Chhattisgarh Crime : लौकडाउन सब से बड़ी मुसीबत बना पीनेपिलाने वालों के लिए. लेकिन पैसे वाले अपने लिए कोई न कोई राह निकाल ही लेते हैं. आकाश गुप्ता ने शराब का जुगाड़ कर के अपने दोस्तों सौरभ और सुनील को पिलाने के लिए बुलाया. दोनों आ भी गए लेकिन...

छत्तीसगढ़ के सरगुजा का शहर अंबिकापुर.रात के लगभग 8 बजे थे, कोरोना महामारी के चलते देशभर में लौकडाउन चल रहा था. जिधर देखो, उधर ही सन्नाटा. छत्तीसगढ़़ सरगुजा संभाग के ब्रह्म रोड, अंबिकापुर स्थित अपने आवास के बाहर खड़े सौरभ अग्रवाल ने मोबाइल से अपने चचेरे भाई सुनील अग्रवाल को काल लगाई. काल रिसीव हुई तो उस ने पूछा, ‘‘क्या कर रहे हो भाई? वैसे कर ही क्या सकते हो, चारों ओर तो सन्नाटा पसरा है.’’

हैलो के साथ सुनील ने दूसरी ओर से कहा, ‘‘घर पर बैठा हूं, टीवी पर कोरोना की खबरों के अलावा कुछ है ही नहीं. देखदेख कर बोर हो रहा हूं. कभी मौतों के आंकड़े आते हैं तो कभी मरीजों के. देख कर लगता है, जैसे अगला नंबर मेरा ही है.’’

हलकी हंसी के साथ सौरभ बोला, ‘‘आओ, आकाश के यहां चलते हैं. कह रहा था, टाइम पास नहीं हो रहा, सारी व्यवस्था कर रखी है उस ने.’’

सौरभ ने इशारे में सुनील को बता दिया. लेकिन वह तल्ख स्वर में बोला, ‘‘तू आकाश के चक्कर में मत रहा कर. उस क ी जुबान की कोई कीमत नहीं है. पिछले डेढ़ साल से चक्कर पर चक्कर कटवा रहा है, एक नंबर का बदमाश है.’’

‘‘भाई, समयसमय की बात है, कभी करोड़ों का आसामी था, उस के पिता की तूती बोलती थी सरगुजा में... समय का मारा है बेचारा. रही बात मकान की तो चिंता क्यों करते हो, पक्की लिखापढ़ी है, मकान तो उस के पुरखे भी खाली करेंगे.’’ सौरभ ने आकाश का पक्ष रखने की कोशिश की.

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