मध्य प्रदेश के जिला नरसिंहपुर का गोटेगांव कस्बा जिस का नाम श्रीधाम है, शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की तपोस्थली के रूप में पूरे देश में जाना जाता है. 9 मई, 2023 की बात है. श्रीधाम रेलवे स्टेशन से चंद कदमों की दूरी पर ही पुलिस स्टेशन गोटेगांव में टीआई हिमलेंद्र पटेल अपने कक्ष में बैठे एक पुराने केस की फाइल पलट रहे थे, तभी एक 20-21 साल के नवयुवक ने उन के कमरे के सामने दस्तक देते हुए कहा, “सर, क्या मैं अंदर आ सकता हूं?”

“हां, आ जाइए.” टीआई ने कहा.

वह युवक कमरे में दाखिल हुआ और टीआई के इशारे पर कुरसी पर बैठ गया.

“बोलो क्या काम है?” फाइल से नजरें हटाते हुए टीआई बोले.

“सर, मेरा नाम शिवम कहार है. मेरे पिताजी सुनील कहार इस दुनिया में नहीं हैं. मैं बैलहाई इलाके में रहता हूं. सर, मेरे साथ बैलहाई में रहने वाले कमलेश पटेल और उस के साथियों ने मारपीट की है, मैं इस की रिपोर्ट लिखाने आया हूं.” घबराते हुए युवक बोला.

“आखिर मारपीट की कोई वजह भी तो होगी, राह चलते कोई किसी के साथ भला मारपीट क्यों करेगा?” टीआई पटेल ने उस से पूछा.

“सर, वजह कोई खास नहीं, पैसों के लेनदेन की वजह से कहासुनी हुई तो कमलेश और उस के दोस्त ब्रजेश, छोटू और अमन हाथापाई पर उतर आए.” शिवम ने बताया.

“किस तरह का लेनदेन था? क्या तुम ने उन लोगों से पैसे उधार लिए थे? उधारी का पैसा देने में कोताही कर रहे होगे?” टीआई पटेल सख्त हो कर बोले.

“नहीं सर, मैं ने किसी से पैसे उधार नहीं लिए थे. मुझे पैसों की जरूरत थी तो मैं ने अपने बैंक का एटीएम कार्ड और मोबाइल सिम कमलेश पटेल को दिया था. जब मैं ने अपने अकाउंट की डिटेल निकलवाई तो मुझे पता चला कि इस में 8-9 लाख रुपए का लेनदेन हुआ है. जब मैं ने कमलेश से अपना एटीएम वापस मांगा तो वह गालियां देने लगा. तभी उस के दोस्त भी वहां आ गए और सभी ने मिल कर मुझे खूब पीटा.” शिवम रोते हुए बोला.

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