ओडिशा में महिला शिक्षिका ममिता मेहेर की सनसनीखेज हत्या में प्रदेश के गृह राज्यमंत्री दिव्यशंकर मिश्रा का नाम उछलने से नवीन पटनायक सरकार सकते में है. आखिर देश में कब तक और कितनी निर्भयाएं इस तरह हवस और हत्या का शिकार बनती रहेंगी?

ओडिशा के कालाहांडी जिले के महालिंग इलाके में सनशाइन पब्लिक स्कूल की 27 वर्षीय शिक्षिका ममिता मेहेर की हत्या की तह में सैक्स स्कैंडल, शोषण, धमकी, रहस्य, षडयंत्र, सफेदपोश नेताओं के काले कारनामे, पुलिस की मिलीभगत, पैसा, दबाव, लालच सब कुछ है.

इस हत्याकांड की जांच अगर गहराई से हो जाए तो प्रदेश की सत्ता में बैठे कई नेताओं की गरदन कानून के शिकंजे में हो सकती है, लेकिन क्या प्रदेश पुलिस में इतनी हिम्मत है कि वह अपने आकाओं की आंखों में आंखें डाल कर सवाल पूछ सके?

शायद नहीं. तभी तो पूरा मामला सिर्फ स्कूल संचालक के इर्दगिर्द ही लपेट दिया गया है, वह भी तब जब जनता ने सड़क पर उतर कर बवाल करना शुरू किया था. जब सामाजिक संगठनों और विपक्षी दलों ने सड़क पर उतर कर आवाज उठानी शुरू की. जब ट्विटर पर ‘जस्टिस फौर ममिता’ की मांग उठने लगी.

8 अक्तूबर, 2021 को सनशाइन स्कूल की इंग्लिश टीचर ममिता मेहेर अचानक लापता हो गई. 12 अक्तूबर को उस के परिजन काफी मुश्किलों के बाद उस की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा पाए. पुलिस तो इस मामले को दर्ज करने को ही तैयार नहीं थी, मगर जब भारी दबाव में मामला दर्ज हुआ तो उस के बाद भी पुलिस द्वारा ममिता को ढूंढने का कोई प्रयास नहीं किया गया.

आखिरकार जब सोशल मीडिया पर मामला ट्रेंड होने लगा और ट्विटर पर स्कूल संचालक और मालिक गोविंद साहू के साथ सत्तारूढ़ बीजद सरकार के गृह राज्यमंत्री दिव्यशंकर मिश्रा का नाम भी उछलने लगा, तब पुलिस की नींद टूटी.

तब 17 अक्तूबर को पुलिस ने आननफानन में उस स्कूल के संचालक और मालिक गोविंद साहू को गिरफ्तार किया, जिस पर ममिता को गायब करने का शक ममिता के घर वालों ने जताया था.

8 अक्तूबर को ममिता गोविंद साहू के बुलाने पर उस के साथ कहीं गई थी और फिर वापस नहीं लौटी. ममिता मेहेर गोविंद साहू के सनशाइन पब्लिक स्कूल में इंग्लिश की टीचर भी थी और बालिका छात्रावास की वार्डन भी.

ममिता और गोविंद साहू के बीच पिछले कई महीने से विवाद चल रहा था. यह विवाद था स्कूल की शिक्षिकाओं के यौन शोषण को ले कर. ममिता स्कूल में चल रहे कई गैरकानूनी और अनैतिक कार्यों का विरोध कर रही थी, जिस के चलते गोविंद साहू से उस की कई बार तकरार हो चुकी थी.

इसलिए ममिता के गायब होने पर पहला शक गोविंद पर था. मगर राज्य के बड़ेबड़े नेताओं तक उस की पहुंच होने की वजह से पुलिस उस पर हाथ डालने से बच रही थी.

लेकिन सामाजिक संगठनों और विपक्षी दलों के भारी दबाव में अंतत: पुलिस को उसे गिरफ्तार करना पड़ा. मगर पुलिस की लापरवाही देखिए कि पूछताछ के दौरान आरोपी थाने से बाथरूम जाने के बहाने पुलिस को चकमा दे कर निकल भागा.

खैर, 2 दिन की मशक्कत के बाद वह फिर पुलिस के हत्थे चढ़ा और तब जा कर उस ने ममिता मेहेर की हत्या की बात कुबूली और उस की लाश पुलिस बरामद करवाई.

