”अजी सुनते हो? मेरा जी सुबह से ही न जाने क्यों घबरा रहा है. कई बार देवांश को फोन लगा चुकी हूं, लेकिन उस का फोन लग ही नहीं रहा. कभी स्विच्ड औफ तो कभी नौट रीचेबल बता रहा है.’’ सीमा परेशान होते हुए बोली.

पत्नी के मुंह से इतना सुनना था कि रामकिशोर यादव तपाक से बोल पड़े, ”तुम भी न बेवजह परेशान होने के साथ दूसरों को भी परेशान कर के रख देती हो.

”अरे बेटा है, अभी 2 दिन ही तो हुए हैं उसे वाराणसी गए कि तुम बेवजह परेशान होने लगी. लड़की तो है नहीं, जो उस की इतनी फिक्र किए जा रही हो. अरे भाई, अपने पुराने यार दोस्तों से मिलने चला गया होगा. मोबाइल बंद है या हो सकता है कि चार्ज न हो. इस में परेशान होने की वाली भला कौन सी बात है?’’

इतना कह कर रामकिशोर अखबार और चश्मा टेबल पर रख कर पत्नी की तरफ घूम गए. फिर भी सीमा का मन नहीं माना तो पति के पास आ कर बोली, ”एक बार आप भी देखें तो उस का मोबाइल लगातार स्विच्ड औफ ही आ रहा है. आज उसे बनारस गए 3 दिन हो गए हैं.’’

पत्नी की बात सुन कर रामकिशोर ने बेवजह पत्नी से बहस करने के बजाए जेब से मोबाइल निकाल कर बेटे देवांश का नंबर मिलाया तो वह स्विच औफ बता रहा था.  कई बार नंबर मिलाने पर भी जब काल नहीं लगी तो उन्होंने सोचा कि हो न हो मोबाइल डिस्चार्ज ही हो गया होगा, इस वजह से वह बंद है. फिर वह पत्नी की ओर मुखातिब होते हुए बोले, ”लग रहा है देवांश का मोबाइल चार्ज नहीं है इस वजह से स्विच्ड औफ बता रहा है, चार्ज होते ही बात हो जाएगी.’’

पत्नी को दिलासा दे कर रामकिशोर हाथ में जूट का झोला ले कर रोजमर्रा का सामान लेने के लिए मार्केट की ओर निकल गए थे.

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले के मऊ दरवाजा थाना क्षेत्र के कुइयावूट बाईपास निवासी रामकिशोर यादव पेशे से शिक्षक हैं. परिवार में पत्नी, इकलौते बेटे सहित उन का भरापूरा परिवार था.

उन का 22 वर्षीय इकलौता बेटा देवांश यादव बीएससी थर्ड ईयर की पढ़ाई दिल्ली में रह कर कर रहा था. रामकिशोर और उन की पत्नी इकलौते बेटे पर जान छिड़कते थे. 27 मई, 2023 से ही देवांश का मोबाइल फोन स्विच्ड औफ जा रहा था. 25 मई, 2023 को वाराणसी जाने की बात कह कर वह घर (फर्रुखाबाद) से निकला था.

मार्केट से सामान ले कर घर लौटने के बाद रामकिशोर ने पत्नी के कुछ बोलने से पहले ही बेटे देवांश का नंबर डायल किया तो उस समय भी वह स्विच्ड औफ आ रहा था. तभी उन के दिमाग में बेटे के दोस्त श्रीवत्स का खयाल आ गया. फिर उन्होंने श्रीवत्स से संपर्क किया तो पता चला कि श्रीवत्स की देवांश से 26 मई, 2023 की शाम बात हुई तो उस ने (देवांश) बताया था कि वह वाराणसी के अस्सी क्षेत्र स्थित पैराडाइज होटल में कमरा ले कर ठहरा है.

27 मई को श्रीवत्स ने फिर फोन किया तो देवांश का मोबाइल फोन स्विच्ड औफ था. श्रीवत्स ने होटल के रिसैप्शन पर फोन किया तो पता लगा कि देवांश अपने कमरे में नहीं है. उस का लैपटाप और बैग उस के कमरे में ही हैं. इस के बाद श्रीवत्स ने देवांश की परिचित बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) की छात्रा अनुष्का को फोन किया तो अनुष्का ने बताया कि देवांश से उस की लड़ाई हुई थी, इसलिए वह उस के बारे में नहीं जानती.

बेटे को तलाशने गए वाराणसी

श्रीवत्स से बेटे के बारे में इतनी जानकारी पाने के बाद रामकिशोर और उन की पत्नी सीमा को उस की ज्यादा चिंता होने लगी. इकलौते बेटे को ले कर तरहतरह की आशंकाएं मनमस्तिक में कौंधने लगी थीं.

