दुलहन के लिबास में बैठी अंजना के लिए वे पल बेहद खूबसूरत थे. जिंदगी के खूबसूरत पलों में वैसे भी चेहरे की चमक और खुशियां बढ़ जाती हैं. जबकि अंजना तो खूब सजीधजी थी, इसलिए जो भी उसे देखता, देखता ही रह जाता. ऊपर से उस ने जो पारंपरिक कुमाऊंनी चुनरी ओढ़ रखी थी, वह उस की सुंदरता में चार चांद लगा रही थी. थोड़ी ही देर में उस के सपनों का राजकुमार दूल्हा आने वाला था और वह जयमाला पहना कर उसे अपना जीवनसाथी चुनने वाली थी. अंजना मूलरूप से अल्मोड़ा जनपद के रहने वाले सूबेदार शंकर सिंह बोहरा की बेटी थी. बोहरा उत्तर प्रदेश के बरेली शहर के छावनी इलाके में रह रहे थे. चंद महीने पहले ही उन्होंने बीटेक की पढ़ाई कर चुकी अंजना का रिश्ता चनेहटी निवासी सेना से सेवानिवृत्त मदन सिंह के बेटे राहुल से तय किया था. राहुल कुमाऊं रेजीमेंट में सिपाही था.

25 नवंबर, 2016 की रात छावनी इलाके में ही बरेली कैंट बोर्ड द्वारा संचालित युगवीणा समारोह स्थल पर अंजना और राहुल का विवाह होने वाला था. बोहरा परिवार अपने रिश्तेदारों के साथ बारात के स्वागत की तैयारियों में लगा था. बारात आ चुकी थी.

मंडप परिसर के ही एक कमरे में कुरसी पर बैठी अंजना अपनी सतरंगी कल्पनाओं से भविष्य का खूबसूरत महल तैयार कर रही थी. खुशियों की महक हर तरफ फैली थी. कोई नहीं जानता था कि वहां क्या होने वाला है? किस की जिंदगी में दुख कब चुपके से दस्तक दे जाए, इस बात को कौन जानता है?

मंडप में मेहमानों की आवाजाही जारी थी. लगभग 10 बजे के करीब मेहमानों की भीड़ के बीच से होते हुए 2 लड़कियां दुलहन बनी अंजना के कमरे में आ पहुंची. अंजना उस समय कमरे में अकेली थी, क्योंकि सभी लोग बारात के स्वागत में लगे थे. अंजना पर नजर पड़ते ही दोनों लड़कियां मुसकराईं. उन लड़कियों की उम्र 20-22 साल रही होगी और उन्होंने आकर्षक सलवार सूट पहन रखे थे.

अंजना की नजर उन से मिली तो वह असमंजस में पड़ गईं, क्योंकि उस ने उन्हें पहले कभी नहीं देखा था. उसे लगा कि ये दोनों उस की दूर की रिश्तेदार होंगी या फिर दूल्हा पक्ष की होंगी और उस से मिलने आई होंगी. दोनों लड़कियां अंजना को देख कर मुसकराईं तो अंजना ने भी मुसकरा दिया. उन में से एक ने पूछा, ‘‘हैलो अंजना, कैसी हो?’’

‘‘अच्छी हूं, आप बताइए?’’

‘‘आज तो तुम बहुत खुश होगी और दुलहन बन कर तुम्हें बहुत अच्छा लग रहा होगा?’’

‘‘क्यों नहीं.’’ अंजना ने मुसकरा कर कहा.

लेकिन अगले ही पल उस लड़की का लहजा एकदम से बदल गया. वह गुस्से में उसे घूरते हुए बोली, ‘‘तुम्हें कितना भी अच्छा लग रहा हो, लेकिन यह सब मुझे बिलकुल नहीं अच्छा लग रहा.’’

पलभर में बदले उस के हावभाव और बातों से अंजना को झटका सा लगा. वह कुछ समझ पाती, उस से पहले ही दोनों लड़कियों ने एकदूसरे की तरफ देख कर इशारा किया तो उन में से एक ने झपट कर अंजना के हाथ पकड़ लिए तो उस की साथी लड़की ने एक बोतल निकाली और उस का ढक्कन खोल कर उस में भरा तरल अंजना पर उछाल दिया.