गोविंद साहू की निशानदेही पर 19 अक्तूबर को एक निर्माणाधीन स्टेडियम से ममिता की सड़ीगली अधजली लाश बरामद हुई, जिसे पहचानना भी मुश्किल था. यह निर्माणाधीन स्टेडियम सनशाइन स्कूल का ही था.

पुलिस को घटनास्थल से सोने की चेन, पायल और अन्य सामान भी मिला, जिसे ममिता के घर वालों ने पहचानते हुए कहा कि यह ममिता का ही है. बाद में ममिता की पहचान पुख्ता करने के लिए पुलिस ने लाश का डीएनए टेस्ट भी करवाया.

क्या है यह पूरा मामला

ओडिशा के बालांगीर जिले के तुरीकेला इलाके की रहने वाली ममिता मेहेर 8 अक्तूबर, 2021 को गायब हुई. तब 12 अक्तूबर को ममिता के घर वालों ने बालांगीर जिले के सिंधेकेला थाने में स्कूल के मालिक और संचालक गोविंद साहू पर शक जताते हुए पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई.

उन्होंने पुलिस को बताया कि गोविंद साहू ने किसी काम के सिलसिले में ममिता को बुलाया था, लेकिन उस ने ममिता को स्कूल न बुला कर चंदोतारा नामक जगह आने को कहा था.

ममिता चंदोतारा तक बस से गई थी और वहां से गोविंद ममिता को अपनी कार में ले गया था. मगर उस के बाद ममिता का फोन स्विच्ड औफ हो गया और फिर उस का कुछ पता नहीं चला.

रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही. बाद में जब मामला सोशल मीडिया पर तूल पकड़ने लगा और लोगों ने थाने का घेराव करना शुरू किया, तब जा कर 17 अक्तूबर को गोविंद साहू को पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया.

गोविंद ने पुलिस को बताया कि 8 अक्तूबर को वह ममिता को अपनी कार से ले कर भवानीपटना गया था और लौटते समय उस ने कार के अंदर ही उस की गला दबा कर हत्या कर दी थी.

एक दिन पहले यानी 7 अक्तूबर को साहू ने डोजर से कालाहांडी जिले के महालिंग में सनशाइन इंग्लिश मीडियम स्कूल के स्टेडियम निर्माण स्थल पर एक गड्ढा पहले से खुदवा लिया था.

ममिता की हत्या करने के बाद वह उस के शव को उसी जगह ले गया, जहां उस ने पहले उस की लाश जलाई और फिर अधजली लाश उस गड्ढे में दफना दी. पुलिस के मुताबिक, ममिता की हत्या की साजिश में कई लोग शामिल हैं और यह एक पूर्व नियोजित हत्या थी.

इस हत्याकांड में गोविंद साहू की मदद करने वाले जेसीबी ड्राइवर पुष्कर भोई और स्कूल के क्लर्क गुप्तेश्वर को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. ड्राइवर पुष्कर भोई और  क्लर्क गुप्तेश्वर के जरिए गोविंद साहू ने ममिता के शव को लकड़ी और पुराने टायर के बीच रख कर आग लगा कर जलाने का प्रयास किया और फिर अधजली लाश को गड्ढे में डाल कर दफना दिया गया.

पुष्कर भोई और गुप्तेश्वर ने भी पुलिस के सामने अपना अपराध स्वीकार कर लिया और दोनों आरोपी गोविंद के खिलाफ गवाही देने को भी तैयार हो गए. लेकिन इस पूरे मामले के तार सत्ता में बैठे नेताओं से जुड़े हैं, जिन के काले कारनामे उजागर न हो पाएं, इसलिए उन के इशारे पर ममिता मेहेर को हमेशा के लिए खामोश कर दिया गया. क्या उन ऊंची कुरसियों तक पुलिस के हाथ पहुंचेंगे, यह बड़ा सवाल है.

ममिता के भाई ने खोला राज

ममिता के भाई बंटी ने सनशाइन स्कूल में गोविंद साहू द्वारा संचालित देह के धंधे को उजागर करते हुए बताया कि उस की बहन गोविंद के काले कारनामों का विरोध कर रही थी. उस ने धमकी दी थी कि अगर वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आया तो वह उसे और उस के आकाओं को बेनकाब कर देगी. इसीलिए गोविंद ने उस की बहन की निर्ममता से हत्या कर दी.

