Crime News : यौन शोषण से ले कर धर्मांतरण करवाने वाले माफिया जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा का साम्राज्य भले ही ध्वस्त हो गया हो, लेकिन उस के कारनामे से अनगिनत युवतियों की जिंदगी बरबाद हो गई. कैसे हुआ यह सब? कैसा था उस का माफिया राज और कहां से कहां तक जुड़े थे उस के तार और आमदनी का जरिया? पढ़ें, इस कहानी में.

राजधानी दिल्ली के एनसीआर का एक औद्योगिक क्षेत्र है फरीदाबाद. यहां मिलेजुले समुदाय के कामकाजी लोगों की घनी आबादी है. यहीं पर संजय कालोनी की गली नंबर 66 में रहने वाली नेहा खान से विनीता (परिवर्तित नाम) साल 2023 के अप्रैल महीने में अचानक टकरा गई थी. दोनों की उम्र में ज्यादा अंतर नहीं था. विनीता जे.पी. हाईस्कूल के पास रहती थी. वहीं से दोनों का अकसर आनाजाना होता था. आतेजाते उन के बीच दोस्ती हो गई. जल्द ही दोनों में मेलजोल इस कदर बढ़ गया था कि वे अपनेअपने सुखदुख और पारिवारिक समस्याओं को साझा करने लगी थीं. यहां तक कि वे एकदूसरे के घर भी आनेजाने लगीं.

 

एक दिन विनीता जब नेहा खान के घर पर थी, तब उस का परिचय उस के भाई आमिर हुसैन से हुआ. नेहा हमेशा आमिर की तारीफ करती रहती थी. उस से मिल कर विनीता को भी बहुत अच्छा लगता था. उस के बारे में जैसा सुना था, वैसा ही पाया. उस से मिल कर विनीता को कितना अच्छा लगा, इस का तो पता नहीं, लेकिन नेहा उसे बारबार एहसास करवाने लगी थी कि आमिर उसे पसंद करने लगा है. एक दिन नेहा बोली, ''विनीता, आमिर तुम्हारा फोन नंबर मांग रहा था, कोई ऐतराज न हो तो उसे दे दूं?’’

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