौरा जिला बिलासपुर से गिरफ्तार कर लिया.

रोहन ने बताया कि वह गिरफ्तारी के डर से रायगढ़ शहर चला गया था, जहां वह अपने दोस्तों से मिला और अपने लंबे बाल कटवा दिए, ताकि उस की पहचान न हो सके. इस के बाद वह शिवरीनारायण और शिवरीनारायण से कवर्धा पहुंचा. यहां अपने दोस्तों से मिल कर वह फिर कवर्धा से मुंगेली जा रहा था, तभी पुलिस ने रास्ते में उसे धर लिया. दोनों आरोपियों को घटनास्थल पर ले जा कर पुलिस ने पूछताछ की और सारे सबूत इकट्ïठा किए. आरोपी रोहन पांडु और राजेंद्र सूर्या दोनों भदौरा थाना क्षेत्र मस्तूरी जिला बिलासपुर के निवासी हैं.

आर्यन को दी थी नींद की गोलियां..

हिरासत में ले कर पूछताछ करने पर इशिका शर्मा हत्याकांड के आरोपी राहुल पांडु और राजेंद्र सूर्या ने पुलिस के सामने सारी कहानी उगल दी. रोहन पांडु ने बताया कि 12 फरवरी, 2023 की रात जब वह राजेंद्र सूर्या के साथ होटल ड्रीम पौइंट से खाना पैक करवा कर निकला तो पहले नहर किनारे जा कर दोनों ने शराब पी और वहीं तय किया कि इशिका के अब पर निकल आए हैं, जिस से वह उड़ रही है, इसलिए उस की हत्या कर दी जाए.

दोनों जब घर पहुंचे तो इशिका को फोन पर बात करते देख कर मानो रोहन पांडु के तनबदन में आग लग गई. बातचीत खत्म हुई तो होटल से लाया खाना खाने के लिए बैठ गए. इशिका के साथ आर्यन और राजेंद्र सूर्या खाना खा रहे थे. आर्यन के खाने में रोहन ने पहले ही मैडिकल स्टोर से लाई नींद की गोलियां मिला दी थीं. खाना खाने के बाद जब वह ऊंघने लगा तो राजेंद्र सूर्या ने उसे सहारा दे कर के उस के कमरे में सुला दिया.

थोड़ी ही देर में इशिका और रोहन में फिर बहस शुरू हो गई. रोहन ने तड़प कर कहा, ‘‘इशिका, आज तुम फैसला कर लो कि तुम सिर्फ मेरी हो.’’ इस पर नाराज हो कर इशिका बोली, ‘‘यार तुम्हारा दिमाग खराब है. मैं पढ़ाई कर रही हूं, मुझे कुछ बनना है. मेरे कुछ सपने हैं, तुम्हें इंतजार करना होगा. कर सकते हो तो करो, नहीं तो तुम्हारा हमारा रास्ता अलगअलग है. यह बात तुम अच्छी तरह समझ लो.’’ रोहन ने गुस्से में कहा, ‘‘मुझे तुम्हारे रंग सही नहीं लग रहे हैं. तुम तो पढ़लिख कर के मुझे भूल जाओगी. तुम तो अभी से जाने कितने लडक़ों के फेरे में हो. मेरा क्या होगा?’’

“मेरे कुछ सपने हैं जो मैं ने तुम्हें बता दिए हैं. अगर तुम इंतजार कर सकते हो तो करो और सुन लो मुझे किस से बात करनी है और नहीं करनी है, यह मुझे मत बताया करो.’’…और कर दिया काम तमाम.

इतना सुनना था कि रोहन का पारा चढ़ गया. वह समझ गया कि इशिका जिसे वह जान से ज्यादा प्यार करता है, उस के हाथों से निकलती चली जा रही है. अब उसे कुछ करना ही होगा. यह सोच कर वह गुस्से से आगे बढ़ा और इशिका को कई थप्पड़ जड़ दिए. जब उस ने विरोध किया तो उस का गला पकड़ लिया. वह तड़पने लगी. अपने आप को छुड़ाने लगी तो राजेंद्र सूर्या ने भी उसे पैरों से पकड़ लिया और दोनों ने मिल कर उस का गला दबा कर उस की हत्या कर दी.

हत्या के बाद घर पर रखे हुए सोने के सिक्के, अंगूठी, अन्य ज्वैलरी के अलावा इशिका की स्कूटी ले कर के वहां से निकल गए. ताकि पुलिस को यह लगे कि किसी ने चोरी करने की नीयत से घर में प्रवेश किया और हत्या कर दी. पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ के बाद उन की निशानदेही पर 3 मोबाइल फोन, सोने की अंगूठी, चांदी का सिक्का, सोने का लौकेट, सोने का ब्रेसलेट, एक स्मार्ट वाच, चांदी की मूर्ति, ब्रेसलेट, कान की फुल्ली और स्कूटी नंबर सीजी11एवाई6292 भी बरामद कर ली.

पुलिस ने दोनों आरोपियों रोहन पांडु और राजेंद्र सूर्या को गिरफ्तार कर भारतीय दंड विधान की धारा 302, 397 के तहत मामला दर्ज कर दोनों को 14 फरवरी, 2023 को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, जांजगीर के समक्ष पेश किया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया.

(अपराध कथा पुलिस सूत्रों से बातचीत पर आधारित है)

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