बचाव के लिए अंजना ने अपना चेहरा घुमा लिया. अपना काम कर के दोनों लड़कियां तेजी से कमरे के बाहर निकल गईं. जबकि तरल पड़ते ही अंजना जलन से चीखने लगी.

उस की चुनरी भी जल गई थी, क्योंकि उस पर उछाला गया तरल तेजाब था. जलन से अंजना बिलबिला उठी. वह दरवाजे की तरफ भागी, लेकिन लड़कियों ने बाहर जाते वक्त दरवाजा बाहर से बंद कर दिया था.

अंजना ने खुद को संभाल कर पिता के मोबाइल पर फोन किया, लेकिन शोरशराबे में पिता को घंटी सुनाई नहीं दी. संयोग से उस की चीखें मेहमानों ने सुन ली थीं, इसलिए उन्होंने दरवाजा तोड़ दिया. थोड़ी देर में सभी वहां पहुंच गए. अंजना की हालत देख कर सभी के पैरों तले से जमीन खिसक गई.

खुशी के मौके पर अगर इस तरह का दुख आ जाए तो तकलीफ कई गुना बढ़ जाती है. बोहरा परिवार भी परेशान हो उठा. आननफानन में दर्द से बेहाल अंजना को गाड़ी में डाल कर अस्पताल पहुंचाया गया. डाक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे एसआरएमएस मैडिकल कालेज के लिए रैफर कर दिया.

विवाह समारोह में शामिल होने आए रिश्तेदारों और परिचित भी परेशान हो उठे थे. लोग तरहतरह की चर्चाएं कर रहे थे. अचानक घटी इस घटना से हर कोई परेशान था. तेजाब डालने वाली लड़कियों की तलाश की गई, लेकिन वे अपना काम कर के जा चुकी थीं.

घटना की सूचना पुलिस को दी गई. दुलहन पर तेजाब फेंकना पुलिस के लिए भी चौंकाने वाली बात थी. स्थानीय थाना कैंट के थानाप्रभारी ब्रजेश सिंह मौके पर पहुंचे. मामला गंभीर था, इसलिए उन्होंने घटना की सूचना अधिकारियों को भी दे दी थी. उन की सूचना पर एसएसपी जोगेंद्र कुमार, एसपी (सिटी) समीर सौरभ और सीओ (सिटी) सिद्धार्थ वर्मा भी आ गए थे. पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया. दुलहन के जो कपड़े पड़े थे, वे आधे जले हुए थे. वहीं प्लास्टिक की एक बोतल पड़ी थी. उसी में तेजाब लाया गया था. तेजाब के छींटे इधरउधर बिखरे पड़े थे.

तेजाब के नमूने और अन्य सामान को बतौर सबूत पुलिस ने कब्जे में ले लिया था. फोरैंसिक एक्सपर्ट की टीम को भी बुला कर सबूत जुटाए गए. पुलिस की समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर दुलहन से किसी की क्या रंजिश हो सकती थी. पुलिस अधिकारी घटनास्थल की जांच कर रहे थे, तभी उन की नजर वहां पड़े कागज के एक टुकड़े पर पड़ी. कागज के उस टुकड़े को उठा कर देखा तो उस पर चंद लाइनें लिखी थीं, जिसे पढ़ कर पुलिस चौंकी. उसे तेजाब फेंकने वाली लड़कियों ने छोड़ा था. उस पर लिखा था, ‘प्यार मुझ से और शादी किसी और से. सब कुछ भूल गई. तू मेरी नहीं तो किसी दूसरे की भी नहीं हो सकती.’

पहली नजर में मामला प्रेमप्रसंग का नजर आ रहा था. पुलिस को लगा कि अंजना के किसी दिलजले प्रेमी ने इस वारदात को अंजाम दिया है. अब सवाल यह था कि अगर साजिश प्रेमी की थी तो उस ने लड़कियों का इस्तेमाल क्यों किया और वे इस के लिए तैयार क्यों हुईं?

