42वर्षीय अजय पाठक जानेमाने सिंगर थे. भजन गायन में उन का देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी नाम था. वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिला शामली के लाइनपार क्षेत्र में स्थित पंजाबी कालोनी में अपने परिवार के साथ रहते थे. यह एक पौश कालोनी है.
उन के परिवार में पत्नी स्नेहलता के अलावा एक बेटी वसुंधरा (15 वर्ष) और बेटा भागवत (10 वर्ष) था. जिस मकान में उस का परिवार रहता था, उस के भूतल पर अजय पाठक के चाचा दर्शन पाठक रहते थे. 31 दिसंबर, 2019 की सुबह जब बुजुर्ग दर्शन पाठक सो कर उठे तो उन्हें अपने भतीजे अजय और उस के बच्चों की आवाज सुनाई नहीं दी.
दर्शन जब उन्हें देखने ऊपर की मंजिल पर गए तो वहां ताला लगा मिला. उन की ईको स्पोर्ट कार भी वहां नहीं थी. यह देख कर वह समझे कि अजय बीवीबच्चों के साथ ससुराल करनाल गया होगा. क्योंकि अजय ने उन से पिछली शाम ही कहा था कि वह कल सुबह करनाल जाएगा. जब भी अजय को ससुराल जाना होता था वह सुबह 5 बजे के करीब बीवीबच्चों को ले कर निकल जाया करते थे. यही सोच कर दर्शन पाठक अपने रोजमर्रा के कामों में लग गए.
अजय पाठक के अन्य भाई उसी कालोनी में अलगअलग मकानों में रहते थे. शाम के समय जब वह चाचा दर्शन पाठक के पास आए तो उन्हें पता चला कि अजय अपनी बीवी और बच्चों के साथ ससुराल करनाल गए हैं. उसी समय एक भाई दिनेश ने अजय से बात करने के लिए उन का फोन मिलाया. लेकिन अजय का फोन स्विच्ड औफ था.