बहरहाल, इस के बाद भी देवांश के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली तो वह और उन की पत्नी 29 मई, 2023 को बिना देर किए वाराणसी आ गए. वाराणसी आने के बाद वह पैराडाइज होटल जहां देवांश ठहरा था तथा उस के दोस्त आदि से बेटे के बारे में कोई जानकारी न मिलने पर भेलूपुर थाने में उस की गुमशुदगी दर्ज कराने पहुंच गए.

पुलिस ने कोई काररवाई करने के बजाए उन की तहरीर ले कर रख ली. रामकिशोर और उन की पत्नी बेटे को खोजने के लिए वाराणसी के गलीमोहल्लों से ले कर होटलों की खाक इस उम्मीद के साथ छानते रहे कि कहीं कोई बेटे की खबर मिल जाए.

देवांश के दोस्त और वाराणसी की गलियों को भी खंगालने पर जब कोई जानकारी नहीं हासिल हुई तो रामकिशोर पत्नी को ले कर कानपुर के लिए रवाना हो गए, जहां देवांश की परिचित छात्रा अनुष्का तिवारी का घर था. कानपुर में उन्हें कोई जानकारी तो नहीं मिली, बल्कि अनुष्का के घर वालों से रामकिशोर और उन की पत्नी को फटकार जरूर मिल गई.

आहत रामकिशोर ने फिर से वाराणसी आ कर भेलूपुर थाने के एसएचओ से मिले. उन्होंने आरोप लगाया कि अनुष्का के घर वालों ने ही देवांश को मारपीट कर हत्या कर उस का शव गायब कर दिया है.

रामकिशोर की तहरीर के आधार पर पुलिस ने कानपुर आउटर की रहने वाली और बीएचयू, वाराणसी की परास्नातक की छात्रा अनुष्का तिवारी, उस के पिता सौरभ तिवारी और चाचा सौजन्य तिवारी के खिलाफ भादंवि की धारा 364, 504, 506 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली.

मुकदमा दर्ज होने के बाद भी पुलिस हाथ पर हाथ रख कर बैठी रही. उधर देवांश का कोई पता न चलने पर रामकिशोर और उन की पत्नी की हालत बिलकुल बिगड़ने लगी थी. इसी बीच उन की मुलाकात युवा फाउंडेशन से जुड़ी सामाजिक कार्यकत्री सीमा चौधरी से हो गई.

सीमा चौधरी से मिलने के बाद रामकिशोर को आशा की उम्मीद नजर आने लगी. उन्हें लगा कि अब उन की इस लड़ाई में जरूर कुछ न कुछ बात आगे बढ़ेगी.

सीमा चौधरी के साथ रामकिशोर पत्नी को ले कर सीधे वाराणसी से लखनऊ आ गए. सीमा चौधरी के साथ लखनऊ में वह अपर पुलिस आयुक्त (मुख्यालय एवं अपराध) संतोष कुमार सिंह से मिले. रामकिशोर ने अपर पुलिस आयुक्त को देवांश के गायब होने की बात विस्तार से बता दी.

लखनऊ में अपर पुलिस आयुक्त (मुख्यालय एवं अपराध) संतोष कुमार सिंह को आपबीती सुनाने का असर यह हुआ कि वाराणसी पुलिस जो अभी तक हाथ पर हाथ धरे बैठी थी, अचानक से सक्रिय हो गई.

इस केस को सुलझाने के लिए डीसीपी (काशी) आर.एस. गौतम ने एक पुलिस टीम बनाई. इस टीम में एसआई चौकी इंचार्ज (अस्सी) राजकुमार वर्मा, वरुण कुमार शाही, ज्ञानमती तिवारी, दुर्गेश कुमार सरोज, कमांड सेंटर सिगरा, सर्विलांस टीम के इंसपेक्टर अंजनी पांडेय आदि शामिल थे.

मुकदमा दर्ज होने के बाद भी देवांश की कोई खोजखबर न मिलने से रामकिशोर और उन की पत्नी सीमा पुलिस से खिन्न थे तो वहीं दूसरी ओर मामले की विवेचना में लगे चौकी इंचार्ज (अस्सी) राजकुमार वर्मा देवांश का पता लगाने के लिए उस होटल में पहुंच गए, जहां देवांश ठहरा हुआ था. उन्होंने वहां जा कर पता लगाने से ले कर उस के दोस्त से भी पूछताछ की, लेकिन कोई खास सफलता नहीं मिली.

देवांश आखिरकार गया तो गया कहां?