पुलिस ने अंजना के पिता और अन्य लोगों से भी पूछताछ की. लेकिन कोई भी लड़कियों के बारे में कुछ नहीं बता सका. पिता ने किसी भी प्रकार की रंजिश होने से इनकार किया था. उन्होंने बेटी के किसी से प्रेमसंबंध की बात से भी इनकार किया था. पुलिस अस्पताल पहुंची. अंजना के चेहरे, आंख और शरीर के दाहिने कंधे पर तेजाब के छींटे पड़े थे, जहां छाले उभर आए थे. लेकिन उस की हालत खतरे से बाहर थी. पुलिस ने उसे सांत्वना दे कर पूछा, ‘‘क्या तुम उन लड़कियों को जानती हो?’’

‘‘नहीं सर, मैं ने उन्हें पहली बार देखा था.’’ अंजना ने बताया.

‘‘तुम्हें किसी पर शक है, कभी तुम्हें किसी ने धमकी तो नहीं दी थी?’’ पुलिस ने पूछा.

‘‘नहीं सर, मैं खुद नहीं जानती कि मेरे साथ उन्होंने ऐसा क्यों किया?’’

अंजना से पूछताछ के बाद भी पुलिस को जांच की कोई दिशा नहीं मिल सकी थी. लेकिन इतना जरूर समझ में आ गया कि हमले का मकसद विवाह को किसी भी तरह रुकवाना था. पुलिस ने सीसीटीवी रिकौर्डिंग से लड़कियों तक पहुंचने की सोची, लेकिन यह जान कर हैरानी हुई कि वहां सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे थे.

पुलिस ने अंजना के पिता की तहरीर पर अज्ञात लड़कियों के खिलाफ अपराध संख्या 529/2016 पर धारा 326ए के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था. बोहरा परिवार को चिंता इस बात की थी कि कहीं बेटी का रिश्ता न टूट जाए. लेकिन राहुल ने कह दिया था कि वह हर सूरत में अंजना को अपनाने को तैयार है.

दूसरी ओर अंजना को लगा कि उस के सपने चकनाचूर हो गए हैं. ऐसी घटनाएं वैसे भी इंसान को तोड़ कर रख देती हैं, लेकिन उस ने हालात का डट कर मुकाबला करने का फैसला किया. उस ने डाक्टरों से अपने मन की बात बताई, विवाह में हुए खर्च का वास्ता दिया तो डाक्टरों ने मरहमपट्टी कर के दवा दे कर उसे शादी की इजाजत दे दी.

रात करीब ढाई बजे अंजना को मंडप में लाया गया. किसी तरह दर्द को बरदाश्त कर अंजना ने विवाह की रस्मों को पूरा किया और सुबह फिर से अस्पताल जा पहुंची. दोपहर बाद वह ससुराल के लिए विदा हो गई. पुलिस ने दूल्हे राहुल से भी पूछताछ की थी, लेकिन उस ने भी किसी से अपनी रंजिश होने से इनकार किया था.इस के बावजूद कोई तो था, जिसे इस शादी से सख्त ऐतराज था. एसिड अटैक सुनियोजित तरीके से किया गया था और एसिड अटैक करने वालों के तार किसी न किसी रूप में दुलहन या दूल्हे से जुड़े थे.

एसपी (सिटी) समीर सौरभ के निर्देशन में घटना के खुलासे के लिए एक पुलिस टीम का गठन किया गया, जिस में थानाप्रभारी के अलावा सर्विलांस टीम के प्रभारी गितेश कपिल, महिला थानाप्रभारी सिमरजीत कौर, एसएसआई अमर सिंह, रिसाला चौकीइंचार्ज अरविंद चौहान, हैडकांस्टेबल राजबाला यादव, कांस्टेबल गिरजेश पोसवाल, भागेश्वर, अनुज कुमार और अरशद अहमद को शामिल किया गया.