बंटी ने ममिता के एक सहकर्मी से इस सिलसिले में फोन पर हुई औडियो क्लिप भी जारी की, जिस में वह बंटी को स्कूल की महिला कर्मचारियों के यौन उत्पीड़न में गोविंद की संलिप्तता के बारे में बता रहा है. इस में उस ने यह भी कहा कि ममिता के गायब होने से एक दिन पहले गोविंद ने एक आधिकारिक बैठक के बहाने उसे बुलाया था.

बंटी ने आरोप लगाया कि इस कांड में सिर्फ गोविंद ही दोषी नहीं है, बल्कि इस के पीछे सत्ता में बैठे कई नेता शामिल हैं. खासतौर पर प्रदेश के गृह राज्यमंत्री दिव्यशंकर मिश्रा, जिन का वरदहस्त गोविंद साहू पर है और जो आए दिन स्कूल में डेरा जमाए रहते हैं.

यही नहीं, दिव्यशंकर मिश्रा कई बार रात को भी स्कूल में ठहरते थे. उन के लिए वहां बाकायदा एक बढि़या एसी रूम बना हुआ है.

गोविंद साहू की गिरफ्तारी के बाद जांच में उस के कई और गैरकानूनी करतूतों की कलई धीरेधीरे खुल रही है. धोखा दे कर लोगों की जमीनें हड़पने से ले कर पूर्व में ट्रैक्टर से कुचल कर एक लड़की की हत्या करने का पुराना मामला भी सामने आ गया.

रात में स्कूल में रुकने का औचित्य

ममिता के परिवार का आरोप है कि गोविंद साहू स्कूल की महिला कर्मचारियों का यौन शोषण करता था और उन्हें धमकी और लालच दे कर अपने साथ और स्कूल में आने वाले सफेदपोश नेताओं, अधिकारियों के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करता था. दिव्यशंकर मिश्रा उसी जूनागढ़ से विधायक हैं, जहां सनशाइन स्कूल स्थित है.

मंत्री दिव्यशंकर मिश्रा राज्य सरकार के अन्य मंत्रियों के साथ गोविंद के स्कूल में आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में आते रहते थे. इन कार्यक्रमों में वह मंत्रियों से स्कूल के बारे में अच्छाअच्छा बोलने को भी कहते थे. इस का भी एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है.

ममिता के घर वालों का आरोप है कि मंत्री दिव्यशंकर मिश्रा मौजमस्ती के इरादे से ही इस स्कूल में आए दिन चक्कर काटते थे और रात को भी वहां ठहरते थे. यह बात ममिता को पता थी और वह इस का विरोध करती थी. जिस के चलते गोविंद साहू से उस की कई बार झड़प हुई थी.

छात्रावास के गुप्त कमरे का राज

स्कूल के प्लस-3 छात्रावास में एक गुप्त कमरे को ले कर भी सवाल उठ रहे हैं. इस गुप्त कमरे में एसी समेत होटल जैसी आधुनिक सुखसुविधाएं मौजूद हैं.

आरोप है कि इसी कमरे में नेताओं, अधिकारियों को रात में ठहराया जाता था और इसी 20 नंबर कमरे में महिला टीचर्स का यौन शोषण होता था.

हालांकि पुलिस ने अभी तक इस बाबत कोई जांच शुरू नहीं की है. कालाहांडी जिला परिषद की अध्यक्ष नमितारानी साहू कहती हैं कि यूं तो राज्य सरकार के कई मंत्री इस स्कूल में आते थे, मगर दिव्यशंकर मिश्रा तो हर सप्ताह इस स्कूल का दौरा करते थे.

वह सवाल उठाती हैं कि इस क्षेत्र में 3 और भी कालेज हैं, लेकिन वह हर बार एक ही संस्थान का दौरा क्यों करते थे? वह इस स्कूल को सरकारी सहायता भी दे रहे थे. कई बार रात में भी यहीं रुकते थे. आखिर क्यों?