यह गुत्थी सुलझने के बजाय उलझती जा रही थी. जांच अधिकारी को देवांश के साथ पढ़ी अनुष्का पर ही शक हो रहा था. इस आशंका से उन्होंने उच्च अधिकारियों को अवगत कराया तो उन्होंने इस केस को हर हाल में सुलझाने और जल्द से जल्द देवांश, चाहे जिस भी हाल में हो, को ढूंढने के निर्देश दिए.

उच्चाधिकारियों की हिदायत का असर यह हुआ कि देवांश प्रकरण में तेजी आ गई. संभावित स्थानों पर मुखबिरों को भी लगा दिया गया था. इसी बीच पुलिस टीम द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों से देवांश की परिचित छात्रा अनुष्का घेरे में आ रही थी.

इस के बाद पुलिस ने बिना कोई देर किए कानपुर के आवास विकास निवासी 21 वर्षीया अनुष्का तिवारी को हिरासत में ले लिया. उस से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने जौनपुर के गोला बाजार निवासी 21 वर्षीय राहुल सेठ और 25 वर्षीय शादाब आलम को भी गिरफ्तार कर लिया.

तीनों से पूछताछ की गई तो पता चला कि देवांश इस समय जीवित नहीं है, उस की हत्या कर दी गई है.

देवांश की हत्या की जो वजह सामने आई, वह प्रेम त्रिकोण की एक कहानी निकली—

नए प्रेमी के साथ बनाई खूनी योजना

देवांश यादव और अनुष्का तिवारी ने कानपुर नगर के सरस्वती ज्ञान मंदिर इंटर कालेज में कक्षा 6 से 9 तक साथसाथ पढ़ाई की थी, जिस से दोनों एकदूसरे से प्यार करने लगे थे. खुशमिजाज किस्म का देवांश अनुष्का पर जान छिड़कता था. वह पढ़लिख कर कुछ बनने की तमन्ना पाले आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली आ गया तो अनुष्का ने वाराणसी की राह थाम ली थी.

दोनों ने ही अलगअलग शहरों की राह पकड़ ली थी, लेकिन वे एकदूसरे को दिलोजान से चाहते थे. फुरसत मिलने पर दोनों काफीकाफी देर तक वीडियो काल कर एकदूसरे का दीदार करने के साथ भविष्य की कल्पनाओं में भी खो जाया करते थे. देवांश यादव जहां अपने प्यार के प्रति गंभीर और पूरे विश्वास में जी रहा था, वहीं अनुष्का वाराणसी आने के बाद से बदलने लगी थी. इस बदलाव का कारण भी कोई और नहीं बल्कि राहुल सेठ का साथ था, जिस से दोस्ती बढ़ने के बाद अनुष्का देवांश को नजर अंदाज करने लगी थी. राहुल सिंह भी वाराणसी में पढ़ाई कर रहा था.

अब अकसर देवांश जब भी अनुष्का से बात करना चाहता था तो वह या तो कोई बहाना बना कर टाल देती या उस की काल ही रिसीव नहीं करती थी. अनुष्का के अंदर अचानक से आए इस बदलाव को देख कर देवांश मन ही मन परेशान होने लगा था. उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि आखिरकार अनुष्का के अंदर यह परिवर्तन अचानक से कैसे आ गया है? समय बीतने के साथ अनुष्का के अंदर पहले से काफी कुछ बदलाव आ गया था.

अपने प्यार के अंदर अचानक से आए बदलाव को देख कर वह उदास रहने लगा था. मई महीने में कुछ दिनों की छुट्टी ले कर वह दिल्ली से अपने घर फर्रुखाबाद गया था. कुछ दिन घर रुकने के बाद वह 25 मई, 2023 को वाराणसी घूमने की बात कह कर वाराणसी आ गया था. वाराणसी आने के बाद उस ने अस्सी क्षेत्र के पैराडाइज होटल में एक कमरा बुक करा लिया था.

राहुल और शादाब ने पूछताछ में बताया कि देवांश यादव अनुष्का तिवारी से जबरदस्ती मिलना चाहता था और उसे परेशान करता था, जिस के कारण अनुष्का काफी परेशान चल रही थी. देवांश यादव की हरकतों से परेशान हो कर तीनों ने देवांश यादव की हत्या की योजना बनाई.

तय योजना के मुताबिक अनुष्का ने पहले देवांश को वाट्सऐप काल कर के वाराणसी बुलाया. 25 मई को जब देवांश वाराणसी आया तो उस ने पैराडाइज होटल में कमरा ले लिया. इसी दौरान उस की अनुष्का से मुलाकात भी हुई. अनुष्का ने योजना के तहत देवांश का भरोसा जीत लिया था.