अगले दिन पुलिस ने समारोह की वीडियो रिकौर्डिंग हासिल कर के जांच शुरू की. उस में 2 लड़कियां नजर आईं, लेकिन जब भी कैमरा उन की ओर होता, वे अपना चेहरा नीचे कर लेती थीं या दुपट्टे से छिपा लेती थीं. इस से साफ हो गया था कि लड़कियां वही थीं, लेकिन उन की पहचान नहीं हो सकी थी. इस तरह उन तक पहुंचना पुलिस के लिए संभव नहीं था.

पुलिस ने अंजना और राहुल के मोबाइल नंबरों की कौल डिटेल्स निकलवाई. अंजना के नंबर की काल डिटेल्स से तो कुछ ऐसा नहीं मिला कि जांच आगे बढ़ती. लेकिन राहुल की काल डिटेल्स में एक नंबर ऐसा मिला, जिस पर उस की खूब बातें हुई थीं. पुलिस ने उस नंबर के बारे में पता किया तो वह नंबर साल्वेशन आर्मी गर्ल्स हौस्टल में रहने वाली अनामिका टमटा का निकला.

पुलिस के शक के सुई उसी पर जा कर ठहर गई. पुलिस ने उस नंबर की घटना वाली रात की लोकेशन हासिल की तो उस की लोकेशन विवाह मंडप के नजदीकी टावर की पाई गई. इस के बाद उस की लोकेशन दिल्ली और फिर कैंट एरिया की पाई गई.पुलिस ने मोबाइल कंपनी में जमा आईडी से फोटो हासिल कर के अंजना को दिखाया तो उस ने बताया कि उस पर तेजाब डालने वाली यही लड़की थी.

आखिर 29 नवंबर, 2016 को पुलिस अनामिका तक पहुंच गई. पता चला कि उसी ने इस वारदात को अपनी सगी बहन शिवांगी के साथ मिल कर अंजाम दिया था. पुलिस ने दोनों बहनों को हिरासत में ले लिया. थाने ला कर पूछताछ की गई तो पता चला कि अनामिका राहुल से प्यार करती थी और उस से शादी करना चाहती थी. इसीलिए वह हर हाल में इस शादी को रुकवाना चाहती थी, जिस के लिए उस ने दुलहन पर तेजाब डालने की खतरनाक योजना बनाई थी. पुलिस पूछताछ में एक दिलजली प्रेमिका की जो कहानी निकल कर सामने आई, वह इस प्रकार थी—

मूलरूप से उत्तराखंड के रहने वाले वीरेंद्र टमटा की बेटी थी अनामिका. वह बरेली में रह कर पढ़ाई कर रही थी, जबकि उस की छोटी बहन शिवांगी एक अस्पताल में नर्स का प्रशिक्षण हासिल कर रही थी. दोनों बहनें गर्ल्स हौस्टल में रहती थीं. पुलिस को बताए अनुसार, अनामिका और राहुल एकदूसरे को 4 सालों से जानते थे. उन के बीच पहले दोस्ती हुई, उस के बाद उन में प्यार हो गया. उन का प्यार समय के साथ गहराता गया और उन्होंने साथसाथ जीनेमरने की कसमें खा लीं.

आगे चल कर अनामिका तो अपने वादे पर कायम रही, लेकिन समय के साथ राहुल का विचार बदल गया. उस की शादी अंजना से तय हो गई. जब इस की जानकारी अनामिका को हुई तो राहुल की इस बेवफाई पर वह काफी नाराज हुई. उस ने न सिर्फ राहुल को खूब खरीखोटी सुनाई, बल्कि उसे खूब समझाया भी. लेकिन राहुल अपने इरादे पर कायम रहा. उस ने साफ कह दिया कि वह विवाह अंजना से ही करेगा. अनामिका राहुल से दिल से प्यार करती थी. उस ने भले ही उस से बेवफाई की थी, लेकिन वह उसे खोना नहीं चाहती थी. राहुल को जीवनसाथी बनाने की उस की दिली ख्वाहिश थी.