ममिता और गोविंद साहू के बीच चल रही तकरार से दिव्यशंकर मिश्रा काफी परेशान थे. दरअसल, ममिता ने गोविंद साहू को धमकी दी थी कि वह बाज आ जाए और स्कूल में चल रहे अनैतिक कृत्यों को बंद करवाए वरना वह पूरे मामले का भंडाफोड़ कर देगी.

सच्चाई उजागर होने का था डर

ममिता स्कूल में चल रहे सैक्स रैकेट का परदाफाश करने के काफी करीब भी पहुंच गई थी. वह किसी भी वक्त मीडिया के सामने सारे सबूत रख कर सब को नंगा कर सकती थी. यही वजह थी कि गोविंद साहू उसे रोकने की भरपूर कोशिशों में जुटा था.

दोनों के बीच सुलहसमझौता कराने के लिए मंत्री दिव्यशंकर मिश्रा ने भी दोनों को अपने रायपुर वाले आवास पर बुलाया था. लेकिन वहां बात बनी नहीं. ममिता स्कूल में जारी अनैतिक कृत्यों पर किसी तरह के समझौते को तैयार नहीं थी.

भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय महापात्र का कहना है कि इस मामले में मंत्री दिव्यशंकर मिश्रा, गोविंद साहू और ममिता के फोन काल रिकौर्ड की जांच पुलिस को करनी चाहिए. इन तीनों के काल रिकौर्ड से ही काफी कुछ साफ हो जाएगा.

आखिर एक गृह राज्यमंत्री को एक स्कूल टीचर से ऐसा क्या काम पड़ गया कि उन्होंने उसे अपने आवास पर बुलाया? इस के पीछे की वजह पता करना जरूरी है.

हालांकि पुलिस ने दिव्यशंकर मिश्रा की कुछ काल रिकौर्ड की जांच कर इस की सीलबंद रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजी है. पर लगता है कि रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी दबा कर बैठे हैं.

विजय महापात्र कहते हैं कि मुख्यमंत्री को स्वयं रिकौर्ड मंगा कर काररवाई का आदेश देना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस हत्याकांड की निष्पक्ष जांच तभी संभव है, जब दिव्यशंकर मिश्रा अपने पद से इस्तीफा दें, क्योंकि उन के पद पर बने रहते पुलिस न तो उन से कोई पूछताछ करेगी और न उन के खिलाफ कोई काररवाई हो सकेगी.

इस पूरे मामले में अब राष्ट्रीय महिला आयोग तथा राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी हस्तक्षेप किया है. दोनों ही आयोगों ने मामले की रिपोर्ट सरकार से तलब की है.

कांग्रेस के केंद्रीय दल ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के निर्देश पर ममिता मेहेर के घर जा कर परिजनों से मुलाकात की और पीडि़त परिवार को आश्वासन दिया कि कांग्रेस इस हत्याकांड में पीडि़त परिवार को न्याय दिलाने तक लड़ाई लड़ती रहेगी.

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने इस पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए पार्टी की महिला नेताओं की 3 सदस्यीय कमेटी बनाई, जो राज्य में जा कर पूरे मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष को सौंपेगी.

इस 3 सदस्यीय कमेटी में हरियाणा से लोकसभा सांसद सुनीता दुग्गल, भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं तमिलनाडु से विधायक वानाती श्रीनिवासन और पश्चिम बंगाल से विधायक श्रीरूपा मित्रा चौधरी शामिल हैं.

वहीं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट कर कहा है, ‘ओडिशा जैसे राज्य में महिला अपराध और उत्पीड़न की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. यह कोई आम अपराध नहीं है. चीफ मिनिस्टर को मामले की गंभीरता का संज्ञान लेते हुए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन लेना चाहिए.’

स्कूल टीचर ममिता मेहेर की नृशंस हत्या ने ओडिशा में बीजू जनता दल सरकार में महिलाओं की सुरक्षा को ले कर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. आखिर देश में कब तक और कितनी निर्भयाएं इस तरह हवस और हत्या का शिकार बनती रहेंगी?

अनैतिकता के कीचड़ में धंसे लोग आखिर शिक्षा के मंदिरों में नैतिकता का पाठ किस तरह पढ़ाएंगे? ऐसे स्कूलों में जहां शिक्षिकाएं सुरक्षित नहीं हैं, वहां छोटीछोटी मासूम बच्चियां कैसे सुरक्षित होंगी?

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