अनुष्का से मिलते हुए देवांश ने कहा, ”तुम्हें पता है कि तुम्हारे बगैर मैं नहीं जी सकता.’’

देवांश की बात पूरी भी नहीं हुई थी कि अनुष्का बीच में ही उस की बात काटते हुए उत्साह से उस का हाथ पकड़ कर अपने हाथों में लेते हुए बोली, ”मैं भी कैसे जीती हूं तुम्हें क्या पता? पढ़ाई की वजह से मैं बात नहीं कर पा रही थी तो तुम कुछ और ही सोचने लगे थे.’’

”अरे… अरे ऐसी बात नहीं है अनुष्का, तुम जिस दिन बात नहीं करती हो उस दिन मेरा मन किसी काम, पढ़ाईलिखाई में भी नहीं लगता.’’

कुछ देर अनुष्का के साथ बिताने के बाद देवांश होटल के अपने कमरे में चला गया था. अनुष्का के प्रति देवांश जहां पूरी तरह से आश्वस्त हो चला था तो वहीं अनुष्का के मन में चल रही साजिश से वह पूरी तरह से अनजान था.

27 मई, 2023 को अनुष्का ने साजिश के तहत देवांश को अस्सी नाला पुलिया के पास बुलाया, जहां पहले से ही वह इटिओस कार के साथ खड़ी थी. देवांश के करीब पहुंचे ही अनुष्का ने कार का दरवाजा खोल कर पीछे की सीट पर अपने बगल में देवांश को भी बैठा लिया.

गाड़ी शादाब चला रहा था, जबकि राहुल सेठ स्कूटी से कार के पीछेपीछे चल रहा था. कार में बैठने के बाद अनुष्का ने मैंगो जूस देवांश को पीने के लिए दिया, जिसे पीते ही देवांश झपकी लेने लगा था.

दरअसल, देवांश के जूस में अनुष्का ने नींद की गोलियों का पाउडर डाल दिया था, जिसे पीते ही कुछ देर बाद देवांश लुढ़क गया था. देवांश के बेहोश होने पर कार को तेजी से चंदौली की ओर दौड़ा दिया गया था कि इसी बीच देवांश के शरीर में हलचल होती देख अनुष्का घबरा गई. एक सुनसान जगह देख कर शादाब ने गाड़ी रोकी और अनुष्का के साथ मिल कर सड़क के किनारे पड़ी गिट्टियों पर देवांश को पटक दिया. तभी राहुल सेठ ने पेचकस से देवांश के गले और सीने में अनगिनत वार कर उस की हत्या कर दी. फिर उस की लाश को फेंक कर चलते बने.

जहां पर देवांश की लाश को फेंका गया था, वहां सड़क कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था. देवांश को मौत की नींद सुलाने के बाद उन्होंने उस के मोबाइल को बिहार की ओर जा रहे एक ट्रक पर फेंक दिया और वापस वाराणसी लौट आए थे. देवांश की हत्या करने के बाद उस की लाश को जिस स्थान पर फेंका गया था, वह चंदौली जिले के सिंघीताली पुलिया के पास का था.

उधर एक युवक की लाश मिलने की जानकारी होने पर चंदौली पुलिस शव को कब्जे में ले कर छानबीन में जुटी हुई थी, लेकिन कोई जानकारी नहीं हो पाई थी. युवक की हत्या क्यों हुई, किस ने और क्यों की, यह रहस्य बना हुआ था, लेकिन वाराणसी जिले के भेलूपुर थाना पुलिस ने इस त्रिकोणीय प्रेम प्रसंग हत्याकांड का खुलासा करते हुए प्रेमिका सहित 3 को गिरफ्तार कर परतदरपरत देवांश हत्याकांड मामले का खुलासा खुदबखुद होता चला गया. हत्यारे प्रेमीप्रेमिका और एक अन्य युवक को भेलूपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर डीसीपी (काशी) आर.एस. गौतम व एडीसीपी चंद्रकांत मीणा के सामने पेश किया तो उन्होंने प्रैस कौन्फ्रैंस कर केस का खुलासा कर दिया.

अभियुक्तों की निशानदेही पर पुलिस ने आलाकत्ल पेचकस व घटना में प्रयुक्त स्कूटी के साथ ही मृतक देवांश की चप्पलें, फटी हुई टीशर्ट का टुकड़ा, लोअर, कड़ा व कलावा भी बरामद कर लिया.

पुलिस ने हत्या के आरोपी राहुल सेठ, शादाब आलम और अनुष्का तिवारी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

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