Social Crime : वैसे तो भारत में रोजाना रेप के लगभग 88 केस दर्ज होते हैं, लेकिन शिमला में नाबालिग गुडि़या के साथ हुए रेप केस की गूंज पूरे भारत में गई. सीबीआई जांच में इस केस के आरोपी को सजा तो मिल ही गई. साथ ही हिमाचल पुलिस के आईजी, एसपी, इंसपेक्टर सहित 9 पुलिसकर्मियों को भी सीबीआई ने गिरफ्तार कर जेल भेजा. आखिर यह कैसे हुआ...
हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के कोटखाई इलाके की बहुचर्चित गुडि़या रेप-हत्याकांड की जांच पूरी हो चुकी थी. 21 अप्रैल, 2021 को जिला सत्र न्यायालय राजीव भारद्वाज की अदालत में सुनवाई हुई. अदालत में सीबीआई की ओर से सरकारी वकील अमित जिंदल दमदार तरीके से अपनी दलीलें पेश कर रहे थे तो वहीं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता महेंद्र एस. ठाकुर ताल ठोक कर मजबूती से अपने पांव जमाए हुए थे. आरोपी था अनिल उर्फ नीलू उर्फ चरानी, जो दया का पात्र बना कठघरे में खड़ा था. इस दौरान उस के चेहरे का रंग उड़ा हुआ था. उस पर नाबालिग गुडि़या के रेप और मर्डर का आरोप लगा था.
उसे घटना के करीब एक साल बाद सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. नीलू के खिलाफ 29 मई, 2018 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया था. उस के खिलाफ चल रहे ट्रायल में कुछ बिंदुओं पर कोर्ट में बहस हुई. बचाव पक्ष के अधिवक्ता महेंद्र एस. ठाकुर ने कहा, ‘‘माई लार्ड, मुकदमे की काररवाई शुरू करने की इजाजत चाहता हूं.
‘‘इजाजत है.’’ विद्वान न्यायाधीश राजीव भारद्वाज ने मुकदमा शुरू करने की इजाजत दी.
‘‘मी लार्ड, जैसा कि सभी जानते हैं कि नाबालिग गुडि़या रेप एंड मर्डर केस का अदालत में मुकदमा चल रहा है और यह मुकदमा अंतिम पड़ाव पर है.’’