सुभाष सक्सेना उस दिन काफी खुश था. उस की खुशी का एक कारण यह भी था कि उस ने पिछले साल ही बीए की परीक्षा पास की थी. बीए करने के बाद वह नौकरी की तलाश में था. उस का सपना था कि मांबाप ने उसे बहुत ही तंगहाली में पढ़ाया था. अब वह सरकारी नौकरी पा कर अपने मांबाप की सेवा करना चाहता था.
पिछले कई महीनों से वह नौकरी की तलाश में था और उस ने कई कंपनियों में अपना बायोडाटा भी भेज रखा था. कहीं से भी उस का किसी भी नौकरी के लिए चयन नहीं हुआ था. फिर भी सुभाष निराश नहीं हुआ था. वह सोचता था कि आज बेरोजगारी के माहौल में काफी पढ़ेलिखे लडक़े कईकई वर्षों से नौकरी के लिए आवेदन कर रहे हैं, मगर उन की कहीं भी नौकरी नहीं लग पा रही है.
गत 3 माह पहले सुभाष सक्सेना ने वेबसाइट पर नौकरी की तलाश की थी. तभी उस की नजर भारतीय युवा खेल परिषद की वेबसाइट पर पड़ी थी. उस वेबसाइट पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की फोटो लगी हुई थी. इस वेबसाइट में युवकों को सरकारी नौकरी तथा विदेशों में नौकरी करने के लिए आवेदन पत्र आनलाइन मांगे गए थे. इस वेबसाइट द्वारा कई राज्यों में पीटी शिक्षक, रेलवे तथा इनकम टैक्स विभाग की नौकरियों के लिए भी युवाओं से आवेदन मांगे गए थे.
सुभाष सक्सेना उत्तराखंड के जिला देहरादून के मोहल्ला पटेल नगर का रहने वाला था. उस ने वेबसाइट देख कर इनकम टैक्स विभाग में नौकरी करने के लिए आनलाइन आवेदन कर दिया था. आवेदन करने के 25 दिनों के बाद उसे इनकम टैक्स विभाग का एक पत्र प्राप्त हुआ था. पत्र में लिखा था कि आप का चयन इनकम टैक्स विभाग में बतौर क्लर्क के पद पर हो गया है तथा आप को शीघ्र ही प्रशिक्षण के लिए बुलाया जाएगा.