यह बात अलग थी कि राहुल ने उस से दूरी बना ली थी. लेकिन अनामिका ने तय कर लिया था कि वह हर हाल में राहुल को जीवनसाथी बना कर रहेगी. चाहे इस के लिए उसे कुछ भी करना पड़े. वह राहुल को उस की बेवफाई का सबक सिखाना चाहती थी, लेकिन उस के प्यार ने उसे ऐसा करने से रोक दिया. उसे पता था कि राहुल जल्द ही विवाह कर लेगा. लेकिन विवाह की तारीख उसे पता नहीं थी. वह शातिरदिमाग लड़की थी, उस ने सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिए राहुल के भाई कंचन को अपना दोस्त बनाया और उसी से राहुल के विवाह की तारीख पता कर ली.

जैसेजैसे विवाह की तारीख नजदीक आ रही थी, अनामिका के दिल की धड़कनें बढ़ती जा रही थीं. उसे राहुल से ज्यादा नफरत अंजना से थी. उस की रातों की नींद उड़ी हुई थी. उस ने सोचा कि उसे कुछ ऐसा करना चाहिए कि राहुल अंजना से दूर हो जाए और रिश्ता टूट जाए. वह मैसेज कर के राहुल को मनाने की कोशिश भी करती रही.

जब उसे लगा कि यह विवाह हो कर ही रहेगा तो उस ने अंजना पर तेजाब डालने की खतरनाक योजना बना डाली. अनामिका ने सोचा था कि तेजाब से अंजना का चेहरा बिगड़ जाएगा तो राहुल खुद ही उस से विवाह करने से मना कर देगा. इल्जाम उस पर न आए और राहुल अंजना को चरित्रहीन समझे, इस की भी उस ने योजना कागज पर चंद लाइनें लिख कर तैयार कर ली थी.

उस ने सोचा था कि घटना के बाद उस कागज को वह वहीं छोड़ देगी, ताकि पुलिस भटक जाए. उसे लगे कि घटना को अंजना के किसी प्रेमी ने अंजाम दिया है. नफरत की आग में सुलगती अनामिका ने अपनी योजना में शिवांगी को भी शामिल कर लिया था. योजना के तहत अनामिका ने टौयलेट साफ करने वाले एक बोतल तेजाब का इंतजाम किया और विवाह वाली रात दोनों बहनें अच्छे कपड़े पहन कर समारोह स्थल पर पहुंच गईं.

कैमरे से मुंह छिपाते हुए दोनों बहनें दुलहन के कमरे तक पहुंचीं तो उस समय वहां कई महिलाएं॒मौजूद थीं. वे मौके का इंतजार करने लगीं. जब बारात आने को हुई तो सभी बारात के स्वागत के लिए बाहर चले गए और अंजना कमरे में अकेली रह गई. मौका मिलते ही दोनों ने घटना को अंजाम दे दिया और भाग निकलीं. अगले दिन दोनों बहनें दिल्ली के पीतमपुरा में एक रिश्तेदारी में चली गईं और 2 दिनों बाद वापस आईं.

अनामिका को उम्मीद थी कि पुलिस उस तक पहुंच नहीं पाएगी और राहुल हमेशा के लिए उस का हो जाएगा. लेकिन पुलिस की चौखट पर पहुंचते ही अनामिका के सारे सपने टूट गए. प्यारमोहब्बत में ऐसी स्थितियां आती रहती हैं. अनामिका ने राहुल को अपनी जिंदगी मान लिया था और जबरन उसे हासिल करने की जिद कर बैठी, जिस की वजह से आज उस के भविष्य पर सवालिया निशान लग गए हैं.

अगर उस ने विवेक से काम लिया होता और उस की बहन शिवांगी ने भी गलत काम में साथ देने के बजाए उसे समझाया होता तो शायद आज यह नौबत न आती.

पूछताछ के बाद पुलिस ने दोनों आरोपी बहनों को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रैट मयूर जैन की अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. अंजना का इलाज चल रहा है. समय के साथ उस के जख्म भर जाएंगे, लेकिन एक बात उसे सताती रहेगी कि आखिर उसे किस गुनाह की सजा मिली. राहुल का कहना था कि अनामिका से सिर्फ उस की दोस्ती थी, प्यार जैसा उस में कुछ भी नहीं था.

– कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

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